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Lucknow News: शीतलहर से गाय की मौत, हेल्पलाइन ने कहा सुबह 9 से शाम 6 बजे तक मिलती है मदद
Lucknow News: राजधानी लखनऊ में भीषण ठंड के चलते लोगों की बढ़ती समस्याओं को देखते हुए जिला प्रशासन अलग अलग तरह से इंतजाम करता हुआ नजर आ रहा है
Lucknow News: राजधानी लखनऊ में भीषण ठंड के चलते लोगों की बढ़ती समस्याओं को देखते हुए जिला प्रशासन अलग अलग तरह से इंतजाम करता हुआ नजर आ रहा है लेकिन सड़क पर घूमने वाले बेजुबान जानवरों को इस ठंड से बचाने के लिए प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन के सभी दावे फेल होते हुए नजर आ रहे हैं। इसी के चलते देर रात करीब 1 बजे लखनऊ के पॉलिटेक्निक चौराहे पर सड़क पर एक गाय की प्रशासन की लापरवाही की वजह से मौत हो गई। वहां से गुजर रहे राहगीरों ने समय रहते गाय को बचाने का बहुत प्रयास किया, लेकिन लखनऊ प्रशासन के हेल्पलाइन नंबरों पर कोई रेस्पॉन्स न मिलने की वजह से समय बीत गया औऱ उसकी मौत हो गई।
राहगीरों ने नगर निगम से किया संपर्क, नहीं मिली मदद
जानकारी के अनुसार, घटनास्थल के पास से गुजर रहे राहगीरों ने नगर निगम के कंट्रोल नंबर पर तड़प रही गाय की मदद के लिए करीब 1 घंटे तक संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन निगम के कंट्रोल रूम से कोई जवसब नहीं मिला। आसपास मौजूद लगभग 1 दर्जन से अधिक लोग कंट्रोल नंबर पर सम्पर्क करने का प्रयास करते रहे। बताया जाता है कि इस बीच निगम के अधिकारियों को भी संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उधर से भी मदद को लेकर कोई जवाब नहीं मिला।
पशु हेल्पलाइन वाले बोले - सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक मिलती है मदद
मौके ओर मौजूद लोगों ने बताया कि इस दौरान दौरान इमरजेंसी पशु सहायता नंबर 1962 पर भी मदद के लिए संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन वहां से भी कोई मदद नहीं मिली। वहां से मदद की जगह ये सलाह दी गयी कि यहां से सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक कॉल करने पर मदद मिलती है। इतना ही नहीं, राहगीरों ने जिला प्रशासन की ओर से भी जारी किए गए हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क किया लेकिन किसी का भी फोन नहीं मिला।
राहगीरों ने 1 घंटे तक की गाय को बचाने की कोशिश
गाय की मदद के लिए वहां मौजूद 30 से अधिक लोगों ने करीब 1 घंटे तक उसे बचाने का प्रयास किया। इस दौरान लोग गाय को बचाने के लिए उसे पानी पिलाने की कोशिश करते रहे, नजदीक में आग जलाकर ठंड से बचाने की कोशिश करते रहे, गाय के शरीर को रगड़कर गर्माहट देने की कोशिश सहित अन्य कोशिश करते रहे लेकिन समय पर प्रशासन से मदद न मिलने की वजह से उसकी मौत हो गई।