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Lucknow News: बिजनेस कम्युनिकेशन कॉन्क्लेव की जयपुरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट ने की मेजबानी

Lucknow News: कॉन्क्लेव के दौरान अर्न्स्ट एंड यंग अनिंदिता मुखर्जी सिन्हा बैंक ऑफ अमेरिका, भास्वती चक्रवर्ती और डब्ल्यूएचओ अनूप शर्मा जैसे प्रतिष्ठित वक्ताओं ने कार्यस्थल पर सहयोग को बढ़ावा देने में डिजिटल उपकरणों की भूमिका पर चर्चा की।

Virat Sharma
Published on: 13 Jan 2025 9:01 PM IST
Lucknow News ( Photo- Social Media )
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Lucknow News ( Photo- Social Media )

Lucknow News: राजधानी के जयपुरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट ने हाल ही में कार्यस्थल सहयोग पर डिजिटल संचार उपकरणों के प्रभाव (इम्पैक्ट ऑफ़ डिजिटल कम्युनिकेशन टूल्स ऑन वर्क प्लेस कोलैबोरेशन) विषय पर केंद्रित बहुप्रतीक्षित बिजनेस कम्युनिकेशन कॉन्क्लेव की सफलतापूर्वक मेज़बानी की। इस कार्यक्रम में उद्योग जगत के अग्रणी विशेषज्ञों और संचार सलाहकारों ने डिजिटल संचार के महत्व पर प्रकाश डाला और बताया कि ये उपकरण कार्यस्थल में सहयोग नवाचार और उत्पादकता को कैसे बढ़ा रहे हैं।

डिजिटल संचार पर महत्वपूर्ण विचार

कॉन्क्लेव के दौरान अर्न्स्ट एंड यंग अनिंदिता मुखर्जी सिन्हा बैंक ऑफ अमेरिका, भास्वती चक्रवर्ती और डब्ल्यूएचओ अनूप शर्मा जैसे प्रतिष्ठित वक्ताओं ने कार्यस्थल पर सहयोग को बढ़ावा देने में डिजिटल उपकरणों की भूमिका पर चर्चा की। जयपुरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, लखनऊ डीन-एकेडमिक्स, डॉ. सुषमा विश्नानी ने डिजिटल संचार के बदलते परिदृश्य पर जोर दिया और इसके साथ तालमेल बैठाने के महत्व को समझाया। उन्होंने कहा कि इस वर्ष का विषय डिजिटलीकरण और इसके प्रभाव को दर्शाता है, जो हमारे जीवन और कार्यस्थल को प्रभावित कर रहा है।

डिजिटल संचार और नेतृत्व

कॉन्क्लेव में डॉ. काजल श्रीवास्तव ने संचार को नेतृत्व का अहम हिस्सा बताया और कहा कि प्रभावी संचार के लिए सत्य और ज्ञान पर जोर देना आवश्यक है। उन्होंने डिजिटल उपकरणों, जैसे चैटजीपीटी और एआई, के सहयोग बढ़ाने में योगदान की सराहना की। तो वहीं वक्ताओं ने डिजिटल उपकरणों के प्रभाव पर विचार करते हुए कहा कि ये उपकरण न केवल सूचना के प्रवाह को तेज़ करते हैं, बल्कि सहयोग और उत्पादकता को भी बढ़ाते हैं। हालांकि, इसके साथ ही सुरक्षा और जवाबदेही की चुनौतियां भी सामने आईं।

बिजनेस कम्युनिकेशन कॉन्क्लेव का समापन

कॉन्क्लेव का समापन प्रोफेसर मृणाल प्रधान ने डिजिटल तकनीकी के दुरुपयोग के जोखिमों पर बात करते हुए कहा कि इसे दोधारी तलवार के रूप में देखा जा सकता है। यह या तो हमारे लाभ के लिए हो सकता है या फिर हमें जोखिम में डाल सकता है। वहीं इस कार्यक्रम ने डिजिटल संचार उपकरणों का प्रभावी उपयोग और कार्यस्थल सहयोग को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान की गई।



Shalini singh

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