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Lucknow News: कानूनी पढ़ाई करने वालों के लिए मौका, IGNOU ने पहली बार पैरा लीगल प्रैक्टिस में डिप्लोमा प्रोग्राम की शुरुआत
Lucknow News: इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी ने इस वर्ष जनवरी सत्र से छात्रों के लिए क्रिमिनल जस्टिस, साइबर लॉ, और पीजी डिप्लोमा इन पैरालीगल प्रैक्टिस के साथ पीजी डिप्लोमा कोर्स की शुरुआत की है।
Lucknow News: इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (इग्नू) ने इस वर्ष जनवरी सत्र से छात्रों के लिए क्रिमिनल जस्टिस, साइबर लॉ, और पीजी डिप्लोमा इन पैरालीगल प्रैक्टिस के साथ पीजी डिप्लोमा कोर्स की शुरुआत की है। छात्रों को इस कोर्स में प्रवेश की अंतिम तिथि 31 जनवरी तक दी गई है।
पहली बार पैरा लीगल प्रैक्टिस में डिप्लोमा प्रोग्राम की शुरुआत
इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. अनिल कुमार मिश्रा के मुताबिक ओपन यूनिवर्सिटी लगातार छात्रों के लिए नए कोर्स शुरू कर रहा है। इसी क्रम में अब छात्र-छात्राएं क्रिमिनल जस्टिस, साइबर लॉ और पीजी डिप्लोमा इन पैरालीगल प्रैक्टिस कोर्स की पढ़ाई भी कर सकेंगे। और अब इनमें प्रवेश शुरू हो गए हैं। वहीं ओपन यूनिवर्सिटी ने पहली बार पैरा लीगल प्रैक्टिस में डिप्लोमा प्रोग्राम की शुरुआत की है। ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग के रूप में डिजाइन किया गया यह पेशेवर स्नातकोत्तर डिप्लोमा अंग्रेजी और हिंदी, दोनों में उपलब्ध है। इसमें 12वीं उत्तर्णी अभ्यर्थी प्रवेश ले सकते हैं।
कोर्स की अवधि न्यूनतम छह माह और अधिकतम दो वर्ष
इस पाठ्यक्रम की पढ़ाई अंग्रेजी माध्यम से होगी किसी भी विषय से स्नातक वाले विद्यार्थी प्रवेश ले सकते हैं। इसका शुल्क 8400 रुपये एवं 300 रुपये पंजीकरण के लिए देना होगा। कोर्स की अवधि न्यूनतम छह माह और अधिकतम दो वर्ष है। साइबर लॉ पाठ्यक्रम उन युवाओं के लिए अच्छा विकल्प है, जो साइबर लॉ अनुसंधान, आईटी से संबंधित भूमिकाओं या संगठनों और बहुराष्ट्रीय कंपनियों में कानूनी सलाहकार के रूप में करियर की तलाश कर रहे हैं। इसमें विद्यार्थी साइबर अपराध से निपटना, इंटरनेट के माध्यम से की जाने वाली धोखाधड़ी से बचाव आदि सीख सकेंगे।
कानून को समझने में रुचि रखने वाले लें सकते हैं प्रवेश
इस कोर्स में प्राफेशनल और स्नातक कर चुके छात्रों के लिए करियर बनाने का मौका मिलेगा। इसके लिए विश्वविद्यालय की तरफ से 10800 रुपए फीस निर्धारित की गई है। कोर्स की न्यूनतम अवधि 1 वर्ष और अधिकतम 3 वर्ष होगी। इसमें पुलिस अधिकारी, कर्मचारी, डॉक्टर, वकील, सेना के जवान, विशेष एजेंसियां और गैर सरकारी संगठन के पेशेवर के साथ ही न्याय प्रणाली, अपराध व कानून को समझने में रुचि रखने वाले प्रवेश ले सकते हैं।