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UP में नहीं बंद हो रहा कोई भी विद्यालय, 27000 स्कूलों के विलय की बात का सरकार ने किया खंडन
UP News: बेसिक शिक्षा की महानिदेशक कंचन वर्मा ने इस मामले में सफाई पेश करते हुए कहा कि ऐसी खबरें मिल रही हैं कि यूपी में 27 हजार विद्यालयों को बंद कर दिया जाएगा।
UP News: उत्तर प्रदेश में 27,000 प्राथमिक विद्यालयों के बंद करने की बात सामने आ रही थी। इन विद्यालयों को बंद करने को लेकर यह कहा जा रहा था कि जिन विद्यालयों में छात्रों की संख्या 50 से कम है। ऐसे विद्यालयों को दूसरे नजदीकी स्कूलों में विलय कर दिया जाएगा और फिर उन्हें बंद कर दिया जाएगा। लेकिन अब सरकार ने इस बात का खंडन किया है। बेसिक शिक्षा की महानिदेशक कंचन वर्मा ने इस मामले में सफाई पेश करते हुए कहा कि ऐसी खबरें मिल रही हैं कि यूपी में 27 हजार विद्यालयों को बंद कर दिया जाएगा। जबकि यह बात बिल्कुल ही निराधार और भ्रामक है। उन्होंने यह भी कहा कि विद्यालयों को लेकर ऐसी कोई भी प्रक्रिया गतिमान नहीं है।
बेसिक शिक्षा की महानिदेशक ने बयान जारी करते हुए कहा कि यूपी के 27 हजार प्राथमिक विद्यालयों जहां 50 से भी कम विद्यार्थी हैं। ऐसे स्कूलों का निकट के विद्यालयों में विलय करने के बाद बंद करने की बात सामने आ रही है। यह निराधार और बिल्कुल ही भ्रामक है। उत्तर प्रदेश में किसी भी विद्यालय को बंद नहीं किया जा रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि प्राथमिक शिक्षा विभाग विद्यालयों में मानव संसाधन और आधारभूत सुविधाओं के विकास, शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर करने और छात्रों, विशेषकर छात्रों के ड्राप आउट दर को कम करने के लिए प्रयास कर रहा है। सरकार का उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता को और भी ज्यादा बेहतर करना है। इसी के मद्देनजर समय-समय पर विभिन्न अध्ययन किए जाते हैं।
प्राथमिक विद्यालयों के बंद होने की बात पर सियासत तेज
उत्तर प्रदेष में 50 से कम छात्रों की संख्या वाले 27000 प्राथमिक विद्यालयों के विलय करने की खबर लगते हुए सियासत भी तेज हो गयी। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने जहां इस फैसले को अनुचित बताया। वहीं कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने भी इस फैसले को लेकर सरकार पर निशाना साधा।
बसपा प्रमुख मायावती ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि राज्य सरकार द्वारा 50 से कम छात्रों की संख्या वाले बदहाल 27,764 परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने का निर्णय अनुचित है। इन विद्यालयों के बंद हो जाने के बाद गरीब बच्चे आखिर कहां पढ़ेंगे। सरकार को इन विद्यालयों के विलय करने के बजाय उनमें सुधार करके बेहतर बनाने की जरूरत है।
वहीं कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने कहा कि यूपी सरकार का यह कदम शिक्षा के साथ ही दलित, गरीब और वंचित तबकों के बच्चों के खिलाफ है। यूपीए सरकार शिक्षा का अधिकार कानून लाई थी। जिसमें यह व्यवस्था की गई थी कि हर एक किलोमीटर की परिधि में प्राइमरी विद्यालय हो। जिससे हर वर्ग के बच्चों को शिक्षा सुलभ हो सके। लेकिन भाजपा नहीं चाहती कि कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए शिक्षा मिल सके।