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Dr PR Mishra Passes Away: प्रसिद्ध आर्थोपैडिक सर्जन डॉ पी आर मिश्र का हृदय गति रुकने से निधन

Dr PR Mishra Passes Away: डॉ मिश्र एक प्रख्यात चिकित्सक के अतिरिक्त एक यशस्वी समाजसेवी भी थे, जिन्होंने अपने समूचे जीवन को असहाय और रोगियों की सेवा में खपा दिया।

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Published on: 30 March 2024 3:16 AM GMT (Updated on: 30 March 2024 3:51 AM GMT)
Dr PR Mishra Passes Away
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Dr PR Mishra Passes Away  (photo: social media )

Dr PR Mishra Passes Away: प्रसिद्ध आर्थोपैडिक सर्जन डॉ पीआर मिश्र का हृदय गति रुक जाने से निधन हो गया। उन्होंने शुक्रवार की रात 8.25 बजे मेदांता अस्पताल में 72 साल की उम्र में अंतिम साँसें ली। डॉ मिश्र का बेचैनी व सीने के दर्द की शिकायत के चलते सायं तक़रीबन 5 मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां डॉक्टरों ने हार्ट अटैक बता कर चिकित्सा शुरू की। उनको तीन स्टंट डालने में भी कामयाबी मिल गई पर इसी बीच उन्हें दोबारा हार्ट अटैक पड़ा। और उन्हें बचाया नहीं जा सका। उनके परिवार में पत्नी, बेटा व बेटी हैं। आज वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर उनकी अंत्येष्टि होगी। डॉ मिश्र ने कल दिनांक 29 मार्च, 2024 को मेदान्ता अस्पताल के हृदय रोग विभाग में रात 8.25 बजे अन्तिम सांस ली।

डॉ पीआर मिश्र ने बलरामपुर अस्पताल, लखनऊ के सीनियर आर्थोपेडिक सर्जन के पद से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर स्वतंत्र रूप से लखनऊ ही नहीं, प्रदेश के कोने कोने से आने वाले मरीज़ों की चिकित्सा में अपना समूचा जीवन लगाया। वह लगभग 35-40 वर्षों तक लखनऊ के श्रेष्ठतम आर्थोपेडिक सर्जन्स में से एक रहे। डॉ पीआर मिश्र की प्रतिष्ठा लखनऊ के सर्वाधिक सम्मानित सर्जन के रूप में लगभग 4 दशक तक अनवरत विद्यमान रही। यह एक सुखद संयोग था कि डॉ मिश्र के पिता स्व० रामनगीना मिश्र एक प्रखर राजनेता थे। जिन्होंने लोकसभा के 6 बार के सांसद के रूप में जनता-जनार्दन की सेवा की। डॉ मिश्र अपने पिता के प्रति इतने भक्ति-भाव से भरे रहे कि उन्हें अपने पिता के निधन के बाद से यह संसार निस्सार लगने लगा था। डॉ मिश्र अपने ससुराल पक्ष से भी बहुत समृद्ध थे। उप्र के पूर्व मुख्यमंत्री पण्डित कमला पति त्रिपाठी की नातिन अंजना मिश्रा उनकी धर्मपत्नी हैं।

एक यशस्वी समाजसेवी भी

डॉ मिश्र एक प्रख्यात चिकित्सक के अतिरिक्त एक यशस्वी समाजसेवी भी थे, जिन्होंने अपने समूचे जीवन को असहाय और रोगियों की सेवा में खपा दिया। वह उन गिने चुने चिकित्सकों में थे जो हर गुरूवार को मरीज़ों को पूरी तरह फ़्री देखते थे। यही नही, अपने मोहल्ले नज़रबाग के लोगों से भी वह कभी कोई फ़ीस नहीं लेते रहे।

कल शाम लगभग 4 बजे डॉ मिश्र को हृदय में कुछ बेचैनी महसूस हुई जिसके बाद उन्हें तुरंत मेदान्ता अस्पताल के हृदय रोग विभाग में भर्ती कराया गया। वहां उनकी ऐन्जियोग्राफी और ऐन्जियोप्लास्टी भी की गई परन्तु चिकित्सकों के अपार परिश्रम के बाद भी उनके प्राण नहीं बचाए जा सके। डॉ मिश्र की दो संतानें हैं, पुत्र सौमित्र और पुत्री अमृता। डॉ मिश्र का अंतिम संस्कार काशी के मणिकर्णिका घाट पर दिनांक 30 मार्च को शाम 5 बजे संपन्न होगा।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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