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Lucknow News: सावधान! महंगे तेल और सब्जियों के बाद, अब महंगी बिजली से लगेगा झटका
Lucknow News: उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग बिजली की दरों में औसतन 15 से 20 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी कर सकता है। ये बढ़ी हुई दरें अगले वर्ष पहली अप्रैल से लागू होंगी।
Lucknow News: बढ़ती महंगाई और घटती आमदनी से मिडिल क्लास पहले से ही परेशान था लेकिन अब महंगे तेल और सब्जियों के बाद महंगी बिजली भी झटका देने वाली है। जी हां उत्तर प्रदेश में अब बिजली की दर 15 से 20% तक बढ़ सकती है।
बिजली विभाग को घाटा तो उपभोक्ताओं पर भार
अभी बिजली इकाइयों के निजीकरण की चर्चा हो ही रही थी कि इस बीच बिजली विभाग ने उपभोक्ताओं को एक बड़ा झटका दे दिया। यह झटका अगले वर्ष 1 अप्रैल से लगने वाला है। दरअसल बिजली कंपनियों ने अगले वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग में तकरीबन 1.16 लाख करोड़ रुपये का एआरआर यानी वार्षिक राजस्व की आवश्यकता का प्रस्ताव दाखिल कर दिया है। आयोग को सौंपे गए इस प्रस्ताव में यदि बिजली की मौजूदा दरें लागू रहती हैं तो ऐसे स्थिति में लगभग 13 हजार करोड़ रुपये का राजस्व घाटा होगा। अब कहा जा रहा है कि आयोग बिजली की दरों में औसतन 15 से 20 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी कर सकता है। ये बढ़ी हुई दरें अगले वर्ष पहली अप्रैल से लागू होंगी।
क्या निजीकरण से पहले तैयार किया जा रहा है माहौल?
लोग अनुमान लगा रहे हैं कि निजीकरण से पहले ऐसा माहौल तैयार किया जा रहा है ताकि भविष्य में निजीकरण के समय यह साबित किया जा सके कि निजी कंपनियां पहले के मुकाबले कम दरों पर बिजली सप्लाई दे रही हैं।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा का कहना है कि जब बिजली कंपनियों पर उपभोक्ताओं का 33,122 करोड़ रुपये सरप्लस आ रहा था तो फिर 13 हजार करोड़ रुपये का राजस्व गैप होने के बावजूद कंपनियों को बिजली की दरों में कमी का प्रस्ताव देना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं हुआ और न ही दरें बढ़ाई गईं, उन्होंने कहा कि विरोध प्रस्ताव दाखिलकर इस बार भी बिजली की दरें नहीं बढ़ने देंगे। बिजली विभाग की मंशा यदि साफ होती तो एआरआर में बिजली की दर न बढ़ाने के संबंध में लिखना चाहिए था।