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Lucknow University: साहित्यकारों का शहर-ए-अदब, नवाबी नगरी के लजीज़ व्यंजनों से बनते रिश्ते
Lucknow University: लखनऊ विश्वविद्यालय में दो दिवसीय लिट फेस्ट का समापन हुआ। जिसमें नवाबी नगरी के साहित्य से लेकर व्यंजन और लिबासों पर अलग-अलग सत्र में चर्चा हुई।
साहित्य से लेकर व्यंजन और लिबासों पर लखनऊ विश्वविद्यालय में दो दिवसीय लिट फेस्ट में चर्चा: Photo- Newstrack
Lucknow University: लखनऊ विश्वविद्यालय में दो दिवसीय लिट फेस्ट का समापन हुआ। जिसमें नवाबी नगरी के साहित्य से लेकर व्यंजन और लिबासों पर अलग-अलग सत्र में चर्चा हुई। एलयू में आयोजित लिट फेस्ट का पहला सत्र व्यंग्य विधा पर आधारित रहा। इसमें लेखन की प्रक्रिया, सार्थकता और वर्तमान युवा पीढ़ी का व्यंग्य विधा से बढ़ते अलगाव के प्रमुख कारणों पर बातचीत हुई। प्रोफेसर अल्का पाण्डेय और समकालीन लेखक अलंकार रस्तोगी के बीच संवाद हुआ। इसके बाद विभागाध्यक्ष प्रोफेसर मैत्रेयी प्रियदर्शनी ने प्रोफेसर अल्का पांडेय और अलंकार रस्तोगी को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
पद्मश्री विंदु सिंह ने अपनी यात्रा बयां की
दूसरे सत्र में पद्मश्री विद्या बिन्दु सिंह, प्रो. अब्बास रज़ा नय्यर, एपी पाण्डेय, पंकज प्रसून से प्रो. रानू उनियाल का संवाद हुआ। विन्दु सिंह ने अपनी साहित्यिक यात्रा के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि अवधी में कई रचनाएं लिखी हैं। कविताओं का पाठ भी किया। प्रोफेसर एपी पांडे ने अंग्रेजी में लिखे सॉनेट पर बात की। उन्होंने बताया कि इटालियन मॉडल में भी सॉनेट लिखे हैं।
'लड़कियां बड़ी लड़ाका होती हैं'
प्रख्यात व्यंगकार पंकज प्रसून ने एक छात्र के रूप में अपने लखनऊ विश्वविद्यालय के बीते दिनों को याद किया। उन्होंने अपनी कविता 'लड़कियां बड़ी लड़ाका होती हैं' के माध्यम से एक महिला के संघर्ष को बताया।
शहर में जन्मे साहित्यकारों के किस्से बताए
प्रो. अब्बास रजा नैय्यर ने स्वरचित कविताओं से शहर में जन्मे महान साहित्यकारों को याद किया। लखनऊ की संस्कृति और इतिहास के बारे में चर्चा की। डॉ. विनीत मैक्सवेल डेविड ने लखनऊ शहर पर कविता का पाठ किया। प्रोफेसर फातिमा रिज़वी ने विभूतियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
खुद को सशक्त बनाएं महिलाएं
प्रोफेसर फातिमा रिज़वी ने समकालीन लेखिका और पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया में सलाहकार संपादक के पद पर कार्यरत सत्या सरन का स्वागत किया। सरन ने महिलाओं का समाज में उत्कर्ष और खुद एक महिला के तौर पर महिलाओं के जीवन में आने वाली चुनौतियों का अवलोकन करते हुए खुद को सशक्त करने का संदेश भी दिया।
शहर के जायके और व्यंजनों से रिश्ते बनते
तीसरे सत्र में शहर के खानपान पर डॉ. रश्मि वैद, डॉ. नूर खान, डॉ. राजकुमार सक्सेना ने चर्चा की। लखनऊ के प्रचलित भोजन की विधि और परोसने के तरीकों के बारे में बताया। इसके साथ मारवाड़ी भोजन पर बात की। डॉ. राजकुमार ने दक्षिण भारत में खाए जाने वाले मसालेदार व्यंजनों का लाभ बताया। उन्होंने कहा कि व्यंजनों से संबंधों में मधुरता ला सकते हैं।