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योग शरीर को स्वस्थ रखने के साथ सारे अंगों को रखता है क्रियाशील: डा. दिनेश शर्मा

Lucknow/Ayodhya: योग शरीर को स्वस्थ रखता है तो शरीर के सारे अंगों को क्रियाशील रखता है। जिस प्रकार योग साधना के बल पर लक्ष्मण जी ने निद्रा पर विजय प्राप्त कर ली थी।

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Newstrack Network
Published on: 14 Jun 2024 10:18 PM IST (Updated on: 14 Jun 2024 10:19 PM IST)
Yoga keeps the body healthy and keeps all the organs active: Dr. Dinesh Sharma
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उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री सांसद डा0 दिनेश शर्मा: Photo- Newstrack

Lucknow/Ayodhya: उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री सांसद डा0 दिनेश शर्मा ने अयोध्या में राम मन्दिर पर आतंकी हमले की धमकी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि मोदी योगी सरकार में किसी की जुर्रत नही है कि अयोध्या में आतंकी हमले के बारे मे सोच भी सके। आतंकवादी जान लें कि अब भारत बदल गया है और यदि उन्होंने जुर्रत की तो उन्हें पछताना पड़ेगा। उन्हें यह जान लेना चाहिए कि अब वह समय नही रहा कि वे आतंकी हमलाकर भारत में बिरियानी खाकर आराम से पाकिस्तान चले जाएंगे। पत्रकारों से बात करते हुए उनका कहना था कि अब सरकार बदल गई है तथा भारत शांति का संदेश देने वाला देश है पर यदि कोई आतंकी प्रयास होगा तो भारत पाकिस्तान में घुसकर आतंकवादियों के ठिकानों को नेस्त नाबूत कर देगा।

योग शरीर के सारे अंगों को क्रियाशील रखता है

राष्ट्रीय योगवीर सम्मान समारोह में उन्होंने कहा कि योग शरीर को स्वस्थ रखता है तो शरीर के सारे अंगों को क्रियाशील रखता है। जिस प्रकार योग साधना के बल पर लक्ष्मण जी ने निद्रा पर विजय प्राप्त कर ली थी। 14 वर्ष के वनवास में श्रीराम और माता सीता की सेवा में लगे रहे किंतु वे एक क्षण के लिए भी नही सोये। योग के प्रभाव का इससे अधिक दूसरा उदाहरण नही मिल सकता है।

योग प्रशिक्षकों के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि बाबा रामदेव ने आयुर्वेद के चमत्कारी प्रभाव को विश्व में पहुंचाया। सामान्य भारतीय आयुर्वेद के मनीषियों की चर्चा तो करते हैं किंतु चिकित्सा के समय आयुर्वेद का उस रूप से प्रयोग नही करते जैसा किया जाना चाहिए । रामदेव के योग ने न केवल विश्व में योग की महत्ता को जन जन तक पहुंचाया बल्कि विश्व के तमाम लोग योग को अपनाकर अपने जीवन को बेहतर बना रहे है। उनका कहना था कि आज समाज में बहुत अधिक परिवर्तन आ गया है। पहले किसान 4 बजे उठकर अपने खेतों में जाकर जब श्रम करता था तो उसे आक्सीजन मिलती थी। आक्सीजन के महत्व को समझते हुए वृ़क्षारोपण किया जाने लगा। पीपल के पेड़ को प्रणाम इसलिए किया जाता है कि इसमें भगवान विष्णु का वास होता है जब कि पीपल ही सबसे अधिक आक्सीजन देता है। बरगद का पेड़ भी आक्सीजन देता है। तुलसी का धार्मिक महत्व भी है और पर्यावरण की दृष्टि से बहुत अधिक महत्व है।पूर्वजों ने वृक्ष की उपयोगिता के अनुरूप उसे देवताओं से या आयुर्वेद से जोड़ दिया। पूर्वजों ने पशु पक्षियों को योग से जोड़ने का प्रयास किया।


