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World Social Work Day 2024: आध्यात्म के रास्ते पर चलकर समाज में आएगा सुधार, धैर्य न होने से हो रही घटनाएं

World Social Work Day 2024: प्रयागराज और मुजफ्फरनगर में हुई घटनाएं समाज को दूषित कर रही हैं। अपने गुस्से पर काबू पाकर ही ऐसी घटनाएं रोकी जा सकती हैं। क्षणिक गुस्से मात्र से कभी-कभी बहुत बड़ा नुकसान हो जाता है।

Abhishek Mishra
Published on: 19 March 2024 12:40 PM GMT
There will be improvement in the society by following the path of spirituality, incidents are happening due to lack of patience.
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नारी शिक्षा निकेतन की प्राचार्या व मनोवैज्ञानिक प्रो. सपना वर्मा- केकेसी प्राचार्य व प्रख्यात समाज शास्त्री प्रो. विनोद चंद्र: Photo- Newstrack

World Social Work Day 2024: प्रयागराज और मुजफ्फरनगर में हुई घटनाएं समाज को दूषित कर रही हैं। अपने गुस्से पर काबू पाकर ही ऐसी घटनाएं रोकी जा सकती हैं। क्षणिक गुस्से मात्र से कभी-कभी बहुत बड़ा नुकसान हो जाता है। समाज में बढ़ रही अराजकता को आध्यात्म और नैतिकता के जरिए खत्म किया जा सकता है। न्यूज़ट्रैक ने विश्व समाज कार्य दिवस के अवसर पर समाजशास्त्री और मनोवैज्ञानिक से बात की। जिसमें यह बातें निकल कर सामने आई हैं।

प्राचीन नैतिक मूल्यों से सुधरेगा समाज

श्री जय नारायण पीजी कॉलेज के प्राचार्य और प्रख्यात समाज शास्त्री प्रो. विनोद चंद्र ने बताया कि डिजिटल युग से ऐसी घटनाएं आज प्रकाश में आ रही हैं। लोगों में आक्रोश बढ़ गया है। समाज में अपराध बढ़ने के कई कारण हैं। उन्होंने कहा कि अपनी बढ़ती हुई आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए लोग अपराध का रास्ता चुन रहे हैं। जब समाज भौतिकतावाद की ओर नहीं भागेगा, तभी अपराध कम हो सकेगा। लोग भौतिक संसाधनों की लालसा न रखें। प्रो. चंद्र ने कहा कि संबंधों में जीने वाला समाज अब वस्तुओं के लिए जीने वाला समाज बन गया है। प्राचीन नैतिक मूल्यों के जरिए हम समाज में सुधार ला सकते हैं। उन्होंने बताया कि समाज में तुरंत प्रतिफल की चाह रखने वाले लोग अधिक हैं। धैर्य से भी ऐसी अराजक घटनाओं पर काबू पाया जा सकता है। संतोष से बड़ा कोई धन नहीं हैं। यह विचार समाज में प्रसारित करना होगा।

आज समाज में धैर्य की कमी

नारी शिक्षा निकेतन की प्राचार्या और मनोवैज्ञानिक प्रो. सपना वर्मा का मानना है कि आध्यात्म के रास्ते पर चलकर ऐसे कदम से बचा जा सकता है। आजकल लोगों के अंदर धैर्य खत्म होता जा रहा है। लोगों में कुछ भी तुरंत पाने की बेताबी बढ़ती जा रही है। बिना कोई समय गंवाए सब कुछ पाने की आस इसका सबसे बड़ा कारण है। उन्होंने बताया कि युवा एक रात में करोड़पति बनने का ख्वाब देखते हैं। आज के समय में लोगों में इंतजार करने की सहनशक्ति भी खत्म होती जा रही है। प्रो. वर्मा ने कहा कि ऐसी घटनाएं समाज में इसलिए घट रही हैं क्योंकि लोगों में धैर्य पूरी तरह खत्म हो गया है। कोई भी निर्णय तत्काल लेना चाहते हैं।

मानसिक शांति के लिए करें ध्यान

प्रो. सपना वर्मा ने बताया कि मूल्यों को धाराशाही करते हुए लोगों में कुछ भी हासिल करने की चाह अधिक है। जिससे ऐसी घटनाएं घटित हो रही हैं। उन्होंने बताया कि जीवन में सिर्फ काला और सफेद ही नहीं बल्कि ग्रे भी होता है। लेकिन ग्रे को समझने से ही धैर्य आएगा। आध्यात्म और नैतिकता के माध्यम से ऐसी घटनाएं रोकी जा सकती हैं। जिससे समाज में सुधार आ सके। प्रो. वर्मा के मुताबिक स्कूल, कॉलेज या ऑफिस में मूल्यों के बारे कार्यशाला होनी चाहिए। नैतिक शिक्षा पर बातचीत होनी चाहिए। मानसिक रूप से शांत होने के लिए ध्यान करना जरूरी है। थोड़ी देर ध्यान करने से दिमाग शांत हो सकता है।जिससे समाज को बेहतर बनने में काफी सहायता मिलेगी।

Shashi kant gautam

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