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Earthquake: दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटके, 5.6 मापी गई तीव्रता
Earthquake: दिल्ली-एनसीआर में सोमवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए। वहीं लखनउ में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए।
Earthquake News: दिल्ली-एनसीआर, लखनउ समेत यूपी में सोमवार को भूकंप के तगड़े झटके महसूस किए गए। दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटके महसूस होते ही लोग, घरों और आफिसों से बाहर निकल आए। तीन दिन में भूकंप का यह दूसरा झटका है। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 5.6 आंकी गई। भूकंप का केंद्र नेपाल में था।
सोमवार दोपहर बाद 4ः16 मिनट पर दिल्ली-एनसीआर, लखनउ में कई शहरों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप के बाद लोग अपने-अपने घरों से बाहर निकल आए और खुली जगह की ओर जाते दिखे। भूकंप के झटके दिल्ली से सटे नोएडा, फरीदाबाद, गुरुग्राम और गाजियाबाद समेत यूपी के कई शहरों में भी महसूस किए गए। नेशनल केन्द्र फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक भूकंप का केंद्र नेपाल में था। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.6 मापी गई।
फिलहाल भूकंप से अभी कहीं से भी किसी प्रकार के नुकसान की कोई खबर सामने नहीं आई है। बतादें कि बीते शुक्रवार को ही नेपाल में भूकंप ने बड़ी तबाही मचाई थी। इसमें जाजरकोट में 905 घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए जबकि 2745 घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा था। वहीं भूकंप से रुकुम पश्चिम में 2,136 घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए और 2,642 घरों को आंशिक व 4,670 घरों को सामान्य नुकसान पहुंचा था। भूकंप से आए तबाही में 150 से अधिक लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी और करीब 200 लोग घायल हुए थे।
क्यों आता है भूकंप?
पृथ्वी के अंदर सात प्लेट्स हैं, ये प्लेटें लगातार घूमती रहती हैं। वहीं जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। इस दौरान बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं, जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं और नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और इसी डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।
भूंकप के केंद्र और तीव्रता का क्या है मतलब?
उस स्थान को भूकंप का केंद्र कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन अधिक होता है। कंपन की आवृत्ति जैसे-जैसे दूर होती जाती हैं, वैसे-वैसे इसका प्रभाव कम होता जाता है। फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर सात या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है, लेकिन वहीं यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की ओर है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर की ओर है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा और नीचे की तरफ है तो अधिक क्षेत्र प्रभावित होगा।