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Lucknow News: 'HMPV से डरने की जरूरत नहीं', KGMU के डॉक्टर ने लोगों से हाथ मिलाने के बजाए नमस्ते करने की दी सलाह

Lucknow News Today: डॉ० सूर्यकांत ने बताया कि HMPV संक्रमण के लक्षण अधिकतर 14 साल से कम उम्र के बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं में देखे जाते हैं। हालांकि, डरने या घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि हमें रोकथाम पर ध्यान देने की जरूरत है।

Hemendra Tripathi
Published on: 8 Jan 2025 5:10 PM IST
HMPV Virus Alert in Lucknow KGMU Best Doctors Dr Surya Kant
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HMPV Virus Alert in Lucknow KGMU Best Doctors Dr Surya Kant

Lucknow News in Hindi: HMPV यानी ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस नामक संक्रमण के सामने आने से पूरे देश में दहशत का माहौल बनता जा रहा है। ऐसे में लोग इस विषय को गंभीरता से लेते हुए इससे बचाव के लिए चिकित्सक से सलाह ले रहे हैं। ऐसे में लखनऊ के केजीएमयू (किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी) के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ० सूर्यकांत ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस से डरने की जरूरत नहीं बल्कि सतर्क रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि संक्रामक रोग संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आने से फैलते हैं इसलिए खांसते या छींकते समय हमेशा अपने मुंह को रूमाल से ढकें, मास्क पहनें। इसके साथ ही लोगों से हाथ मिलाने के बजाय 'नमस्ते' कहकर अभिवादन करें।

खांसी, बुखार, नाक बंद होना जैसे साधारण लक्षणों को पैदा करता है HMPV वायरस

रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ० सूर्यकांत बताते हैं कि HMPV एक श्वसन वायरस है, जो कि कोई नया नहीं है। इस वायरस को 2001 में नीदरलैंड में खोजा गया था। उन्होंने बताया कि यह वायरस खांसी, बुखार, नाक बंद होना और सांस लेने में कठिनाई सहित सामान्य सर्दी के साथ साथ कोविड-19 जैसे सामान्य लक्षणों को पैदा करता है लेकिन गंभीर मामलों में ये वायरस ब्रोंकाइटिस या निमोनिया का कारण बन सकता है।

14 साल से कम उम्र के बच्चों और बुजुर्गों में दिख रहे HMPV के लक्षण

डॉ० सूर्यकांत ने बताया कि HMPV संक्रमण के लक्षण अधिकतर 14 साल से कम उम्र के बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं में देखे जाते हैं। हालांकि, डरने या घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि हमें रोकथाम पर ध्यान देने की जरूरत है। संक्रमित व्यक्तियों का आमतौर पर आराम और बुखार कम करने वाली सामान्य दवाओं से इलाज किया जाता है और लक्षण साधारण तौर पर 2 से 5 दिनों के भीतर ठीक हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि सभी को बिना डरे सिर्फ सतर्कता बरतने की आवश्यकता है लेकिन बच्चे, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं या पहले से मौजूद गंभीर स्थितियों जैसे फेफड़े, हृदय, किडनी, लीवर की बीमारियों या कैंसर वाले व्यक्ति इससे अधिक जोखिम में हैं।

संक्रमित लोगों से रहें दूर, हाथ मिलाने की जगह नमस्ते से करें अभिवादन

उन्होंने कहा कि संक्रामक रोग संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आने से फैलते हैं। इसलिए खांसते या छींकते समय हमेशा अपने मुंह को रूमाल से ढकें, मास्क पहनें, भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचें, बार-बार साबुन और पानी से हाथ धोते रहें, खुद को हाइड्रेटेड रखें। इसके साथ ही संक्रमित व्यक्तियों से दूरी बनाए रखें और लोगों से हाथ मिलाने के बजाय नमस्ते कहकर अभिवादन करें।



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