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Lucknow News: अखिलेश यादव से मिले जर्मनी के SDP सांसद कम्बोज, बोले-नहीं होगी वीजा की प्रॉब्लम
Lucknow News: फ्रैंकफर्ट के सांसद राहुल कुमार कम्बोज ने कहा कि अखिलेश ने 2015 में जर्मनी की यात्रा की, इस दौरान उन्होंने कई मुद्दे उठाए जो आने वाले कल का फ्यूचर बने।
Lucknow News: रविवार को समाजवादी पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में जर्मनी के फ्रैंकफर्ट से सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद राहुल कुमार कम्बोज ने अखिलेश यादव से मुलाकात की। भारतीय मूल के जर्मन सांसद कम्बोज ने इस दौरान भारत और जर्मनी के रिश्तों और दोनों देशों के बीच विकास के मुद्दों पर भी राय रखी। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने शॉल भेंटकर राहुल कम्बोज का सम्मान किया। साथ ही उन्होंने 2015 में अपनी आधिकारिक जर्मनी यात्रा को लेकर भी विचार साझा किए। अखिलेश ने कहा कि मैंने अपनी यात्रा के दौरान ही जर्मनी की ओटोमन सड़क देखी थी और वैसी ही सड़क उत्तर प्रदेश में बनाने का संकल्प भी लिया था। उसके बाद जब प्रदेश वापस लौटा तो यहां लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे का निर्माण कराया जो आज भी देश की सबसे अच्छी सड़कों में से एक है। प्रेस वार्ता में शिवपाल यादव, सपा के प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल, पूर्व मंत्री राजेंद्र चौधरी समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। इस दौरान उन्होंने कई राजनीतिक सवालों के जवाब दिए।
मिराज और सुखोई को सड़क पर उतारा- अखिलेश
अपने बयान में अखिलेश ने कहा कि ओटोमन सड़क जर्मनी की सबसे बेहतरीन और ऐतिहासिक सड़क है। उसी को देखने के बाद आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे बनाया जो आज भी देश की सबसे बेहतरीन सड़क है। उन्होंने कहा कि इस सड़क के उद्घाटन के दौरान देश के सबसे बेहतरीन सुखोई और मिराज जहाजों को उस सड़क पर उतारा। अपनी यात्रा के दौरान मैंने हैनोवर में एक चिड़ियाघर को देखा। जब वापस लौटा तो लखनऊ से जू के अधिकारियों को वहाँ भेजा। वह देख के आए फिर लखनऊ के चिड़ियाघर को भी सुधारा। जितना समाजवादियों ने चिड़ियाघर को सुधारा वह आज भी सिर्फ उतना ही सुधरा है। आगे उन्होंने कहा कि मुगल म्यूजियम को मैने बर्लिन के आर्किटेक्ट डेविड चिपरफील्ड से बनवाने के किए योजना बनाई थी। यह आगरा में बन रहा था और उसका सिविल वर्क भी पूरा हो गया था लेकिन सरकार गई और वह ऐसे ही पड़ा हुआ है। अखिलेश ने कहा कि जर्मनी में आज भी जनता बैलेट से वोट करती है। कहीं न कहीं भारत में भी वह लाने का प्रयास करना चाहिए। जिससे जनता का विश्वास बना रहे। हम लोगों को भी जर्मनी जाना चाहिए और उसे देखना चाहिए।
फ्रैंकफर्ट के सांसद बोले, भारतीयों के लिए आसान होगी वीज़ा की राह
लोगों को सम्बोधित करते हुए फ्रैंकफर्ट के सांसद राहुल कुमार कम्बोज ने कहा कि अखिलेश ने 2015 में जर्मनी की यात्रा की, इस दौरान उन्होंने कई मुद्दे उठाए जो आने वाले कल का फ्यूचर बने। अखिलेश ने 2015 में जो आईटी प्रोजेक्ट्स प्रपोज किए थे आज के दिन भी वही काम आ रहे हैं। जर्मनी में कई आईटी प्रफेशनल भारतीय हैं। उन्होंने कहा कि मैं यहां मित्रता भाव से आया, अखिलेश ने सम्मान दिया। हमारे पास बहुत बढ़िया मौका है जिसमें हम युवाओं को मौका दे रहे हैं जो आगे बहुत मदद करेगा। आगे उन्होंने कहा कि यहां से अधिक से अधिक लोग जर्मनी आएं और वहाँ की चीज़ों को देखें। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि लखनऊ वालों के लिए जर्मनी में वीजा की प्रॉब्लम नहीं होगी।
जर्मनी में जन्म होने के बावजूद मैं देश से जुड़ा- कम्बोज
राहुल ने कहा कि मेरा जन्म और पालन जर्मनी का है फिर भी मेरे मां बाप ने मुझे देश से जोड़कर रखा इसलिए मैं आज भी देश से जुड़ा हूं। आज यही जरूरत है कि हम अपने फर्ज को समझें और उसे आगे लेकर आएं। हमारी मित्रता एक प्रोजेक्ट के साथ यहां की जनता के लिए जुड़ी हो। अब जर्मनी और यूरोप के दरवाजे देश की जनता के लिए मैं खोलूंगा। हमारी मित्रता प्यार देश के लिए हमें कम नहीं होने देना है और डायवर्ट नहीं होने देना है। उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया के कई देशों में भारतीय ओरिजिन के लोग प्रतिनिधि हैं लेकिन वह भारत के कार्यों में बहुत अधिक नहीं दिखते हैं। मैंने शिकागो की वर्ड हिन्दू कांग्रेस में यह संकल्प लिया की मैं देश के कार्यों में बढ़ चढ़कर भाग लूंगा।
आज भी बैलेट पेपर से करते हैं वोट
वोटिंग के मामले पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि हम आज भी बैलेट पेपर पर वोटिंग करते हैं, जर्मनी लोगों के बीच ट्रस्ट क्रिएट करने के लिए आज भी यही काम कर रहा है। लखनऊ में आज मैं मित्रता का सेतु बांधने के लिए आया हूं। कार्य कुशलता पर जोर देते हुए कहा कि हमें क्वालिटी का काम करना है क्वांटिटी का नहीं। अगर देश से बाहर काम करना है तो पहले हमें खुद को काम करना होगा। जैसे अच्छा दोस्त मिलने से पहले खुद एक अच्छा दोस्त बनकर दिखाना पड़ता है। मैं अपनी तरफ से रास्ता खोलता हूं और अब आप भी आगे आइए। मैं चाहता हूँ कि अगली प्रेस कॉन्फ्रेंस मैं जर्मनी में अखिलेश यादव के साथ करूं। फ्रैंकफर्ट एक ऐसी जगह है जहां इंग्लिश के अलावा भी हिंदी और पंजाबी के फॉर्म भी मिलेंगे। यह फ्रैंकफर्ट के अलावा और कहीं नहीं हैं।