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AKTU: रैंकिंग को लेकर भ्रम न फैलाएं संस्थान, नहीं तो कार्रवाई तय, छात्रों के लिए जारी किया गया अलर्ट
AKTU: परीक्षा नियंत्रक प्रो. राजीव कुमार के मुताबिक प्रवेश संख्या बढ़ाने के लिए संस्थान अपने स्तर से ही रैंकिंग बढ़ाते हुए शीर्ष के संस्थानों में दर्शा रहे हैं। परीक्षा नियंत्रक का कहना है कि संस्थानों की ओर से भ्रामक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।
Lucknow News: डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय से संबद्ध संस्थान रैकिंग को लेकर भ्रम फैला रहे हैं। इस संबंध में प्राविधिक विश्वविद्यालय ने अलर्ट जारी किया है कि अभिभावक और छात्र-छात्रा किसी भ्रम में न फंसें। इसके अलावा संस्थानों को हिदायत भी दी है कि रैकिंग के संबंध में भ्रम फैलाने की सूचना मिलने पर संबंधित संस्थान के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
संख्या बढ़ाने के लिए रैंकिंग में फैला रहे भ्रम
एकेटीयू में शैक्षिक सत्र 2024-25 प्रवेश प्रक्रिया आरंभ हो गई है। ऐसे में एकेटीयू से संबद्ध संस्थानों की कोशिश है कि उनके यहां प्रवेश लेने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या बढ़े। प्रवेश प्रक्रिया के दौरान ही एकेटीयू से जुडे कई संस्थानों ने यह दावा करना शुरू कर दिया है कि उनकी रैकिंग काफी अच्छी है। यही नहीं यह भी दावा किया जा रहा है कि एकेटीयू की ओर से यह रैकिंग जारी की गई है।
भ्रामक प्रचार-प्रसार कर रहे संस्थान
परीक्षा नियंत्रक प्रो. राजीव कुमार के मुताबिक प्रवेश संख्या बढ़ाने के लिए संस्थान अपने स्तर से ही रैंकिंग बढ़ाते हुए शीर्ष के संस्थानों में दर्शा रहे हैं। परीक्षा नियंत्रक का कहना है कि संस्थानों की ओर से भ्रामक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। जिसके चलते छात्रों और अभिभावकों के बीच भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो रही है। वह गुमराह भी हो सकते हैं। इसलिए इस संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं।
छात्रों को किया गया अलर्ट
परीक्षा नियंत्रक ने स्पष्ट किया है कि वर्तमान सत्र में विश्वविद्यालय से संबद्ध किसी भी संस्थान को परीक्षाफल के आधार पर कोई रैंकिग प्रदान नहीं की गई है। छात्रों और अभिभावकों को अलर्ट किया गया है वह किसी भी झांसे में न आएं। साथ ही संस्थानों को भी निर्देश जारी किए गए हैं कि परीक्षाफल के आधार पर कोई दावा न करें। एकेटीयू की ओर से चेतावनी भी दी गई है कि किसी संबद्ध संस्था की शिकायत मिली कि उसने छात्रों और अभिभावक को रैकिंग के संबंध में भ्रमित किया तो उसके खिलाफ जांच की जाएगी। जांच में आरोप सही मिले तो सम्बन्धित संस्था के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी।