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Bijali Nijikaran Virodh: कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन जारी, व्यापक जनसंपर्क की रणनीति, सीधी कार्रवाई की चेतावनी
Bijali Nijikaran Virodh: विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र के आह्वान पर आज प्रदेश भर में जनपद और परियोजना मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन किए गए। संघर्ष समिति ने कहा कि ऐसी चर्चा है कि बिजली कर्मियों को डराने हेतु उनको मिल रहे समयबद्ध वेतन मान में प्रतिगामी बदलाव किया जा रहा है।
Bijali Nijikaran Virodh: विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र के आह्वान पर आज प्रदेश भर में जनपद और परियोजना मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन किए गए। संघर्ष समिति ने कहा कि ऐसी चर्चा है कि बिजली कर्मियों को डराने हेतु उनको मिल रहे समयबद्ध वेतन मान में प्रतिगामी बदलाव किया जा रहा है।संघर्ष समिति ने चेतावनी दी है कि प्रबंधन द्वारा बिजली कर्मियों के समयबद्ध वेतन मान में कोई भी प्रतिगामी बदलाव किया गया तो इसके गम्भीर परिणाम होंगे। बिजली कर्मी इसका सशक्त प्रतिकार करने हेतु सीधी कार्यवाही करने को विवश होंगे जिसकी सारी जिम्मेदारी प्रबंधन की होगी।
आज वाराणसी, आगरा, मेरठ, कानपुर, गोरखपुर, मिर्जापुर, आजमगढ़, बस्ती, अलीगढ़, मथुरा, एटा, झांसी, बांदा, बरेली, देवीपाटन, अयोध्या, सुल्तानपुर, हरदुआगंज, पारीछा, जवाहरपुर, पनकी, ओबरा, पिपरी और अनपरा में विरोध सभा की गई। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति बिजली के निजीकरण के विरोध में सीधे आम जनता के बीच जाकर व्यापक जनसंपर्क करने का अभियान चलायेगी। संघर्ष समिति का कहना है की पावर कारपोरेशन द्वारा घाटे के आंकड़े एवं ए टी एंड सी हानियों को बड़ा चढ़ा कर बताने के पीछे मंशा क्या है, इसका खुलासा किया जाएगा।
संघर्ष समिति ने कहा कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में पॉवर कारपोरेशन के आंकड़े के अनुसार वर्ष 2023-24 में ए टी एंड सी हानियां 25.26 प्रतिशत हैं जबकि पता चला है कि आर एफ पी डॉक्यूमेंट में 49.32 प्रतिशत हानियों बताई गई है। इसी प्रकार दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम में वर्ष 2023-24 में ए टी एंड सी हानियां 22.75 प्रतिशत हैं जबकि आर एफ पी डॉक्यूमेंट में यह हानियां 34.33 प्रतिशत बताई गई हैं। वर्ष 2010 में जब आगरा शहर टोरेंट पावर कंपनी को दिया गया था तब भी आगरा में 54 प्रतिशत हानियां बताई गई थी और इस कारण हुए करार का दुष्परिणाम आज भी पॉवर कारपोरेशन भुगत रहा है। आगरा में वर्ष 2023-24 में पॉवर कारपोरेशन ने रु 05.55 प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीदकर टोरेंट पावर कंपनी को रु 04.36 प्रति यूनिट में बेचा और मात्र एक वर्ष में 275 करोड़ रु का नुकसान उठाया। विगत 14 वर्षों में पॉवर कारपोरेशन आगरा में टोरेंट पावर कंपनी को खरीद से कम मूल्य पर बिजली देने मे 2434 करोड़ रुपए का नुकसान उठा चुकी है।संघर्ष समिति ने चेताया कि अब पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण में इससे भी बड़ा घोटाला करने की तैयारी है जिसका दुष्परिणाम आम उपभोक्ताओं को बिजली की बेतहाशा बढ़ी दरों से चुकाना पड़ेगा। संघर्ष समिति निजीकरण के पीछे होने वाले मेगा घोटाले को भी आम उपभोक्ताओं के सामने रखने की योजना बना रही है। इस हेतु प्रदेश के समस्त जनपदों में व्यापक जनसंपर्क किया जाएगा।