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Police Duty Meet: तकनीक, कानून प्रर्वतन पेशेवरों के एकजुट होने, सीखने और जांच पड़ताल उत्कृष्ता पर होगी चर्चा

Police Duty Meet: पाँच दिवसीय अखिल भारतीय पुलिस ड्यूटी मीट का सोमवार से आयोजन शुरू हुआ जो 16 फरवरी तक चलेगा। यह आयोजन लखनऊ स्थित जगजीवन राम आरपीएफ अकादमी में किया जा रहा है। रेलवे सुरक्षा बल इस बार अखिल भारतीय पुलिस ड्यूटी मीट की मेजबानी करेगा

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Newstrack Network
Published on: 12 Feb 2024 9:53 PM IST
The five-day All India Police Duty Meet started from Monday and will continue till February 16
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पाँच दिवसीय अखिल भारतीय पुलिस ड्यूटी मीट का सोमवार से आयोजन शुरू हुआ जो 16 फरवरी तक चलेगा: Photo- Newstrack

Police Duty Meet: पाँच दिवसीय 67वी अखिल भारतीय पुलिस ड्यूटी मीट (एआईपीडीएम) का आयोजन 12 फरवरी से 16 फरवरी 2024 के बीच लखनऊ में किया जायेगा। कार्यक्रम का मुख्य स्थल लखनऊ स्थित जगजीवन राम आरपीएफ अकादमी हैं। इस बार के अखिल भारतीय पुलिस ड्यूटी मीट के आयोजन की जिम्मेदारी एआईपीडीएम की केन्द्रीय समन्वय समिति द्वारा रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) को सौंपी गयी है।

अखिल भारतीय पुलिस ड्यूटी मीट का कर्टन-रेजर आज लखनऊ स्थित आरडीएसओ में केन्द्रीय सुरक्षा बल के महानिदेशक मनोज यादव द्वारा किया गया। इस अवसर पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए आरपीएफ महानिदेशक ने बताया कि 67वीं अखिल भारतीय पुलिस ड्यूटी मीट में देश के 20 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के पुलिस संगठनों तथा 09 केन्द्रीय पुलिस संगठनों द्वारा भागीदारी की जाएगी। पहली बार इस मीट में स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) द्वारा भी भागीदारी की जा रही है। महानिदेशक ने बताया कि इस मीट के दौरान सुरक्षा, पुलिस की कार्य प्रणाली तथा उसमें नवाचार से संबंधित विभिन्न प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जायेगा।

1200 से अधिक लोग करेंगे प्रतिभाग-

इस मीट में प्रतिभागियों, प्रशासनिक अधिकारियों, मेहमानों और गणमान्य अतिथियों सहित 1200 से अधिक लोग प्रतिभाग करेगें। महानिदेशक ने बताया कि अखिल भारतीय पुलिस ड्यूटी मीट का उद्देश्य कानून प्रर्वतन पेशेवरों के एकजुट होने, सीखने ओर जांच पड़ताल उत्कृष्ता के अपनी सामूहिक प्रयास को मजबूत करने का आवाहन करती है। विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं जैसे जांच, वैज्ञानिक सहायता, पुलिस फोटोग्राफी, कम्प्यूटर जागरूकता, विशेष कैनाईन यूनिट प्रतियोगिता, तोड़-फोड़ विरोधक जांच और पुलिस वीडियोग्राफी के साथ यह पुलिस ड्यूटी मीट कानून प्रर्वतन कर्मियों के लिए अपनी योग्ताओं को निखारने और श्रेष्ठ प्रक्रियाओं के आदान प्रदान के लिए एक मंच के रूप में कार्य करती है।

आरपीएफ महानिदेशक मनोज यादव ने बताया कि आधुनिकीकरण की दिशा में एक उल्लेखनीय प्रगति के रूप में रेलवे सुरक्षा बल ने 67वीं अखिल भारतीय पुलिस ड्यूटी मीट के लिए आरपीएफ के तकनीकी समूह द्वारा बनाई गई समर्पित मोबाइल एप्लिकेशन और वेबसाइट लॉन्च किया है।


इन-हाउस रूप से विकसित, इन डिजिटल प्लेटफार्मों को संचार को सुव्यवस्थित करने, वास्तविक समय अपडेट प्रदान करने और ऑटोबोट-आधारित बहुभाषी चैट समर्थन जैसी विशेषताओं के साथ इसे प्रतिष्ठित कार्यक्रम में भाग लेने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए निर्बाध भागीदारी की सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से डिजाइन किया गया है।

उपयोगकर्ता के अनुकूल इंटरफेस और विविधि प्रक्रियाओं जैसे प्रतिभागी पंजीकरण, आयोजन की लाइव ट्रैकिंग तथा डिजिटल प्रमाणपत्र, ई-ब्रोशर, नियमों, परिणामों, अनुदेशों का पालन करने और प्रतिभागियों की इवेंट शेड्यूल तक पहुंच के अलावा प्रतिभागियों के पंजीकरण, घटनाओं की लाइव ट्रैकिंग तथा न्यायाधीशों द्वारा परिणामों को चिह्नित करने एवं घोषित करने जैसी कई प्रक्रियाओं के डिजिटलीकरण जैसी मजबूत सुविधाओं से लैस यह प्लेटफार्म प्रतिभागियों के बीच पारदर्शिता को बढ़ावा देता है। यह ऐप और वेबसाइट एक अमूल्य उपकरण के रूप में काम करेंगे, जो प्रतिभागियों के कुल अनुभवों को बढ़ाएंगे और डिजिटल के वर्तमान युग में कानून प्रवर्तन कर्मियों के जांच-पड़ताल संबंधी कर्तव्यों में प्रौद्योगिकी के उपयोग को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता को भी मजबूत करेंगे।

आरपीएफ के महानिदेशक मनोज यादव ने रेलवे की सुरक्षा तथा संबंधित कार्यप्रणाली पर पत्रकारों के प्रश्नो का जवाब देते हुए बताया कि रेलवे द्वारा यात्रियों की सुरक्षा, सामान की सुरक्षा तथा बच्चों की तस्करी को रोकने के लिए कई कदम उठाये गये हैं। निर्भया स्कीम के तहत लगभग 8 हजार रेल की बोगियों में सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं और जल्दी ही यह संख्या 10 हजार तक पहुंच जायेगी। मेरी सहेली नामक पहल के तहत अकेले यात्रा करने वाली महिलाओं की सुरक्षा के लिए सभी प्रमुख स्टेशनों पर महिला आरपीएफ द्वारा सहायता प्रदान की जाती है।

नन्हें फरिश्ते नामक पहल में आरपीएफ कर्मियों द्वारा एनजीओं के साथ रेलवे परिसर में पाये जाने वाले बच्चों को उनके परिवारों से पुनः मिलाने में मदद की जाती है। वर्ष 2022 में 17 हजार बच्चें बरामद हुए और सन् 2023 में 11 हजार बच्चों को बरामद किया गया। आपरेशन आहट जिसे आरपीएफ द्वारा बचपन बचाओं आन्दोलन के साथ मिलकर संचालित किया जा रहा है इसके तहत मानव तस्करों के खिलाफ कार्यवाही की जाती है। जिसके अन्तर्गत वर्ष 2023 में आरपीएफ में 1048 व्यक्तियों को बचाया। आरपीएफ द्वारा नारकोश ऑपरेशन चलाकर 40 करोड़ रूपये की नारकोटिक्स की बरामदी की गयी।



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Shashi kant gautam

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