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Lucknow News: 'TEX INDIA GROUP' कम्पनी के मैनेजर की DP लगाकर ठग लिए 78 लाख रुपए, लखनऊ साइबर थाना पुलिस ने 3 आरोपी किए गिरफ्तार
Lucknow News: गिरफ्तार हुए शातिर ठगों ने बीते 16 फरवरी को TEX INDIA GROUP कंपनी के अकाउंट मैनेजर सतीश कुमार दुबे के व्हाट्स ऐप पर मैसेज करके ठगी के खेल की शुरुआत की थी।
Lucknow News: तेजी से बढ़ रहे साइबर अपराध से जुड़े मामलों के बीच लखनऊ की साइबर थाने की पुलिस टीम भी ऐसे मामलों के खुलासे के लिए एक्टिव होती नजर आ रही है। ऐसे ही एक बड़े साइबर अपराध से जुड़े मामले में लखनऊ साइबर थाना पुलिस टीम ने मुजफ्फरनगर के रहने वाले अमजद के साथ साथ जम्मू कश्मीर के रहने वाले इब्राहिम डार और एहसान उल हक नाम के 3 शातिर अभियुक्तों को दिल्ली से गिरफ्तार किया। पुलिस टीम ने बताया कि अभियुक्तों ने कंपनी के मैनेजर की डीपी लगाकर 78 लाख रुपए की ठगी को अंजाम दिया था।
TEX INDIA GROUP कंपनी के मैनेजर की DP लगाकर शुरू किया खेल
इंस्पेक्टर बृजेश कुमार ने इस मामले पर जानकारी देते हुए बताया कि गिरफ्तार हुए शातिर ठगों ने बीते 16 फरवरी को TEX INDIA GROUP कंपनी के अकाउंट मैनेजर सतीश कुमार दुबे के व्हाट्स ऐप पर मैसेज करके ठगी के खेल की शुरुआत की थी। इस दौरान ठगों ने कंपनी के मैनेजर मयूर गर्ग की डीपी लगा रखी थी। ठगों ने कम्पनी का मैनेजर बनकर बात करते हुए कहा कि ये मेरा नया नंबर है, इसे सेव कर लो और अगले दिन सुबह 10 बजे हर हाल में ऑफिस पहुंचने को कहा गया।
ठगों ने कंपनी के बैंक अकाउंट में बची राशि की ली जानकारी
पीड़ित ने बताया कि शातिर ठगों ने व्हाट्स ऐप पर बात खत्म हो उससे पहले चैट में ही कंपनी के बैंक अकाउंट में बची हुई कुल राशि की जानकारी ली और साथ ही उसका फ़ोटो क्लिक करके भेजने को कहा। पीड़ित सतीश ने बताया कि हमारेई कम्पनी का एक कोड भी है। जालसाजों की ओर से जब उस कोड के बारे में भी बताया गया तो उनपर भरोसा हो गया और उसके बाद उन्हें एकाउंट की जानकारी दे दी गयी।
जरूरी प्रोजेक्ट के नाम पर ट्रांसफर करा लिए 78 लाख रुपए
पीड़ित ने पुलिस को बताया कि चैट में जालसाजों ने बैंक अकाउंट की डिटेल लेने के बाद कहा कि जरूरी प्रोजेक्ट के लिए 78 लाख रुपए एडवांस में पेमेंट करना होगा, जिसके बाद ही एग्रीमेंट साइन होगा। इसी तरह झांसे में लेकर कमोनी के अकॉउंट से जालसाजों ने जम्मू कश्मीर स्थित इंडसइंड बैंक के अकॉउंट में 78 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए। पीड़ित का कहना है कि पैसा ट्रांसफर होने के बाद कंफर्म करने के लिए जब उस नए नंबर पर कॉल किया गया तो वह रिसीव नहीं हुआ, जिसके बाद उन्हें शक हुआ। उनका कहना है कि ट्रांसफर हुआ पैसा होल्ड करवाने के लिए वे बैंक भी गए लेकिन तब तक पैसा कई अलग-अलग खातों में ट्रांसफर हो चुका था।