Lucknow Crime: ऋतिक हत्याकांड में सिपाही पर केस दर्ज न होने से पुलिसिया कार्यशैली पर सवाल

Lucknow Crime: इस मामले में अभी तक बंथरा थाने के इंस्पेक्टर हेमंत कुमार राघव, दरोगा सुभाष चंद्र यादव, सुशील यादव और सिपाही यतींद्र सस्पेंड हो चुके हैं।

Santosh Tiwari
Published on: 25 July 2024 7:18 AM GMT
Hrithik murder case
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Hrithik murder case  (photo: social media )

Lucknow Crime: राजधानी के बंथरा थाना क्षेत्र में हुए ऋतिक हत्याकांड में आरोपी सिपाही पर केस दर्ज न होने से पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। एसीपी की जांच में आरोपियों को भगाने में थाने के कारखास सिपाही यतींद्र चौधरी की संलिप्तता पाई गई थी। इसके बावजूद उसके ऊपर सिर्फ निलंबन की कार्रवाई की गई। जबकि आरोपी सिपाही के ऊपर हत्यारोपियों को भगाने के मामले में केस दर्ज किया जाना चाहिए। इस मामले में अभी तक बंथरा थाने के इंस्पेक्टर हेमंत कुमार राघव, दरोगा सुभाष चंद्र यादव, सुशील यादव और सिपाही यतींद्र सस्पेंड हो चुके हैं।

यह थी पूरी वारदात

रविवार रात बंथरा के कुछ घरों में लाइट नहीं आ रही थी उसे ठीक करवाने के लिए आसपास के लोग ट्रांसफॉर्मर के पास पहुंचे थे। ट्रांसफॉर्मर के पास ही कुछ घरों में लाइट आ रही थी इस पर उक्त घरों के लोगों ने बिजली ठीक करने का विरोध किया। इस दौरान मृतक ऋतिक पांडेय भी वहां मौजूद था और उसकी आरोपियों से मामूली बहस हुई थी। बहस के बाद सब सामान्य हो गया था और सभी लोग वहाँ से अपने घर लौट गए। मृतक के पिता इंद्रकुमार ने पुलिस को दी गई तहरीर में बताया था कि रात करीब 10 :30 बजे अवनीश पुत्र शबोहन सिंह, हिमांशू सिंह, प्रियांशू, प्रत्यूष पुत्र कन्हैया सिंह, शनि पुत्र विनोद सिंह अपने कई साथियों को लेकर लाठी-डंडों व असलहों के साथ घर में घुस गए। आरोपियों ने नौकर मैकू रावत, बेटे अभिषेक उर्फ़ रमन और ऋतिक को बुरी तरह से पीटा। इसके बाद आरोपी मौके से फरार हो गए। अंदरूनी चोटें ज़्यादा गंभीर होने के कारण रात में अचानक ऋतिक की तबीयत बिगड़ गई। परिजन उसे लेकर अस्पताल जा रहे थे की इसी बीच ऋतिक की मौत हो गई। सोमवार को परिजनों ने अस्पताल में प्रदर्शन भी किया था। जिसके बाद साउथ जोन के अधिकारियों के निर्देश पर उक्त पांचों नामजद आरोपियों सहित 10 अज्ञात पर हत्या समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ।

गैर जनपद चले गए दरोगा, थानेदार भी दबाए रहे घटना

परिजन शुरुआत से ही इस घटना में पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगा रहे थे। अस्पताल में उन्होंने प्रदर्शन भी किया था। अधिकारियों ने जब जांच कराई तो थाने पर तैनात पुलिसकर्मियों की बड़ी लापरवाही सामने आई। जांच में पता चला कि घटना सामने आने के बाद दरोगा सुभाष चंद्र यादव बिना उच्चाधिकारियों को सूचना दिए गैर जनपद चले गए। इसके लिए दरोगा ने कोर्ट में पेशी का हवाला दिया। जांच में पेशी की बात गलत साबित हुई। वहीं, बंथरा थानेदार हेमंत कुमार राघव मारपीट में मौत होने के बावजूद घटना को मैनेज करने में जुटे रहे। उन्होंने अधिकारियों को हार्ट अटैक से मौत होने की गलत सूचना दी और मामले को घंटों दबाए रहे।

आज निकलेगा कैंडल मार्च

घटना के चार दिन बीतने के बावजूद पुलिस अभी तक किसी भी नामजद आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। परिवार लगातार गिरफ्तारी की मांग कर रहा है। इसी मांग को लेकर आज शाम 6 बजे परिजनों के साथ ही स्थानीय लोग बंथरा थाने से अमौसी एयरपोर्ट तक शांतिपूर्ण कैंडल मार्च निकालेंगे।

Monika

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Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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