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Stress Management: तनाव प्रबंधन की कला सबको सीखनी होगी, डॉक्टर अक्षय सिंह ने बताए लक्षण और बचाव के टिप्स
Stress Management: आज की दुनिया में कोई भी ऐसा व्यक्ति नहीं है जिसको तनाव ना होता हो। तनाव का होना अच्छी बात है परंतु एक हद के बाहर तनाव का हो जाना यह खतरनाक हो सकता है। यह संदेश डॉक्टर अक्षय सिंह कंसलटेंट साइकैटरिस्ट लखनऊ ने शुक्रवार को दी।
तनाव प्रबंधन की कला सबको सीखनी होगी, डॉक्टर अक्षय सिंह ने बताए लक्षण और बचाव के टिप्स : Photo- Social Media
Stress Management: आज की दुनिया में कोई भी ऐसा व्यक्ति नहीं है जिसको तनाव ना होता हो। तनाव का होना अच्छी बात है परंतु एक हद के बाहर तनाव का हो जाना यह खतरनाक हो सकता है। यह संदेश डॉक्टर अक्षय सिंह कंसलटेंट साइकैटरिस्ट लखनऊ ने शुक्रवार को दी।
नेशनल पीजी कॉलेज में फिजिक्स एवं इलेक्ट्रॉनिक डिपार्टमेंट के द्वारा महाविद्यालय के प्राचार्य के संरक्षण में विभाग अध्यक्ष डॉ अपर्णा सिंह द्वारा रिकॉग्नाइजिंग इमोशंस एंड हैंडलिंग स्ट्रेस विषयक कार्यशाला का आयोजन शुक्रवार को हुआ।
तनाव हमेशा है तो मनोचिकित्सा से सलाह लें- डॉक्टर अक्षय सिंह
डॉक्टर अक्षय सिंह ने बताया कि जब यही तनाव हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में हमें परेशान करने लगता है तभी दिक्कत आती है। जिस व्यक्ति को तनाव हमेशा रहता है उसको इलाज के लिए मनोचिकित्सा से सलाह लेना चाहिए। अगर हमारा मस्तिष्क सही से कार्य करने और किसी भी ख़ुशी के मौके पर प्रसन्न होने में असक्षम हो जाता है। यह तनाव की स्थिति कही जा सकती है।
उन्होंने बताया कि तनाव के लक्षण है कि सर में दर्द होना, दांत और जबड़े में दर्द पीसना, शरीर में थरथराहट होना, उदास रहना, छोटी छोटी बातों पर चिढ़ जाना, खुद को बेकार समझना, मौत या खुदकशी के ख्याल आना, नींद बहुत आना या कम आना, खुश होने वाली बात पर गुस्सा आना। तनाव के कारणों के संदर्भ में उन्होंने बताया कि रोजमर्रा की जिंदगी, अकेलापन, शारीरिक बीमारियां, पुरानी यादें, शराब, घरेलू कलह या वंशानुगत हो सकते हैं। तनाव में खुद की मदद करने के लिए व्यायाम करें। स्वस्थ आहार ले। शराब से दूर रहें। भरपूर नींद लें। मेडिटेशन और योग करें। संगीत सुने और चित्रकारी करें। कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉक्टर अर्चना सिंह किया।
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माता-पिता या शिक्षक से भावनाओं को अवश्य साझा करें
उन्होंने बताया कि तनाव की स्थिति में आप अपने माता-पिता या शिक्षक से अपनी भावनाओं को अवश्य साझा करें जिससे आपकी समस्या का समाधान हो सकता है इंटरएक्टिव सत्र के माध्यम से छात्रों ने तनाव रहित होने के लिए कई प्रश्न पूछे छात्रों ने बहुत ही उत्साहित होकर सहभागिता की कार्यक्रम में लगभग 206 छात्रों ने सहभागिता की।