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हनुमान जी का होगा आदेश...तभी होंगे इस कॉलेज के कोई काम, हैं चेयरमैन, जानिए कौन सा है महाविद्यालय
College Chairman Hanuman ji:उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के मोहन रोड पर स्थित सरदार भगत सिंह महाविद्यालय के हर निर्णय हनुमान जी के आदेश पर लिये जाते हैं। वह यहां पर चेयरमैन हैं।
College Chairman Hanuman ji: भगवान हनुमान जी के बड़े बड़े मंदिरों और चमत्कार के बारे में कभी न कभी और कहीं न कहीं कोई कहानी जरूर सुनी होगी। सबसे बड़ी कहानी नीम करोली बाबा की है, जिन्हें कहा जाता था कि उनका हनुमान जी के दर्शन प्राप्त हुए थे। हनुमान जी के परम भक्त नीम करोली बाबा की इस कहानी से अधिकांश हिन्दुस्तानी वाकिफ हो कि एक बार उन्हें बिना टिकट के ट्रेन से उतार दिया था, जिसके बाद उस ट्रेन का जरा सा भी पहिया नहीं घूमा, बाद में रेलवे के अधिकारियों ने बाबा जी से क्षमा मांगी तब ट्रेन चली। हनुमान जी से जुड़ी यह चमत्कार वाली कहानी आप गूगल से भी पढ़ सकते हैं। भगवान हनुमान जी से जुड़ी कुछ ऐसी ही एक कहानी लखनऊ से क्षेत्र भी है, जहां एक कॉलेज का पूरा जिम्मा बजरंबली के हाथों है। उनके आदेश के बिना कॉलेज में कोई काम तो छोड़िए पत्ता तक नहीं हिलता है।
कॉलेज के हैं हनुमान जी चेयरमैन
तो चलिए आपको बताते हैं भगवान हनुमान जी के चमत्कार से जुड़ी एक कहानी। हनुमान जी इस कॉलेज के अध्यक्ष व चेयरमैन हैं। जैसा कि एक चेयरमैन के लिए सारी सुविधाएं दी जाती हैं, वैसी है सारी सुविधाएं यहां पर हनुमान जी के लिए उलब्ध हैं। यह चमत्कार से जुड़ी काहानी है सरदार भगत सिंह कॉलेज की।
हनुमान जी से चलाते है कॉलेज
सरदार भगत सिंह कॉलेज में हनुमान जी को चेयरमैन है। कॉलेज से जुड़े कई अहम फैसले उनके बिना अनुमित के नहीं लिये जाते। कॉलेज प्रशासन ने हनुमान जी के लिए बकायदा एक केबिन बनाया है। उनकी कार भी है। इस कार में केवल हनुमान जी और उनका ड्राइवर बैठता है। टाटा की नैना कार से हर मंगलवार को हनुमान जी राम मंदिर के दर्शन के लिए जाते हैं।
लखनऊ के मोहन रोड पर स्थित है माहविद्यालय
इतना ही नहीं, इस कॉलेज में कॉन्फ्रेंस हॉल में हनुमान जी एक सीट निर्धारित है। यहां पर उनके नाम की नेम प्लेट लगी हुई है। यहां पर हनुमान जी बैठते हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के मोहन रोड पर स्थित सरदार भगत सिंह महाविद्यालय के हर निर्णय हनुमान जी के आदेश पर लिये जाते हैं। महाविद्यालय की छात्रों की संख्या करीब 1 से 2 हजार है। यह महाविद्यालय अब खुद और लोगों के लिए अटूट आस्था और विश्वास का प्रतीक बन चुका है।
इस हुई कॉलेज की शुरुआत
महाविद्याल के पूर्व अध्यक्ष विवेक तांगड़ी और सचिव पंकज सिंह भदौरिया ने कहा कि साल 2007 में दोनों मित्रों ने मिलकर इस कॉलेज की नींव रखी थी। तब हम लोग इस कॉलेज का चेयरमैन नहीं बनना चाहत थे। फिर इसको लेकर काफी चर्चा की कैसे इस कॉलेज का चेयरमैन बनाया जाए। इसके बाद फैसला लिया गया है कि बजरंगबली को यहां का चेयरमैन बनाया जाए। तब से लेकर आज तक इस कॉलेज के बजरंगबली चेयरमैन हैं।