योग प्रशिक्षण के माध्यम से व्यवसाय

सांसद शर्मा ने लखनऊ विश्वविद्यालय का जिक्र करते हुए कहा कि एक शिक्षक बिना भेदभाव के चपरासी के बेटे से लेकर अमीर के बच्चे केा एक जैसा पढ़ाता है और समाज को एक दिशा देता है।योग शिक्षक भी इसी प्रकार का काम करते हैं जिसके कारण 80 साल से अधिक आयु के व्यक्ति का दिमाग 60 साल की आयु के व्यक्ति जैसा ही काम करता है। कार्यक्रम में मौजद योग शिक्षकों से उन्होंने समाज के हर वर्ग को योग से जोड़ने के लिए कार्य करने का सुझाव दिया और बताया कि आज भारत के योग प्रशिक्षकों की दुनिया में बहुत अधिक मांग है। उन्होंने कहा कि योग प्रशिक्षण के माध्यम से विभिन्न व्यवसायों से जुड़ा जा सकता है तथा अपना स्वयं का योग प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित किया जा सकता है।आज कई विश्वविद्यालयों में योग प्रशिक्षण दिया जा रहा है।योग व्यावसायिक स्वरूप भी ले सकता है तथा विदेशों योग के माध्यम से एक स्थान बनाया जा सकता है। एक अच्छा शिक्षक अनवरत विद्यार्थी रहता है तथा उसके अन्दर सीखने की लगन बनी रहती है।जिसके अन्दर अनवरत सीखने की लालसा होती है वही अच्छा शिक्षक बन सकता है।

योग भारतीय संस्कृति और संस्कार की सहयोगी

उन्होंने योग के शिक्षकों को योग को 'योगा' बनने से रोकने के लिए अनवरत प्रयास करने का आह्वान किया और कहा कि योगा योग की मूल भावना को नष्ट कर देता है।आधुनिकता की ओर बढ़ते समाज में संस्कारों को देना सबसे बड़ी चुनौती है किंतु यदि इसे सही रूप से आनेवाली पीढ़ी को सिखा दिया गया तो सामाजिक समरसता बनी रहेगी। योग एक ऐसी प्रक्रिया है जो भारतीय संस्कृति और संस्कार की सहयोगी है। योग के शिक्षकों को इसके संवर्धन में महत्वपूर्ण भूमिका बन सकती है। उनका कहना था कि जितना योगिक क्रियाओं का सिखाना आवश्यक है उतना ही भारतीय संस्कृति और संस्कारों को विलुप्त होने से बचाना आवश्यक है। उनका कहना था कि एक योग को सही तरीके से अपनाने वाला योग शिक्षक हजारों में अलग पहचान बनाता है क्योंकि उसका अंग अंग स्फूर्ति से भरा होता है।

उन्होंने मणिराम दस छावनी में आयोजित महंत नृत्योपाल दस जी महाराज के जन्मोत्सव कार्यक्रम और राम कथा में भी सहभागिता की।मणिराम छावनी, अयोध्या में श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष, संत शिरोमणि गो संत सेवी परमार्थ पारायण महंत श्री नृत्य गोपालदास जी महाराज के 86 वे जन्मोत्सव के अवसर पर आयोजित श्रीमद भागवत कथा का दीप प्रज्वलन कर शुभारंभ कर, व्यास पूज्य श्री पुंडरीक गोस्वामी जी महाराज के श्रीमुख से कथा का श्रवण किया।

इस अवसर पर महामंडलेश्वर मध्य प्रदेश, श्री अखिलेश्वर दास जी महाराज, महंत नृत्य गोपाल दास जी महाराज के उत्तराधिकारी पूज्य संत श्री कमलनयन दास जी महाराज जी, माननीय महापौर अयोध्या, श्री गिरीश पति त्रिपाठी जी, डॉ रामानंद दास जी महाराज, डॉ भरत दास जी महाराज, डॉक्टर मिथिलेश नंदिनी शास्त्री जी महाराज एवं पूज्य संत श्री महेंद्रदास जी महाराज उपस्थित रहे।

मुख्य बातें-

  • मोदी योगी सरकार में किसी की जुर्रत नही है कि अयोध्या में आतंकी हमले के बारे मे सोंच भी सके।
  • योग साधना के बल पर लक्ष्मण वनवास के दौरान एक क्षण न सोकर श्रीराम -सीता की करते रहे सेवा।
  • विश्व के तमाम लोग योग को अपनाकर बना रहे हैं अपना जीवन बेहतर।
  • पूर्वजों ने वृक्षारोपण को पर्यावरण और देवताओं से जोड़ने का किया काम।
  • योग के अपनाने पर अधिक आयु के व्यक्ति का दिमाग रहता है क्रियाशील।
  • समाज के हर वर्ग को योग से जोड़ने का काम करें योग शिक्षक।
  • भारत के योग प्रशिक्षकों की दुनिया में बहुत अधिक है मांग।
  • एक अच्छा शिक्षक सीखने की लालसा के कारण रहता है आजीवन विद्यार्थी।
  • योग भारतीय संस्कृति और संस्कार का है सहयोगी।



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Shashi kant gautam

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