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Lucknow News: एक दिवाली मजबूरी की! डायल 112 की संविदाकर्मियों ने अपनी सुनवाई के लिए जलाये दीये, धरना स्थल पर बनाई रंगोली
Lucknow Dial 112 Protest: उत्तर प्रदेश की डायल 112 सेवा की महिला संविदा कर्मचारियों को अनोखी अंदाज में दिवाली मनाते हुए देखा गया। यह लोग धरने पर बैठकर अपनी सैलरी बनाने की मांग कर रही है और इन्होंने वहीं पर दीपक जलाकर और रंगोली बनाकर दिवाली मनाई।
Lucknow Dial 112 Protest: जनता तभी खुद को सुरक्षित महसूस करती है जब उसे यह भरोसा रहता है कि हमारे आसपास पुलिसकर्मी और तमाम तरह के सरकारी विभाग मुस्तैद है जो हर परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं और जरूरत पड़ने पर हमारी मदद जरूर करेंगे। समय चाहे मुसीबत का हो या फिर खुशियों का हर जगह हमारी सुरक्षा करने वाले अपने त्योहारों को भूलकर ड्यूटी पर मुस्तैद रहते हैं ताकि हम सुरक्षित रह सके।
आंदोलन कर रही थी महिलाएं
हाल ही में लखनऊ से एक मामला सामने आया जिसमें यह बताया गया है कि यहां पर इमरजेंसी डायल 112 में कार्यरत संविदा कर्मचारी महिलाएं आंदोलन पर बैठी हुई हैं। महिलाएं अपनी सैलरी बढ़ाने की मांग कर रही है लेकिन सरकारी इनके सुनने को तैयार नहीं है और पुलिस प्रशासन द्वारा इन्हें केस दर्ज करने की धमकियां दी जा रही है। हैरानी की बात तो यह है की सुरक्षा में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली इन कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र भी नहीं दिए गए हैं जिसके चलते यह काफी परेशान हैं।
संविदाकर्मियों ने मनाई दिवाली
112 एक ऐसी सुविधा है जो जनता की सुविधा के लिए तैयार की गई है। अगर पुलिस की मदद लेने के लिए कोई व्यक्ति फोन लगता है तो सबसे पहले इन्हीं संविदा कर्मचारियों के पास पहुंच जाता है और यह व्यक्ति से सारी जानकारी लेकर तुरंत ही उसकी लोकेशन पुलिस तक पहुंचाते हैं ताकि कोई भी घटना होने से रोकी जा सके। जनता की सुरक्षा में इतनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली इन महिला कर्मचारियों को अब अपने धरना स्थल पर ही रंगोली बनाकर और दीपक जलाकर दीपावली का त्यौहार मनाते हुए देखा गया। ये वहीं महिला कर्मचारी हैं जो अपने सारे वार, त्यौहार, व्रत, उपवास, परिवार सब कुछ छोड़कर हमेशा जनता की सुरक्षा और सेवा में तत्पर रहती हैं। लेकिन फिलहाल इन्हें इनके ही हक के लिए परेशान किया जा रहा है और अब इन्होंने अपने धरना स्थल पर अनोखे तरीके से प्रदर्शन करने के उद्देश्य से दीपावली का त्योहार रंगोली बनाकर और दीपक जलाकर मनाया है। सरकार इनकी सुनवाई कब करती है यह कह पाना तो मुश्किल है लेकिन जब तक यह धरने पर बैठे हैं तब तक जनता की सुरक्षा की जिम्मेदारी कौन लेता है यह अपने आप में एक बड़ा सवाल है।