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Custodial Death: कानपुर से लेकर लखनऊ तक हिरासत में मौतों से दागदार हुई खाकी, जेल भी गए वर्दीधारी
Custodial Death: लखनऊ में इसी माह 16 दिनों के भीतर पुलिस हिरासत में दो लोगों की मौत हो चुकी है। इन घटनाओं ने न सिर्फ पुलिस की छवि पर बट्टा लगाया है बल्कि पुलिस की कार्यशैली पर भी गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
Custodial Death: उत्तर प्रदेश पुलिस की हिरासत में लगातार हो रही मौत से खाकी का दामन लगातार दागदार हो रहा है। हाल ही में कानपुर के बलवंत हत्याकांड में कोर्ट का फैसला आया है जिसमें रनिया थाने के तत्कालीन एसएचओ राजेश सिंह और मैथा के तत्कालीन चौकी इंचार्ज को कोर्ट ने 5 साल जेल की सजा सुनाई है। वहीं, लखनऊ में इसी माह 16 दिनों के भीतर पुलिस हिरासत में दो लोगों की मौत हो चुकी है। इन घटनाओं ने न सिर्फ पुलिस की छवि पर बट्टा लगाया है बल्कि पुलिस की कार्यशैली पर भी गंभीर सवाल खड़े किए हैं। लखनऊ की दोनों घटनाओं में सिपाही से लेकर एसएचओ तक के खिलाफ गंभीर धाराओं में एफआईआर हुई है।
यह था कानपुर का बलवंत हत्याकांड
करीब दो साल पहले कानपुर जनपद के रनिया थाने में सरैया लालपुर गांव निवासी व्यापारी बलवंत सिंह को पुलिस उठा कर लाई थी। यहां हिरासत में व्यापारी की मौत हो गई। परिजनों ने पुलिस कर्मियों पर हत्या का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया। इसमें थाने के स्टाफ के साथ ही एसओजी टीम को भी आरोपी बनाया गया। इस मामले में बाकी लोगों को कोर्ट ने बरी कर दिया लेकिन तत्कालीन रनिया थानेदार राजेश सिंह और मैथा के चौकी इंचार्ज ज्ञान प्रकाश पांडेय को कोर्ट ने दोषी पाया। कानपुर पुलिस की कस्टडी में हुई व्यापारी की मौत का यह मामला विधानसभा में भी उठाया गया था। इस मामले में 24 अक्टूबर को कोर्ट ने अन्य लोगों को बाइज्जत बरी कर दिया लेकिन रनिया के तत्कालीन थानेदार और चौकी इंचार्ज दोषी साबित हो गए। कोर्ट ने दोनों को 5 साल जेल की सजा सुनाई। इसके बाद दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
जागरण का चंदा इकट्ठा कर रहे अमन की हुई मौत
10 अक्टूबर की रात राजधानी लखनऊ के विकासनगर में पुलिस हिरासत में अमन गौतम (26) की मौत हो गई। यहां जुएं की सूचना पर च्त्ट पहुंची थी। इस बीच सेक्टर 8 के अंबेडकर पार्क के पास अमन गौतम मोहल्ले में होने वाले जागरण का चंदा इकट्ठा कर रहे थे। आरोप है कि पुलिस ने उन्हें जुएं में शामिल होने का आरोपी बताते हुए पकड़ा और मारते पीटते जबरन गाड़ी में बैठा लिया। अमन के परिजनों ने कहा कि पुलिस ने गाड़ी में भी उनसे मारपीट की जिससे अमन की मौत हो गई। मामला बढ़ा तो परिवार की तहरीर पर पीआरवी पर तैनात सिपाही शैलेंद्र समेत तीन अन्य लोगों पर गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ। अमन की मौत के बाद मायावती, चंद्रशेखर आजाद, अखिलेश यादव समेत विपक्ष के तमाम नेताओं ने यूपी पुलिस और भाजपा सरकार को आड़े हाथों लिया। हालांकि, इस मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई।
चिनहट में मोहित पांडे ने लॉकअप में तोड़ा दम
अमन गौतम की मौत का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि बीते शनिवार को लखनऊ के चिनहट थाने के लॉकअप में बंद स्कूल ड्रेस व्यापारी मोहित पांडे की मौत हो गई। पुलिस मोहित को गोंडा निवासी सप्लायर आदेश के साथ हुए मामूली विवाद के बाद थाने ले गई था जहां उसकी मौत हो गई। मृतक की मां तपेश्वरी और पत्नी सोनी समेत भाई शोभाराम ने पुलिस पर मोहित को पीटने के आरोप लगाए। कार्रवाई की मांग लेकर उन्होंने सड़क जाम और प्रदर्शन भी किए। इसके बाद चिनहट के तत्कालीन एसएचओ अश्वनी चतुर्वेदी, आरोपी आदेश यादव, उसके चाचा समेत अन्य अज्ञात आरोपियों के खिलाफ बीएनएस की धारा 103(1) के तहत हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ। साथ ही एसएचओ को निलंबित भी किया गया। अब इस मामले की जांच चल रही है। इसमें भी इंस्पेक्टर समेत अन्य आरोपियों पर जेल जाने की तलवार लटक रही है।