Lucknow News: सॉफ्टवेयर बिजनेस की आड़ में चल रहा था नशे का कारोबार, मनी लांड्रिंग का केस दर्ज, ईडी कर रही जांच

Lucknow News: प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार को इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए हत्श टेलीकॉम कंपनी के खिलाफ मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया है।

Krishna Chaudhary
Published on: 21 Oct 2023 6:24 AM GMT
money laundering case lucknow
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money laundering case lucknow (photo: social media )

Lucknow News: राजधानी लखनऊ में एक ऐसी कंपनी का पर्दाफाश हुआ है, जो सॉफ्टवेयर बिजनेस की आड़ में नशे का कारोबार कर रही थी। कंपनी ने बकायदा एक कॉल सेंटर बना रखा था, जिसके जरिए विदेश में बैठे ग्राहकों से वह संपर्क में रहती थी। ऊपरी तौर पर ये किसी सामान्य कॉल सेंटर की तरह नजर आता था लेकिन असलियत में यहां नशीले पदार्थों के कस्टमर्स के साथ डील की जाती थी।

प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार को इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए हत्श टेलीकॉम कंपनी के खिलाफ मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया है। कंपनी की 3.24 करोड़ की संपत्तियों को जब्त भी किया गया है। ये संपत्तियां कंपनी के निदेशक शांतनु गुप्ता, शशांक गुप्ता, अब्दुल वहाब यासिर, मोहित हलदर, पुनीत दुबे व अन्य के नाम से लखनऊ, बाराबंकी और उत्तराखंड के उधमसिंह नगर में मौजूद है।

9 फर्जी कंपनियां बनाकर किया जा रहा काला कारोबार

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शांतनु गुप्ता, शशांक गुप्ता, अब्दुल वहाब यासिर, मोहित हलदर, पुनीत दुबे और अन्य 9 फर्जी कंपनियों के जरिए लखनऊ के कॉल सेंटर से नशे का काला कारोबार चला रहे थे। जांच में जिन नौ फेक कंपनियों के बारे में पता चला है, वो हैं - मेसर्स हत्श टेलीकॉम प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स जिओ पार्डी टेलीकॉम प्राइवेट लिमिटेड, मैसर्स मॉर्फियस टेलीकॉम प्रा. लिमिटेड, मैसर्स स्काई ड्रीम्स टेलीकॉम प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स स्काई हाई टेलीकम्युनिकेशन, मेसर्स सीजी टेलीकॉलर्स प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स एपिटोम टेलीकम्युनिकेशंस प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स 99 स्टाइल रिलेट प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स वाईएस टेलीकॉम प्राइवेट लिमिटेड।

अमेरिका में बैठे ग्राहकों को सप्लाई होता था नशीला पदार्थ

अधिकारियों ने बताया कि कॉल सेंटर के जरिए अमेरिका में बैठे ग्राहकों को संपर्क किया जाता था और फिर डील होने पर उन्हें नशीला पदार्थ पार्सल किया जाता था। सागर अस्थाना और पुनीत दुबे नामक दो आरोपी डाक के माध्यम से अमेरिकी ग्राहकों को पार्सल भेजते थे।

जांच में और क्या-क्या पता चला ?

अभी तक की जांच में 9 फर्जी कंपनियों के 43 बैंक खातों के बारे में पता चला है। जिसमें 23.67 करोड़ अमेरिका समेत अन्य देशों से आए। आरोपी बैंक में पैसा आते ही उसे तुरंत निकाल लेते थे। ईडी ने जिन संपत्तियों क जब्त किया है, उसे 2013 से 2017 के बीच खरीदा गया था। केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों का कहना है कि जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगा मामले में और बड़े खुलासे हो सकते हैं।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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