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Lucknow News: एमिटी में इंटरैक्टिव टॉक का हुआ आयोजन, वक्ता बोले- सूचना को ज्ञान समझना भूल
Lucknow News: मुख्या वक्ता प्रो. एस.एम. खान ने कहा कि आज विद्यार्थियों को समझना और समझाना शिक्षकों और माता-पिता के लिए एक बड़ी चुनौती है। इंटरनेट और स्मार्ट गैजेट्स रखने वाले हमारे बच्चों तक सभी प्रकार की इंफार्मेशन बडी मात्रा में पहुंच रहीं हैं। जिसके चलते बच्चे यह सोचते हैं कि वे सब कुछ जानते हैं। जबकि हम इस इंफार्मेशन का ही ज्ञान मान लेने की गलती करते हैं। हमें इसे रोकना चाहिए।
Lucknow News: एमिटी विश्वविद्यालय लखनऊ परिसर के सेंटर आफ एक्सीलेंस फार हैपीनेस रिसर्चचेस की ओर से बुधवार को ’एडवेंचरस् इन सेल्फ डिस्कवरीः अ जर्नी टूवर्डस् ग्रेटर हैपीनेस’ विषय पर एक इंटरैक्टिव टॉक का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग के प्रवक्ता प्रो. एस.एम. खान मुख्य वक्ता रहे। एमिटी विश्वविद्यालय लखनऊ परिसर के डिप्टी प्रो. वीसी, विंग कमांडर डॉ. अनिल कुमार तिवारी (सेवानिवृत्त) ने मुख्य वक्ता का स्वागत किया।
गैजेट्स से बच्चों को मिल रहा गलत ज्ञान
कार्यक्रम में मुख्या वक्ता प्रो. एस.एम. खान ने कहा कि आज विद्यार्थियों को समझना और समझाना शिक्षकों और माता-पिता के लिए एक बड़ी चुनौती है। इंटरनेट और स्मार्ट गैजेट्स रखने वाले हमारे बच्चों तक सभी प्रकार की इंफार्मेशन बडी मात्रा में पहुंच रहीं हैं। जिसके चलते बच्चे यह सोचते हैं कि वे सब कुछ जानते हैं। जबकि हम इस इंफार्मेशन का ही ज्ञान मान लेने की गलती करते हैं। हमें इसे रोकना चाहिए। ज्ञान इस इंफार्मेशन से प्राप्त डेटा के प्रसंस्करण और जीवन के अनुभवों से प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि सच्ची खुशी भी ज्ञान से आती है। उन्होंने कहा कि स्वयं को एक पेड़ के रूप में देखने की कोशिश करें, इस पेड़ को ज्ञान की धूप, संबंधों की गहरी जड़ें और खुशी की स्वस्थ मिट्टी की जरूरत होती है। काल्पनिक आभासी दुनिया के संबंध हमारे वास्तविक संबंधों की तरह विश्वसनीय नहीं होते। लेकिन हमारी युवा पीढ़ी इंटरनेट पर लाखों फालोवर्स बना रही है और अपने वास्तविक भाई-बहनों से दूर जा रही है। जिसके कारण कठिन समय में वो अपने आप को बहुत अकेला पाते हैं। आज इसके चलते 10 में से 3 बच्चे मानसिक रूप से अस्वस्थ हो रहे हैं। कार्यक्रम के दौरान टॉक सत्र में एमिटी विवि के सभी विभागों के विभागाध्यक्ष और संकाय सदस्य उपस्थित थे।
पूरे विश्व में पूजा जाता है विद्वान
डिप्टी प्रो. वीसी ने कहा कि एक राजा की मान्यता उनके राज्य की सीमाओं तक ही होती है लेकिन विद्वान एक व्यक्ति पूरे विश्व में पूजा जाता है। विद्वान लोग समाज के कल्याण और राष्ट्र की प्रगति के लिए अनुसंधान करते हैं। हम यहां एमिटी विवि. में यह शोध कर रहे हैं कि कैसे विद्यार्थियों के व्यवहार को सकारात्मक रूप से बदलें और उन्हें खुशहाल बनाएं। डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. मंजू अग्रवाल ने टॉक के विषय से परिचित कराते हुए कहा कि हमारे पास उन्नत उपकरण और विशेषज्ञ हैं जो हमारे विद्यार्थियों को उनके मनोवैज्ञानिक समस्याओं से बाहर निकलने में मदद करते हैं। हमने हैपीनेस सेंटर की स्थापना की है ताकि हमारे विद्यार्थी खुश और सकारात्मकता से भरे रहें।