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Lucknow News: एलडीए में बनेगा हाईटेक रिकाॅर्ड रूम, बारकोड स्कैन कर ट्रेस की जा सकेंगी फाइलें
Lucknow News: उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि प्राधिकरण में नजूल, इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट, सीलिंग, अर्जन, मानचित्र व सम्पत्ति आदि की हजारों महत्वपूर्ण फाइलें हैं।
Lucknow News: लखनऊ विकास प्राधिकरण में 18वीं सदी के रिकाॅर्ड के साथ ही वर्तमान में प्रचलित फाइलें अब आसानी से ढूंढी जा सकेंगी। इसके लिए गोमती नगर स्थित प्राधिकरण भवन में लगभग 3 करोड़ रूपये की लागत से हाईटेक रिकाॅर्ड रूम बनेगा। जहां फाइलों को मोबाइल काॅम्पैक्टर स्टोरेज सिस्टम के तहत सहेज कर रखा जाएगा और जरूरत पड़ने पर बारकोड स्कैन करके चंद सेकेण्ड में ही फाइल ट्रेस की जा सकेगी। एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार के निर्देश पर रिकाॅर्ड रूम के निर्माण व अपग्रेडेशन के कार्य का टेंडर जारी कर दिया गया हैै।
लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि प्राधिकरण में नजूल, इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट, सीलिंग, अर्जन, मानचित्र व सम्पत्ति आदि की हजारों महत्वपूर्ण फाइलें हैं। इसमें से नजूल व ट्रस्ट की कुछ फाइलें तो 18वीं सदी की हैं। वर्तमान में इन सभी फाइलों का रख-रखाव दो अलग-अलग जगह बने रिकाॅर्ड रूम में किया जाता है। इसमें से एक रिकाॅर्ड रूम लालबाग स्थित एलडीए कार्यालय और एक रिकाॅर्ड रूम गोमती नगर स्थित प्राधिकरण भवन की पुरानी बिल्डिंग में है। अलग-अलग स्थानों पर रिकाॅर्ड रूम होनेे से पत्रावलियों को सहेज कर सुरक्षित रखने, ढूंढने और लाने ले जाने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है। साथ ही साथ फाइलों के गुम होे जाने की शिकायतें भी सामने आती रहती हैं। इससे विभागीय कार्य तो बाधित होता ही है, आवंटियों को भी अपने काम के लिए महीनों प्राधिकरण के चक्कर लगाने पड़ते हैं।
1200 वर्गमीटर एरिया में बनेगा रिकाॅर्ड रूम
इन परिस्थितियोें को ध्यान मेें रखते हुए अब एक स्थान पर अत्याधुनिक रिकाॅर्ड रूम बनवाने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत गोमती नगर के विपिन खण्ड स्थित प्राधिकरण भवन की पुरानी बिल्डिंग के चौथे, पांचवें व छठे तल पर लगभग 1200 वर्गमीटर क्षेत्रफल में माॅडर्न रिकाॅर्ड रूम बनवाया जाएगा। इसमें फाइलों व मानचित्रों को मोबाइल काॅम्पैक्टर स्टोरेज सिस्टम के तहत अत्याधुनिक तकनीकी से डिजाइन की गयी बंद अलमारियों में रखा जाएगा। इससे कम जगह में ज्यादा से ज्यादा फाइलें स्टोर की जा सकेंगी। साथ ही फाइलों के सीलन व दीमक से खराब होने के खतरे से पूरी तरह छुटकारा मिल जाएगा।
पुराने रिकॉर्ड का होगा डिजिटाइजेशन
उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि रिकाॅर्ड रूम के निर्माण में नाॅन कम्बस्टिबल मटीरियल (गैर दहनशील सामग्री) का प्रयोग किया जाएगा। जिससे आग लगने की सूरत में आग का फैलाव नहीं होगा और दस्तावेजों को बचाया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि सभी फाइल बाॅक्स पर बारकोड स्कैनर लगाया जाएगा, ताकि जरूरत पड़ने पर किसी भी योजना की फाइल को आसानी से स्कैन करके ट्रेस किया जा सकेगा। इसके अलावा नजूल व इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट आदि के पुराने रिकाॅर्ड को संरक्षित करने के लिए दस्तावेजों का डिजिटाइजेशन कराया जाएगा। रिकाॅर्ड रूम का संचालन संवेदनशील तरीके से हो, इसके लिए रिकाॅर्ड अनुभाग में तैनात कर्मचारियों को ही वहां प्रवेश की अनुमति रहेगी। इसके लिए अनुभाग के कर्मचारियों को ही रिकाॅर्ड रूम का एक्सेस कार्ड दिया जाएगा।