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बिजली इंजीनियरों ने किया देशव्यापी प्रदर्शन, निजीकरण-प्रीपेड स्मार्ट मीटर पर बोला हल्ला...इंजीनियरों ने जताई चिंता

Protesting Power Employees: बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों ने बिजली (संशोधन) विधेयक, 2022 और निजीकरण नीतियों के खिलाफ देश भर में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया। इस दौरान केंद्र की नीतियों पर गुस्सा जाहिर किया।

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Published on: 16 Feb 2024 10:19 AM GMT (Updated on: 16 Feb 2024 10:24 AM GMT)
Protesting Power Employees
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बिजली इंजीनियरों ने किया देशव्यापी प्रदर्शन (Social Media)

Lucknow News: बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों ने बिजली (संशोधन) विधेयक, 2022 और निजीकरण नीतियों के खिलाफ देश भर में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, यूपी (VKSSS, Lucknow) के आह्वान पर बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों ने केन्द्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए शुक्रवार (16 फरवरी) को राजधानी लखनऊ में तथा सभी क्षेत्रीय एवं परियोजना मुख्यालयों पर बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन सभाएं की। इसी प्रकार के प्रदर्शन देश भर में सभी प्रांतों की राजधानियों एवं बड़े बिजली उत्पादन घरों पर किए गए।

'प्रीपेड स्मार्ट मीटर गैरकानूनी तरीके से लगाए गए'

संघर्ष समिति के प्रमुख पदाधिकारियों ने बताया कि, 'संयुक्त किसान मोर्चा को सरकार की लिखित प्रतिबद्धता के बाद भी बिजली (संशोधन) विधेयक 2022 को रद्द करने की मांगों का पालन नहीं किया गया है। इसके विपरीत, बिजली की सार्वभौमिक पहुंच के अधिकारों पर अंकुश लगाने के लिए उपभोक्ताओं के परिसर में प्रीपेड स्मार्ट मीटर गैरकानूनी तरीके से लगाए गए हैं। बिजली क्षेत्र के निजीकरण की दिशा में अगले कदम के रूप में ट्रांसमिशन सबस्टेशनों की स्थापना के लिए टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी बोली निर्धारित की गई है।'


केंद्र निजीकरण एजेंडे को जारी रखे है

विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार विद्युत (संशोधन) नियमों के माध्यम से विद्युत (संशोधन) विधेयक 2022 के अपने निजीकरण एजेंडे को जारी रखे हुए है। मंत्रालय पिछले एक साल से अधिक समय से विद्युत (संशोधन) नियम नामक अधिसूचनाएं जारी कर रहा है। यह कवायद विद्युत अधिनियम 2003 की धारा- 176 द्वारा प्रदत्त शक्तियों के प्रयोग के नाम पर की जा रही है।

राष्ट्रीय संपत्तियों को निजी हाथों में बेचने की तैयारी

बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों ने गंभीर चिंता के साथ कहा कि, 'लोगों के विरोध और प्रतिरोध संघर्ष के सभी लोकतांत्रिक रूपों को पूरी तरह से नकारते हुए, भारत सरकार राष्ट्रीय मौद्रिक पाइप लाइन (एनएमपीएल) के नाम पर राष्ट्रीय संपत्तियों को निजी हाथों में बेचने के लिए आगे बढ़ रही है। इससे राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में गहरा संकट पैदा हो जाएगा और लोगों के लिए तत्काल और आने वाले दिनों में और अधिक कठिनाई होगी।'


चारबाग रेलवे स्टेशन पर सभा आयोजित

लखनऊ में चारबाग रेलवे स्टेशन पर आयोजित रेल कर्मचारियों तथा बिजली कर्मियों की सभा में बिजली कर्मियों की ओर से मुख्यतया शैलेन्द्र दुबे, राजीव सिंह, जितेन्द्र सिंह गुर्जर, जय प्रकाश, सदरुद्दीन राना, महेन्द्र राय, पी के दीक्षित, सरजू त्रिवेदी,प्रेम नाथ राय,सुहेल आबिद, मो इलियास, के एस रावत, आर सी पाल,राम सहारे वर्मा, देवेन्द्र पाण्डेय सम्मिलित थे।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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