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Lucknow University: सरकारी योजनाओं से महिलाओं की स्थिति में सुधार, एक शोध में हुआ खुलासा

प्रोफेसर रोली मिश्रा ने बताया कि रिसर्च से तैयार किया गया इंडेक्स स्वास्थ्य, सशक्तिकरण और श्रम बाजार में महिलाओं की भागीदारी पर आधारित है। प्रधानमंत्री वय वंदना योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, अयुष्मान भारत, स्किल इंडिया, रुसा और बाल विकास योजना से महिलाओं के स्वास्थ्य और शिक्षा में सुधार हुआ है। महिलाओं के सामने रोजगार के विकल्प खुले हैं।

Abhishek Mishra
Published on: 3 April 2024 6:30 PM IST
Lucknow University: सरकारी योजनाओं से महिलाओं की स्थिति में सुधार, एक शोध में हुआ खुलासा
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Lucknow University: लखनऊ विश्वविद्यालय की एक प्रोफेसर ने सरकारी योजनाओं में महिलाओं को मिलने वाले लाभ पर शोध किया है। यह रिसर्च पेपर ‘द इंडियन जर्नल ऑफ लेबर इकोनॉमिक्स’ स्कोपस इंडेक्स में प्रकाशित हुआ है। प्रोफेसर ने शोध में वर्ष 2011-12 और 2020-21 के बीच बदलाव का विश्लेषण किया है।

एलयू की प्रोफेसर ने किया शोध

एलयू की प्रोफेसर रोली मिश्रा और शोध विद्यार्थी विष्णु कुमार ने यह शोध किया है। इस शोध में पता चला कि महिलाओं को प्रदेश सरकार की योजनाओं से स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्रों में लाभ मिला है। महिलाओं को लिए नौकरी के अवसर भी पहले की अपेक्षा बढ़े हैं। केंद्र सरकार की आयुष्मान और प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना से इलाज कराने में काफी आसानी हुई है। आवास योजना में महिलाओं को मकान मिले हैं। साथ ही स्किल इंडिया के माध्यम से महिलाओं में आत्मनिर्भरता बढ़ी है। देश में कॉलेजों और विश्वविद्यालयों की संख्या बढ़ने से शिक्षा के स्तर में काफी सुधार आया है।


सरकारी योजनाओं से महिलाओं को लाभ

अर्थशास्त्र विभाग की प्रोफेसर रोली मिश्रा ने बताया कि रिसर्च से तैयार किया गया इंडेक्स स्वास्थ्य, सशक्तिकरण और श्रम बाजार में महिलाओं की भागीदारी पर आधारित है। प्रधानमंत्री वय वंदना योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, अयुष्मान भारत, स्किल इंडिया, रुसा और बाल विकास योजना से महिलाओं के स्वास्थ्य और शिक्षा में सुधार हुआ है। महिलाओं के सामने रोजगार के विकल्प खुले हैं। प्रो. मिश्रा के अनुसार शोध में उत्तर प्रदेश समेत 20 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश की महिलाओं पर अध्ययन किया गया है। रिसर्च का अंतिम स्कोर अर्थव्यवस्था में सकारात्मक बदलाव की ओर इशारा करता है।

यूपी की महिलाओं के हालात सुधरे

वर्ष 2011-12 से अभी तक स्कोर में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली है। तमिलनाडु, झारखंड, जम्मू और कश्मीर, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक जैसे प्रदेशों के स्कोर में बड़ी वृद्धि देखने को मिली है। जबकि उत्तराखंड, महाराष्ट्र, पंजाब, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश और दिल्ली का जीडीआई स्कोर न्यूनतम रहा। उत्तर प्रदेश में महिलाओं की शिक्षा और स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों में सुधार देखने को मिला है। अर्थशास्त्र विभाग के शोध में वर्ष 2011-12 और 2020-21 के बीच तुलनात्मक असामनता सूचकांक तैयार किया गया है।


रिसर्च में पता चली यह बातें

एलयू के अर्थशास्त्र विभाग की रिसर्च में कई अहम बातें सामने निकल कर आई हैं। सरकार को स्वास्थ्य और शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए बुनियादी ढांचे का निर्माण और अत्याधुनिक नीतियों को डिजाइन करने की जरूरत है। महिलाओं के लिए नौकरी के ज्यादा मौके पैदा करने चाहिए। लैंगिक समानता और बेहतर आर्थिक विकास के लिए कार्यबल संग शिक्षा के क्षेत्र में भी महिला भागीदारी बढ़ाने की आवश्यकता है। महिलाओं को प्राथमिकता देने वाली रोजगार-केंद्रित विकास रणनीति को व्यावहारिक होना चाहिए। श्रम बाजार की संरचना में बदलाव होना चाहिए।



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Abhishek Mishra

Abhishek Mishra

Correspondent

मेरा नाम अभिषेक मिश्रा है। मैं लखनऊ विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। मैंने हिंदुस्तान हिंदी अखबार में एक साल तक कंटेंट क्रिएशन के लिए इंटर्नशिप की है। इसके साथ मैं ब्लॉगर नेटवर्किंग साइट पर भी ब्लॉग्स लिखता हूं।

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