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Lucknow News: मंकी पॉक्स से कैसे बचें, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट

Lucknow News: डिप्टी सीएमओ डॉ. एपी सिंह का कहना है कि मंकी पॉक्स एक संक्रामक बीमारी है। ये खांसने, छींकने, हाथ मिलाने, गले मिलने, दूसरे के कपड़ों को पहनने से होती है।

Abhishek Mishra
Published on: 28 Sept 2024 1:30 PM IST
Lucknow News: मंकी पॉक्स से कैसे बचें, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट
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Lucknow News: विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से मंकी पॉक्स को स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया गया है। राजधानी लखनऊ में मंकी पॉक्स का कोई मरीज नहीं मिला है। अस्पतालों के डॉक्टर इस बीमारी से बचने के कई तरीके व उपाय बता रहे हैं। आइए जानते हैं मंकी पॉक्स से निपटने के लिए डॉक्टरों की क्या राय है।

लक्षण समान होने से लोग समझते हैं दूसरी बीमारी

डिप्टी सीएमओ डॉ. एपी सिंह का कहना है कि मंकी पॉक्स एक संक्रामक बीमारी है। ये खांसने, छींकने, हाथ मिलाने, गले मिलने, दूसरे के कपड़ों को पहनने से होती है। इसके लक्षणों के कारण आमतौर पर लोग इसे चिकन पॉक्स, खसरा, बैक्टीरिया या त्वचा संक्रमण व खुजली समझ लेते हैं, जबकि ऐसा नहीं है। इसमें दाने, गले व जांघ में गांठ, बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ का दर्द होता है। मरीज में कमजोरी आ जाती है।

वायरस के मस्तिष्क तक पहुंच जाने से बुखार

लोकबंधु अस्पताल के डॉ. एके त्रिपाठी ने बताया कि मंकी पॉक्स आमतौर पर दो से तीन हफ्ते में ये पूरी तरह से ठीक हो जाती है। लेकिन कुछ मामलों में वायरस के मस्तिष्क तक पहुंच जाने से इंसेफेलाइटिस (दिमागी बुखार) भी हो जाता है। बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ. पवन अरुण ने बताया कि अभी मंकीपॉक्स का कोई मामला संज्ञान में नहीं आया है। शासन स्तर से कोई गाइडलाइन भी नहीं मिली है। जैसे ही कोई निर्देश जारी होंगे उसके अनुसार कार्य किया जाएगा।

मंकी पॉक्स से ऐसे करें बचाव

मंकी पॉक्स से बचाव के लिए कुछ बातों का खास खयाल रखना चाहिए। जैसे कि हाथों को साबुन या सेनिटाइजर से बार-बार धोते रहें। यदि संदिग्ध हैं तो परिवार के बाकी सदस्यों से दूर रहें, मास्क लगाएं। अपनी त्वचा को सूखा और खुला रखें। हवादार कमरे में रहें। बेकिंग सोडा या एप्सम साल बेकिंग सोडा पानी में डालकर स्नान करें।मरीज के पास जाने से के लिए पीपीई किट का प्रयोग करें।

डबल स्टैंडर्ड वायरस है मंकी पॉक्स

बीमारी से संक्रमित होने वाले मरीजों की पीसीआर जांच कराई जाती है। मंकी पॉक्स वायरस एक डबल स्टैंडर्ड डीएनए वायरस है। यह ऑर्थोपॉक्स वायरस जेंट्स स्वरूप है। मंकी पॉक्स वायरस बॉक्स वायरिंग परिवार में आता है। इसकी जांच के लिए (पीसीआर) पॉलीमरेस चैन रिएक्शन टेस्ट किया जाता है।

Abhishek Mishra

Abhishek Mishra

Correspondent

मेरा नाम अभिषेक मिश्रा है। मैं लखनऊ विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। मैंने हिंदुस्तान हिंदी अखबार में एक साल तक कंटेंट क्रिएशन के लिए इंटर्नशिप की है। इसके साथ मैं ब्लॉगर नेटवर्किंग साइट पर भी ब्लॉग्स लिखता हूं।

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