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Code of Conduct: आचार संहिता लागू होने से फीकी पड़ी त्योहारों की रौनक, लुढ़का 40%बजार

Code of Conduct: व्यापार मंडल के कारोबारियों का कहना है कि नकदी की सीमा बढ़ाई जानी चाहिए, क्योंकि राजधानी लखनऊ में एक लाख से अधिक कारोबारी प्रभावित हो रहे हैं

Shalini Rai
Published on: 10 April 2024 1:16 PM IST
Code of Conduct: आचार संहिता लागू होने से फीकी पड़ी त्योहारों की रौनक, लुढ़का 40%बजार
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Festivals Market Faded : नवरात्रि के साथ शुभ दिन शुरू हो गए हैं। ईद भी आ गई है। सहालग करीब है। इसके बाद भी बाजार की रौनक फीकी है। न तो उम्मीद के अनुरूप से चार फुटकर खरीदार हैं और न ही थोक में खरीदारी करने वाले ग्राहक। लगभग 40 फीसदी कारोबार बंद सा हो गया है। कारोबारियों का कहना है कि कीमतों में भारी उतार- चढ़ाव तो चल ही रहा था, इस बीच आचार संहिता लागू हो जाने से नकद लेनदेन की सीमा 50 हजार रुपये तय कर दी गई। इस सीमा से अधिक लेनदेन पर माल जब्त कर लिया जाता है।

ऐसे में कोई जोखिम नहीं उठा रहा है। इससे बाजार पर तगड़ा असर पड़ा है। लखनऊ व्यापार मंडल, उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल व अखिल भारतीय उद्योग और व्यापार मंडल के कारोबारियों का कहना है कि नकदी की सीमा बढ़ाई जानी चाहिए, क्योंकि राजधानी लखनऊ में एक लाख से अधिक कारोबारी प्रभावित हो रहे हैं।

इन दो उदाहरणों से समझिए मुश्किल

केस-1 : तीन दिन पहले लखनऊ में एक कारोबारी को पकड़ा गया। उसके पास से चार से पांच किलो चांदी और 1.5 लाख रुपये कैश था। वो जीएसटी नंबर दिखा रहा था, लेकिन सेक्टर मजिस्ट्रेट बनाए गए सिंचाई विभाग के अफसर ने उसका माल जब्त कर लिया।

केस-2 : गोरखपुर में एक कारोबारी ने अपना नया शो रूम खोला। उसका उद्घाटन किया, उद्घाटन में उसका माल बिका, पैसा आया तो उसे लगा कि माल को और भर लिया जाए। वो यहां माल लेने आ तो गया, लेकिन उसकी नकदी जब्त कर ली गई।व्यापारिक संगठन बोले ऐसे में भला कौन आएगा माल खरीदने, उस कारोबारी का तो लंबा नुकसान हो गया।


व्यापारिक संगठनों का सवाल

जीएसटी नंबर यदि कारोबारी दिखा रहा है तो उसका माल जब्त क्यों किया? 50 हजार रुपये में क्या कोई कारोबारी आकर माल खरीद पाएगा।

कहां-कहां से आते हैं खरीदार

सीतापुर, लखीमपुर, बाराबंकी, हरदोई, गोंडा, बलराम, उन्नाव, बस्ती, गोरखपुर, संडीला समेत आसपास के लगभग 50 शहरों से लोग यहां खरीदारी करने आते हैं। इसमें थोक कारोबारी और आम आदमी शामिल हैं।

कपड़ा बाजार से लेकर गल्ला मार्केट भी प्रभावित

अमीनाबाद में कपड़ा कारोबारी प्रभु जालान, सुरेश छबलानी कहते है। कि लखनऊ में लोग बल्क में सामान खरीदते हैं। ईद पर सोचा था कि बाजार खिलेगा, पर नकदी की सीमा तय होने से कारोबार पर करीब 40% तक असर आया है। नानपारा से आने वाले ग्राहक को ऑनलाइन पेमेंट के बजाय, नकदी देना ज्यादा आसान होता है। आचार संहिता, से वो नकदी ला नहीं सकता है। पांडेयगंज व्यापार मंडल के अध्यक्ष राजेंद्र अग्रवाल कहते हैं कि देहात का आदमी तो नकदी लेकर ही आता है। गल्ला मंडी में तो पूरा काम नकद में होता है, सख्ती से काम पर असर पड़ेगा।

सराफा बाजार : 10% ही कारोबार

लखनऊ महानगर सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष मनीष वर्मा कहते हैं कि 80 फीसदी ग्राहक नदारद है। सोने की कीमत ही 70 हजार से अधिक है। ऐसे में क्या 50 हजार रुपये में कुछ आ पाएगा। खासकर सहालग वाले घरों से भी लोग नकदी लेकर सामान खरीदने नहीं निकल रहे हैं। कोई कम से कम में भी लेगा तो तीन लाख रुपये से कम जेवर क्या आएंगे?



इलेक्ट्रॉनिक व्यापार मंडल के सचिव क्या बोले

इलेक्ट्रॉनिक व्यापार मंडल के सचिव मयंक सेठ कहते हैं कि ये तीन महीने हम लोग पीक सीजन मानते हैं। अपकंट्री एरिया से बड़े ग्राहक लखनऊ आते हैं। वहां के लोग अभी भी नकदी पर निर्भर हैं। ऐसे में असर दिख रहा है। नुकसान का आकलन तो जून में होगा।व्यापार मंडल के अध्यक्ष राजेंद्र अग्रवाल कहते हैं कि देहात का आदमी तो नकदी लेकर ही आता है। गल्ला मंडी में तो पूरा काम नकद में होता है, सख्ती से काम पर असर पड़ेगा।



Shalini Rai

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