TRENDING TAGS :
Road Accident in India: हर साल सड़क हादसों में मारे जाते हैं डेढ़ लाख से ज्यादा लोग
Road Accident in India: कुछ दिन पहले ही केंद्रीय सड़क यातायात मंत्रालय ने भारत में सड़क हादसों पर चिंताजनक आंकड़े जारी किए थे। सड़क हादसों पर मंत्रालय की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में देश में 4.61 लाख सड़क हादसे हुए। इन हादसों में 1.68 लाख लोग मारे गए और 4.43 लाख लोग घायल हो गए।
Road Accident (Pic: Newstrack)
Road Accident in India: लखनऊ में हुए एक दर्दनाक हादसे की तरह भारत में हर साल कम से कम 1 लाख 68 हजार लोग सड़क हादसों में मारे जाते हैं। सड़कें सुरक्षित बन ही नहीं पा रहीं। कुछ दिन पहले ही केंद्रीय सड़क यातायात मंत्रालय ने भारत में सड़क हादसों पर चिंताजनक आंकड़े जारी किए थे। सड़क हादसों पर मंत्रालय की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में देश में 4.61 लाख सड़क हादसे हुए। इन हादसों में 1.68 लाख लोग मारे गए और 4.43 लाख लोग घायल हो गए। मरने वालों में 66.5 प्रतिशत लोग 18-45 की उम्र के थे। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के मुताबिक 2018 में 1.52 लाख लोगों की मौत हुई थी जबकि साल 2017 में यह आंकड़ा डेढ़ लाख लोगों का था।
मौत लाती रफ़्तार
सड़क हादसों में मरने वालों में से 71.2 प्रतिशत लोग ऐसे हादसों में मारे गए जो तेज गति से वाहन चलाने की वजह से हुए। सबसे ज्यादा हादसों में दुपहिया वाहन ही शामिल पाए गए। इसके अलावा 47.7 प्रतिशत हादसे और 55.1 प्रतिशत मौतें खुले इलाकों में हुए, यानी ऐसे इलाकों में जहां ज्यादा भीड़ भाड़ नहीं थी। रिपोर्ट बताती है कि 67 प्रतिशत हादसे सीधी सड़कों पर हुए और सिर्फ 13.8 प्रतिशत हादसे घुमावदार, गड्ढों और ऊंची चढ़ाई वाली सड़कों पर हुए।
सबसे ज्यादा मौतें यूपी में
हादसों का राज्यवार आंकड़ा देखें तो पाएंगे कि सबसे ज्यादा सड़क हादसे तमिलनाडु में हुए लेकिन हादसों में सबसे ज्यादा लोग उत्तर प्रदेश में मारे गए। आंकड़े बताते हैं कि 68 प्रतिशत हादसे ग्रामीण इलाकों में हुए, जबकि शहरों में 32 प्रतिशत हादसे दर्ज हुए।
आसान लाइसेंस, ढीले कार्यान्वयन
देश में वाहनों की संख्या तेजी से बढती जा रही है। ड्राइविंग लाइसेंस भी आसानी से मिल जाता है। सड़कों की स्थिति भी कमोबेश अच्छी है। ट्रैफिक कानून भी अच्छे खासे हैं, सख्त हैं। लेकिन जो नहीं है वह है नियमों, कानूनों का एन्फोर्समेंट। गाड़ी चलते वक्त मोबाइल का इस्तेमाल प्रतिबंधित है, गैरकानूनी है लेकिन इस नियाम का कोई एन्फोर्समेंट नहीं है। गति सीमा को हर कोइ जूते की नोक पर रखता है, लेन ड्राइविंग पता ही नहीं है। सबसे बड़ी बात कि लोग कानून, खासकर ट्रैफिक कानून को कुछ समझते ही नहीं, इसकी वजह है नेताओं, पुलिसवालों, रसूखवालों, बड़े अफसरों, के लिए नियम का जीरो एन्फोर्समेंट। जनता में आम धारणा है कि बड़े लोगों, बड़ी गाड़ियों के लिए नियम नहीं होते। यही समस्या की जड़ है।