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Lucknow News: हिन्दी दिवस पर जयवीर सिंह बोले- संस्कृति एवं हिन्दी का गहरा रिश्ता, पत्रकारों व साहित्यकारों को किया गया सम्मानित
Lucknow News:जयवीर सिंह आज हिन्दी दिवस के अवसर पर विक्रान्त खण्ड गोमती नगर के एक स्थानीय होटल में इन्डो अमेरिकन चेम्बर ऑफ कामर्स तथा उत्तर प्रदेश साहित्य सभा की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे।
Lucknow News: उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि हिन्दी को विश्व की भाषा के रूप में स्थापित करने के लिए राज्य सरकार विभिन्न संगठनों के माध्यम से हिन्दी को प्रचारित और प्रसारित करने के लिए निरन्तर प्रयासरत है। राज्य सरकार इसे रोजगार की भाषा बनाने के लिए हर सम्भव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं है, जब हिन्दी भाषा भारत को विश्वगुरू बनाने के संकल्प को पूरा करने में अहम भूमिका निभायेगी।
जयवीर सिंह आज हिन्दी दिवस के अवसर पर विक्रान्त खण्ड गोमती नगर के एक स्थानीय होटल में इन्डो अमेरिकन चेम्बर ऑफ कामर्स तथा उत्तर प्रदेश साहित्य सभा की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर हिन्दी को प्रचारित और प्रसारित करने तथा समृद्ध बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले पत्रकारों, लेखकों, कवियों को सम्मानित भी किया गया। उन्होंने सम्मान प्राप्त महानुभावों को शुभकामनाएं एवं हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि हिन्दी किताबों से निकलकर पेट की भाषा बने, इसके लिए पूरी निष्ठा और ईमानदारी से कार्य करना होगा।
जयवीर सिंह ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जी-20 तथा चन्द्रयान के प्रक्षेपण की सफलता ने भारत की साख पूरी दुनिया में स्थापित की है। भारत रत्न एवं पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 अटल बिहारी बाजपेयी ने संयुक्त राष्ट्र संघ में हिन्दी में भाषण देकर हिन्दी के सामर्थ्य एवं भारतीयता को पूरी दुनिया में पहुंचाया था। उनके उद्देश्य एवं संकल्प को प्रधानमंत्री मोदी आगे बढ़ा रहे हैं। भारत तीसरी अर्थव्यवस्था बनने के दिशा में आगे बढ़ रहा है। इन सब सफलताओं में हिन्दी भाषा का अहम योगदान है।
संस्कृति एवं हिन्दी का गहरा रिश्ता
जयवीर सिंह ने कहा कि संस्कृति एवं हिन्दी का गहरा रिश्ता है। विदेशों में हिन्दी को स्थापित करने के लिए दक्षिण कोरिया से सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए एक एमओयू किया गया था, जिसके तहत इस समय कोरिया का एक पॉप दल प्रदेश के विभिन्न जनपदों में अपनी प्रस्तुति देकर हिन्दी भाषा से जुड़ने का कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि हिन्दी भाषा अन्य राज्यों की छोटी बहनों (भाषाओं) के साथ सरोकार बनाते हुए नई शिक्षा के माध्यम से हिन्दी को और सबल तथा जन-जन की भाषा बनाने के लिए जागरूकता उत्पन्न करने का काम करेगी।
पर्यटन मंत्री ने कहा कि यूपीजीआईएस-23 के दौरान राजधानी में पूरी दुनिया में निवेशक तथा प्रतिनिधि लखनऊ आये थे। इस निवेशक सम्मलेन में अंग्रेजी के साथ हिन्दी भाषा को व्यापक प्रचार मिला। उन्होंने कहा कि विदेशों में भारतीय मूल के लोग राजनीति से लेकर विभिन्न क्षेत्रों में लगातार अपना दबदबा बनाये हुए हैं। उन्होंने इस अवसर पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के हिन्दी प्रेम तथा भारतीय संस्कृति एवं संस्कारों की चर्चा की। उन्होंने विदेशों में बसे हुए भारतीय मूल के लोगों से हिन्दी अपनाने के लिए जागरूकता उत्पन्न करने का आह्वान किया।
हिन्दी को बढ़ावा देने के लिए किये गये प्रयासों की चर्चा
इस अवसर पर माननीय मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश कुमार अवस्थी ने पर्यटन, संस्कृति एवं भाषा के विभागाध्यक्ष रहते हुए हिन्दी को बढ़ावा देने के लिए किये गये प्रयासों की चर्चा की। उन्होंने कहा कि जी-20 की सफलता ने दुनिया को भारत का लोहा मानने के लिए मजबूर किया है। उन्होंने कहा कि जापान, अमेरिका, रूस, फ्रांस तथा अन्य देशों में भी हिन्दी को अपनाया जा रहा है। इस अवसर पर अपर्णा यादव ने भी हिन्दी को बढ़ाने के लिए अपने बहुमूल्य सुझाव दिये। कार्यक्रम के संयोजक तथा इन्डो अमेरिकन चैम्बर ऑफ कामर्स के चेयरमैन मुकेश कुमार सिंह ने हिन्दी दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम की उपयोगिता तथा वैसवारा क्षेत्र के साहित्यकारों द्वारा हिन्दी को आगे बढ़ाने के लिए किये गये योगदान की चर्चा की। इस अवसर उत्तर प्रदेश साहित्य सभा के अध्यक्ष वरिष्ठ साहित्यकार सर्वेश अस्थाना ने साहित्यकारों और हिंदी के विकास के लिए नीति बनाने की मांग सरकार से की।
इस अवसर पर जिन साहित्यकारों, कवियों, लेखकों को पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने सम्मानित किया, उनमें विद्या बिन्दु सिंह, डॉ0 राम बहादुर मिश्र, पत्रकार दयानन्द पाण्डेय, पत्रकार राज कुमार सिंह, कहानीकार महेन्द्र भीष्म, विनोद शंकर शुक्ल, डॉ0 ओम प्रकाश, केशव प्रकाश बाजपेयी, सुश्री डा0 सोम, सुश्री विनीता मिश्रा, गीतकार गजेन्द्र, व्यंग्यकार अलंकार रस्तोगी, नीरज अरोड़ा, चन्द्रशेखर वर्मा, जगदम्बा प्रसाद शुक्ला, सुश्री निवेदिता सिंह तथा अर्चना सतीश को सम्मानित किया गया। अर्चना सतीश के अनुपस्थिति में उनके परिजन महिमा ग्रोअर ने पुरस्कार प्राप्त किया। सम्मानित महानुभावों को अंगवस्त्र, स्मृति चिन्ह तथा राम दरबार का चित्र भेंट किया गया। इसके उपरान्त कवि सम्मलेन का आयोजन किया गया। इसमें प्रसिद्ध व्यंग्यकार सर्वेश अस्थाना, गजेन्द्र प्रियांशु और सोनरूपा विशाल ने अपनी प्रेरक रचनाएं प्रस्तुत की।कार्यक्रम में शैलेन्द्र अटल, पद्मश्री सुधा, पत्रकार हेमन्त तिवारी समेत भारी संख्या में हिन्दी प्रेमी, गणमान्य अतिथि मौजूद थे।