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विदेशों में करोड़ों की कमाई का 20 दिन में देना होगा हिसाब, कानपुर-लखनऊ समेत 12 हजार लोग रडार पर
Income Tax Alert: एक-एक पैसे का ब्योरा देना होगा। विभाग नोटिस देकर कार्रवाई की शुरुआत करेगा। विभाग 10 लाख की पेनाल्टी सही सूचना नहीं देने पर लगा सकता है।
Incomes Tax Notice : कानपुर का एक 35 वर्षीय युवक अमेरिका की एक कंपनी में नौकरी करता है। कंपनी ने अपने कुछ शेयर उसे दिए पर युवक ने इसकी जानकारी आयकर विभाग को नहीं दी। ऐसे ही दिल्ली के 54 वर्षीय व्यक्ति ने विदेशी शेयर और क्रिप्टो में पैसा लगाया। खरीद-फरोख्त में अच्छा मुनाफा भी कमाया पर आयकर रिटर्न में इसका कोई उल्लेख तक नहीं किया। 31 जुलाई तक पूरी जानकारी उपलब्ध करानी होगी वरना कानूनी दांवपेच में फंसना तय है।
ये दो मामले बता रहे हैं कि अगर आपने भी विदेशी कंपनियों के शेयर में पैसा लगाया और मुनाफा कमाया है तो सचेत हो जाएं। विदेशों में करोड़ों की कमाई का पूरा हिसाब-किताब हर हाल में देना है। वह भी सिर्फ 20 दिन यानी 31 जुलाई तक। ऐसा नहीं करते हैं तो आयकर विभाग धारा 148 ए के तहत नोटिस भेजकर कार्रवाई शुरू कर देगा।
कानपुर, लखनऊ समेत कई शहरों के 12,000 लोग रडार पर
विदेशी कंपनियों के शेयर, क्रिप्टो करंसी में निवेश के अलावा दूसरे देशों में संपत्ति से अर्जित आमदनी करने वालों की मुसीबतें बढ़ने वाली हैं। आयकर सूत्रों के अनुसार, कानपुर, लखनऊ, वाराणसी समेत कई शहरों के 12,000 लोग अबतक विभाग के रडार पर हैं। संबंधित लोगों ने भले ही विदेशी शेयरों और संपत्ति से अर्जित आमदनी की जानकारी को छिपाया है पर विभाग के पास उनकी एक-एक आर्थिक गतिविधियों का प्रमाण है। विदेशी कंपनियों के शेयर और संपत्ति से अर्जित आमदनी करोड़ों में हो सकती है।
करंसी व शेयर को विदेशों में खोले बैंक खाते
आयकर विभाग के सूत्रों के अनुसार, विदेशी करंसी और शेयर के रूप में अर्जित आमदनी व संपत्ति को जमा करने के लिए संबंधित अलग-अलग देशों में बैंक खाते भी खोले गए। संपत्तियों के होने की भी जानकारी मिली है। फिलहाल विभाग रिटर्न दाखिल करने के लिए तय समय बीतने के इंतजार में है।
पहले भी किया गुमराह
आयकर विभाग ने पहले भी विदेशी शेयर, करंसी और संपत्ति होने के मामले बड़े स्तर पर पकड़े हैं। संबंधित लोगों ने रिटर्न दाखिल करते समय विदेशी संपत्ति के कॉलम में शून्य लिखकर गुमराह करने का भी प्रयास किया।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
धर्मेंद्र श्रीवास्तव, आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ के अनुसार विदेशी करंसी, शेयरों से आमदनी के अलावा दूसरे देशों में संपत्ति हैं तो इसकी विस्तृत जानकारी आयकर विभाग को देनी होगी। 31 जुलाई तक रिटर्न दाखिल करते समय विदेशों में कमाई का पूरा विवरण देना जरूरी है। ऐसा नहीं करने पर विभाग धारा 148ए के तहत नोटिस भेजकर कार्रवाई करेगा।
अंकुर गोयल, वरिष्ठ कर विशेषज्ञ के अनुसार विदेशी कंपनियों के शेयर, करंसी की जानकारी आयकर रिटर्न करते समय देनी है। ऐसी कोई जानकारी छिपाना आयकर कानून के अंतर्गत अपराध है। 20 दिन का समय है। इसलिए एक-एक पैसे का हिसाब जरूर दें। विभाग कार्रवाई के साथ तमाम सवाल-जवाब के लिए स्वतंत्र है।