×

Bijli Nijikaran Virodh News: चंडीगढ़ के बाद जम्मू कश्मीर निजीकरण की पहल से बिजली कर्मियों में उबाल

Bijli Nijikaran Virodh News: संघर्ष समिति ने कहा कि चंडीगढ़ का निजीकरण करने के बाद जम्मू कश्मीर में बिजली के निजीकरण की पहल से देश भर में बिजली कर्मचारियों में उबाल आ गया है और गुस्सा बढ़ गया है।

Ramkrishna Vajpei
Published on: 2 Feb 2025 9:35 PM IST
Bijli Nijikaran virodh News (Photo Social Media)
X

Bijli Nijikaran virodh News (Photo Social Media)

Bijli Nijikaran Virodh News: विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में बिजली के निजीकरण के विरोध में पूरे सप्ताह प्रांत व्यापी विरोध प्रदर्शन जारी रहेंगे। संघर्ष समिति ने कहा कि चंडीगढ़ का निजीकरण करने के बाद जम्मू कश्मीर में बिजली के निजीकरण की पहल से देश भर में बिजली कर्मचारियों में उबाल आ गया है और गुस्सा बढ़ गया है।

समिति के प्रमुख पदाधिकारियों ने बताया कि प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ को देखते हुए प्रयागराज में बिजली कर्मी आगामी 05 फरवरी तक कोई आन्दोलन नहीं करेंगे। संघर्ष समिति ने कहा कि महाकुंभ के दौरान बिजली कर्मी श्रेष्ठतम बिजली आपूर्ति करने हेतु संकल्पबद्ध हैं। संघर्ष समिति ने कहा कि प्रयागराज को छोड़कर सभी जनपदों और परियोजनाओं पर पूरे सप्ताह विरोध प्रदर्शन जारी रहेंगे। 03 फरवरी को राजधानी लखनऊ सहित समस्त जनपदों और परियोजनाओं पर विरोध सभाएं की जाएंगी।

संघर्ष समिति ने कहा कि घाटे के नाम पर उत्तर प्रदेश में बिजली के निजीकरण की बात आम जनता के साथ धोखा है। पावर कार्पोरेशन प्रबंधन यह कह रहा है कि एक लाख दस हजार करोड रुपए का घाटा है, लेकिन पॉवर कार्पोरेशन प्रबंधन संघर्ष समिति के बार-बार मांग करने के बावजूद घाटे का विवरण नहीं दे रहा है। संघर्ष समिति ने कहा कि घाटे के झूठे आंकड़े दिए जा रहे हैं। बिजली बिल का एक लाख 25 हजार करोड़ का बकाया है। एक लाख 10 हजार करोड़ रुपए के घाटे के आंकड़ों को मान भी लिया जाए तो बिजली बिल वसूली के बाद पावर कॉरपोरेशन मुनाफे में है। संघर्ष समिति ने कहा कि मुनाफे में चल रहे चंडीगढ़ का निजीकरण करने से यह स्पष्ट हो गया है कि घाटे या मुनाफा की बात है ही नहीं। निजीकरण किया जाना है, इसलिए निजीकरण किया जा रहा है जिसे बिजली कर्मी कदापि स्वीकार नहीं करेंगे ।

समिति ने कहा की जम्मू कश्मीर में निजीकरण का एजेंडा सामने आ गया है। इससे साफ है कि केंद्र सरकार पूरे देश में बिजली का निजीकरण करने पर आमादा है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के निजीकरण से पूरे देश के बिजली कर्मचारियों में गुस्सा और बढ़ गया है।



Ramkrishna Vajpei

Ramkrishna Vajpei

Next Story