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Lucknow News: लोककला के दस्तावेजीकरण के लिए FOAP में बनेगी डिजिटल लाइब्रेरी, फोकार्टोपीडिया के साथ हुआ एमओयू

Faculty Of Architecture and Planning: डॉ. वंदना सहगल ने कहा कि फोकार्टोपीडिया बीते कई वर्षों से बिहार के साथ-साथ कई प्रदेश की लोककलाओं का दस्तावेजीकरण और संरक्षण की दिशा में कार्य कर रही है। इसी प्रकार यूपी में भी लोककलाओं के दस्तावेजीकरण और उनके संरक्षण की दिशा में गंभीरतापूर्वक काम करने की जरूरत है। आज चित्रकला, लोकगाथाएं, कथाएं, मुहावरे, लोकोक्तियां समेत कई लोककलाओं की परंपरा खत्म होने की कगार पर है।

Abhishek Mishra
Published on: 8 July 2024 9:00 PM IST
Lucknow News: लोककला के दस्तावेजीकरण के लिए FOAP में बनेगी डिजिटल लाइब्रेरी, फोकार्टोपीडिया के साथ हुआ एमओयू
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Lucknow News: प्रदेश में अब लोकगाथाएं, कथाएं, मुहावरे, लोकोक्तियां और चित्रकला का संरक्षण किया जाएगा। इसके लिए लोक संस्कृति की एक डिजिटल लाइब्रेरी बनाई जाएगी। यहां इन लोक कलाओं का दस्तावेजीकरण और डिजिटाइजेशन किया जाएगा। जिससे आने वाली पीढ़ियों तक लोककला पहुंच सके। इसके मद्देनजर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के वास्तुकला एवं योजना संकाय (एफओएपी) ने सोमवार को फोकार्टोपीडिया फाउंडेशन पटना (बिहार) के साथ एक एमओयू साइन किया है। एफओएपी की तरफ से संस्था की प्राचार्य व डीन डॉ. वंदना सहगल और फोकार्टोपीडिया के निदेशक सुनील कुमार ने एफओएपी की विभागाध्यक्ष प्रो. रितु गुलाटी, आर्ट एंड ग्राफिक्स प्रकोष्ठ के असिस्टेंट प्रोफेसर गिरीश पांडेय, कलाकार व कला लेखक भूपेंद्र कुमार अस्थाना और फोकार्टोपीडिया के एडमिनिस्ट्रेटर अनूप सिंह की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए।

फोकार्टोपीडिया और एफओएपी के बीच हुआ एमओयू

अधिष्ठाता डॉ. वंदना सहगल ने कहा कि फोकार्टोपीडिया बीते कई वर्षों से बिहार के साथ-साथ कई प्रदेश की लोककलाओं का दस्तावेजीकरण और संरक्षण की दिशा में कार्य कर रही है। इसी प्रकार यूपी में भी लोककलाओं के दस्तावेजीकरण और उनके संरक्षण की दिशा में गंभीरतापूर्वक काम करने की जरूरत है। आज चित्रकला, लोकगाथाएं, कथाएं, मुहावरे, लोकोक्तियां समेत कई लोककलाओं की परंपरा खत्म होने की कगार पर है। ऐसे में प्रदेश की लोककलाओं के संरक्षण और संवर्धन के लिहाज से फोकार्टोपीडिया के साथ एफओएपी का यह समझौता एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे रिसर्च के अवसरों और संसाधनों को विकसित करने, संयुक्त रूप से शोध के अवसर तलाशने, शोध की क्षमताओं को बढ़ाने और शैक्षणिक सहयोग को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।

लोककलाओं का डिजिटाइजेशन जरूरी

फोकार्टोपीडिया के निदेशक सुनील कुमार ने कहा कि आज पूरी हिन्दी पट्टी खासतौर पर बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड जैसे राज्यों में अनेक कला परंपराएं हाशिये पर हैं। इनके दस्तावेजीकरण और डिजिटाइजेशन की बहुत जरूरत है, ताकि उनसे संबंधित जानकारी डिजिटल माध्यमों में भावी पीढ़ी को हस्तांतरित की जा सके।

Abhishek Mishra

Abhishek Mishra

Correspondent

मेरा नाम अभिषेक मिश्रा है। मैं लखनऊ विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। मैंने हिंदुस्तान हिंदी अखबार में एक साल तक कंटेंट क्रिएशन के लिए इंटर्नशिप की है। इसके साथ मैं ब्लॉगर नेटवर्किंग साइट पर भी ब्लॉग्स लिखता हूं।

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