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Lucknow News: 15 साल से लावारिस महिलाओं का इलाज कर रही थी KGMU की टीम, छूटा साथ तो नम आंखों से दी विदाई
Lucknow KGMU Hospital: डॉक्टर विवेक बताते हैं कि बीते दिनों लावारिस मरीजों के निस्तारण के लिए विभागों की ओर से विस्तृत जानकारी उपलब्ध करायी गयी थी, जिसमें मानसिक चिकित्सा विभाग में 5 मरीज कोर्ट के आदेश पर लगभग 5 से 15 वर्षों से भर्ती थे।
Lucknow News in Hindi: लखनऊ के KGMU अस्पताल में डॉक्टरों की ओर से मरीजों को मिलने वाले बेहतर इलाज के किस्से आपने जरूर सुने होंगे। इन किस्सों में अब KGMU टीम से 15 साल से इलाज पाने वाली महिला मरीजों का एक किस्सा और जुड़ गया है। दरअसल, बीते 15 साल से अस्पताल में रहकर इलाज पाने वाली लावारिस महिला मरीज जब कानूनी लिखापढ़ी के बाद सेल्टर हाउस के लिए रवाना हुई तो लंबे समय से इलाज कर रही डॉक्टरों और कर्मचारियों की टीम की आंखें नम हो गईं और इन्हीं नम आंखों के साथ मरीजों को अस्पताल से विदाई दी गई।
नहीं मिली परिवार की जानकारी तो डॉक्टरों ने परिवार की तरह रखा ध्यान
इस विषय पर डॉक्टर विवेक अग्रवाल बताते हैं कि बीते लावारिस सोनिया बीते 15 वर्षों से भर्ती थी, लावारिस अस्टल बीते 12 वर्षों से भर्ती थी। इसके साथ ही एक अन्य लावारिस महिला मरीज बीते 3 माह से भर्ती थी। इन मरीजों को लावारिस अवस्था में पुलिस लेकर आई थी। इनके परिवार को काफी समय तक ट्रेस करने का प्रयास किया गया लेकिन पता नहीं चल सका, जिसके बाद ये मरीज लंबे समय से यहीं रहकर अपना इलाज कराने के साथ साथ जीवन व्यापन कर रही थी। यहाँ के डॉक्टर भी इन लावारिस मरीजों को किसी मरीज की तरह नहीं बल्कि परिवार की सदस्य की तरह ट्रीट करते थे।
कोर्ट के आदेश पर हुई थीं लावारिस महिला मरीज
डॉक्टर विवेक बताते हैं कि बीते दिनों लावारिस मरीजों के निस्तारण के लिए विभागों की ओर से विस्तृत जानकारी उपलब्ध करायी गयी थी, जिसमें मानसिक चिकित्सा विभाग में 5 मरीज कोर्ट के आदेश पर लगभग 5 से 15 वर्षों से भर्ती थे। इन मरीजों को कानूनी लिखापढ़ी हो रही रूकावट के चलते सेल्टर हाउस अथवा स्वसेवी संस्था में भेजने में समस्या हो रही थी।
15 सालों बाद नम आंखों से विदा कराई गईं महिला मरीज
केजीएमयू के PRO डॉ. सुधीर सिंह ने बताया कि बीते गुरुवार को जिला दिव्यांग अधिकारी रजनीश किरन के सहयोग से इंदिरानगर स्थित सेल्टर हाउस स्नेह वेलफेयर सोसाइटी की मैनेजर शुभा सिंह को विभागाध्यक्ष मानसिक चिकित्सा विभाग, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, चिकित्सा अधीक्षक, चीफ मेडिकल सोशल सर्विस ऑफिसर, अखिलेश कुमार त्रिपाठी, वार्ड में उपस्थित कर्मचारी एवं नर्सिंग ऑफिसर की उपस्थिति में लावारिस मरीजों को सौपा गया। इस दौरान 15 वर्षों से वार्ड में भर्ती होने के कारण उपचार करने वाली डॉक्टर्स व कर्मचारियों की टीम की आँखों में आंसू आ गए। नम आंखों के साथ उन मरीजों को विदाई दी गई। इतना ही नहीं, लावारिस मरीजों को समय समय पर परामर्श हेतु विभाग की OPD में आकर दिखाने की सलाह भी दी गई है।