Lucknow: CSIR-NBRI में मनाया गया पर्यावरण दिवस, अथिति बोले- गर्म तापमान से प्रमुख फसलों की पैदावार हो सकती कम

CSIR-NBRI: प्रो. रमेश वी. सोन्ती ने कहा कि गर्म तापमान से चावल, मक्का, गेहूं और सोयाबीन जैसी प्रमुख फसलों की पैदावार कम होने की संभावना है। क्योंकि जलवायु के अनिश्चित होने से एक ही वर्ष में फसल को बाढ़, सूखे और गर्मी का सामना करना पड़ सकता है।

Abhishek Mishra
Published on: 5 Jun 2024 2:30 PM GMT
Lucknow: CSIR-NBRI में मनाया गया पर्यावरण दिवस, अथिति बोले- गर्म तापमान से प्रमुख फसलों की पैदावार हो सकती कम
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Lucknow News: सीएसआईआर-एनबीआरआई में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर एक समारोह का आयोजन किया गया। यहां इंटरनेशनल सेंटर फॉर जेनेटिक इंजीनियरिंग एंड बायोटेक्नोलॉजी नई दिल्ली के निदेशक प्रो. रमेश वी. सोन्ती मुख्य अतिथि रहे।

गर्मी से कम हो सकती है कई फैसलों की पदावर

मुख्य अतिथि प्रो. रमेश वी. सोन्ती ने कहा कि गर्म तापमान से चावल, मक्का, गेहूं और सोयाबीन जैसी प्रमुख फसलों की पैदावार कम होने की संभावना है। क्योंकि जलवायु के अनिश्चित होने से एक ही वर्ष में फसल को बाढ़, सूखे और गर्मी का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए कीटनाशकों का इस्तेमाल कम करना होगा। पैदावार बढ़ाने के लिए सूक्ष्मजीवी उर्वरकों जैसे विकल्प अपनाने होंगे।


ग्लोबल वार्मिंग को नियंत्रित करने का समय कम

प्रो. रमेश वी. सोन्ती ने बताया कि हमारे पास ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने और ग्लोबल वार्मिंग को नियंत्रित करने का मौका तेजी से कम हो रहा है। उन्होंने कहा कि पेरिस समझौते के अनुसार वैश्विक तापमान को पूर्व औद्योगिक स्तरों से 1.50 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने की प्रतिबद्धता की गई थी। लेकिन आईपीसीसी की नई रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2011-20 के दौरान वैश्विक सतह का तापमान पूर्व औद्योगिक स्तरों से 1.10 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंच गया है। प्रो. सोन्ती ने चिंता जताते हुए कहा कि यदि यह दो डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंच गया तो विनाशकारी साबित हो सकता है। समारोह में एनबीआरआई के पूर्व निदेशक डॉ. पीवी साने, निदेशक डॉ. एके शासनी ने भी अपने विचार रखे। इस मौके पर 12 विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और संस्थानों के विद्यार्थी समेत कई अन्य उपस्थित रहे।


नीलकमल नर्सरी और पुष्पकृषि केंद्र का उद्घाटन

बंथरा स्थित एनबीआरआई के दूरस्थ अनुसंधान केंद्र का दौरा सीएसआईआर नई दिल्ली के महानिदेशक डॉ. एन कलैसेलवी ने किया। इस दौरान डॉ. कलैसेलवी ने केंद्र में नर्सरी और फ्लोरीकल्चर केंद्र का उद्घाटन किया। इससे अब यहां से पौधे भी बेचे जा सकेंगे। साथ ही संस्थान की ओर से विकसित उत्पादों और टेक्नोलॉजी की जानकारी भी केंद्र देगा।

Abhishek Mishra

Abhishek Mishra

Correspondent

मेरा नाम अभिषेक मिश्रा है। मैं लखनऊ विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। मैंने हिंदुस्तान हिंदी अखबार में एक साल तक कंटेंट क्रिएशन के लिए इंटर्नशिप की है। इसके साथ मैं ब्लॉगर नेटवर्किंग साइट पर भी ब्लॉग्स लिखता हूं।

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