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Lucknow University: मनुष्य की सर्वोच्च प्राथमिकता हो स्वास्थ्य...व्याख्यान में बोले स्वामी धर्मबन्धु
Lucknow University: मुख्य अतिथि ने कहा कि स्वास्थ्य हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए, जिसके लिए हमे अपने आहार पर ध्यान देना, नियमित व्यायाम करना, गहरी नींद लेना, अनैतिक आचरण और तनाव से बचना चाहिए।
Lucknow University: लखनऊ विश्वविद्यालय के शिक्षा शास्त्र विभाग में मंगलवार को 'समकालिक वैश्विक चुनौतियों एवं समस्याएं' विषय पर व्याख्यान आयोजित हुआ। यहां श्री वैदिक मिशन ट्रस्ट, गुजरात के संस्थापक स्वामी धर्मबन्धु मुख्य अतिथि के रुप में मौजूद रहे।
सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए स्वास्थ्य
कार्यक्रम के शुरूआत में शिक्षा संकाय के अध्यक्ष प्रो. दिनेश कुमार व प्रो. यू.सी वशिष्ठ ने अंगवस्त्र और पुष्प गुच्छ देकर स्वामी जी को सम्मानित किया। मुख्य अतिथि ने वैश्विक चुनौतियों में मुख्य रूप से वैश्विक जल संकट, राजनैतिक-सामाजिक-आर्थिक संकट, खाद्य असुरक्षा, प्रोद्योगिकी असमानता, विकसित और विकासशील देशो में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के दुरूपयोग के बारे में विस्तृत जानकारी छात्रों को दी। प्रौद्योगिकी असमानता के अन्र्तगत उन्होंने बताया कि, हमारा भारत प्रौद्योगिकी क्षेत्र में केवल 0.72 प्रतिशत निवेश कर रहा है, जो अन्य देशों की तुलना में काफी कम है। उन्होंने वर्तमान वैश्विक संकट की उत्पत्ति के बारे में बताया जिसमें उन्होंने समझाया कि मुख्य कारण अध्यात्मिकता की कमी है। उनका मानना था कि अत्यात्मिक मूल्यों का अभाव ही समस्याओं और नैतिक पतन का मुख्य कारण है। स्वास्थ्य हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए, जिसके लिए हमे अपने आहार पर ध्यान देना, नियमित व्यायाम करना, गहरी नींद लेना, अनैतिक आचरण और तनाव से बचने की बात कही।
धर्म से नहीं हो सकता किसी देश का विभाजन
स्वामी धर्मबन्धु ने कहा कि आज की शिक्षा, पास और फेल पर ही केन्द्रित हो गयी है, न ही वास्तविक सीखने पर, जिससे छात्रों की पूर्ण शिक्षा में बाधा आ रही है। आगे बढ़ते हुए उन्होंने उल्लेख किया कि धर्म के आधार पर किसी भी देश का विभाजन नहीं हो सकता। अपने व्याख्यान को समाप्त करते हुए उन्होंने कहा कि हमें किसी समुदाय से नहीं, बल्कि संविधान से डरना चाहिए, तभी हम एक प्रगतिशील राष्ट्र बन सकते है।
इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में पूर्व संकायाध्यक्ष प्रो. उमेश चन्द्र वशिष्ठ, डॉ. किरन लता डंगवाल, डॉ. नीतू सिंह, डॉ. सूर्यनारायण गुप्ता, डॉ. बीना इन्द्राणी समेत विभाग के छात्र-छात्राएं व शोधार्थी मौजूद रहे।