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Lucknow News: असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सुप्रिया की पोस्ट डॉक्टोरल शोध कैम्ब्रिज स्कॉलर्स पब्लिशिंग यूनाइटेड किंगडम में हुई प्रकाशित
Lucknow News: यह शोध भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद द्वारा प्राप्त फेलोशिप से पूरा किया गया है। जिसे कैम्ब्रिज स्कॉलर्स पब्लिशिंग, यूनाइटेड किंगडम द्वारा प्रकाशित की गई है।
Lucknow News: राजधानी के खुन-खुन जी गर्ल्स पीजी कॉलेज की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सुप्रिया सिंह द्वारा लिखित पुस्तक ग्रामीण भारत में सामाजिक असमानताओं के उभरते स्वरूप और प्रकृति उनके पोस्ट डॉक्टरल शोध कार्य पर आधारित है। यह शोध भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद द्वारा प्राप्त फेलोशिप से पूरा किया गया है। जिसे कैम्ब्रिज स्कॉलर्स पब्लिशिंग, यूनाइटेड किंगडम द्वारा प्रकाशित की गई है।
ग्रामीण भारत में बढ़ती असमानताओं का गहरा विश्लेषण
यह पुस्तक समकालीन ग्रामीण भारत में बढ़ती बहुआयामी असमानताओं का विस्तृत मूल्यांकन प्रस्तुत करती है। इसमें सामाजिक असमानताओं की प्रकृति, रूप और गतिशीलता को स्पष्ट किया गया है, और सूक्ष्म ग्रामीण स्तर पर असमानताओं के मौजूदा रूपों का विश्लेषण किया गया है। पुस्तक ग्रामीण भारत में बढ़ती असमानताओं को वृहद स्तर पर व्याप्त असमानता से जोड़कर समझाती है। पुस्तक में यह बताया गया है कि असमानता के तीन आयाम—जाति, वर्ग और शक्ति— अलग-अलग नहीं हैं, बल्कि आपस में जुड़े हुए हैं। यह असमानताएं ग्रामीण समाज में संरचनात्मक कारकों द्वारा और मजबूत की जाती हैं।
उत्तर प्रदेश के बीघापुर ब्लॉक में असमानता का अध्ययन
यह किताब विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के बीघापुर ब्लॉक के दो गांवों पर केंद्रित है, जो सामाजिक और आर्थिक दृष्टिकोण से अविकसित माने जाते हैं। इस क्षेत्र में असमानता के पहलुओं का मूल्यांकन किया गया है, जो भारत के एक पिछड़े प्रांत में व्याप्त असमानताओं को उजागर करता है। डॉ. सुप्रिया सिंह ने अपना पोस्ट डॉक्टरेट शोध लखनऊ विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग के प्रो डीआर साहू के मार्गदर्शन में पूरा किया। यह विभाग का पहला शोध है जिसे किसी अंतर्राष्ट्रीय प्रकाशन ने प्रकाशित किया है।
डॉ. सुप्रिया सिंह की विशेषज्ञता और योगदान
वर्तमान में डॉ. सुप्रिया सिंह खुन-खुन जी गर्ल्स पीजी कॉलेज, लखनऊ में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने पहले इलाहाबाद विश्वविद्यालय और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय में भी अपनी सेवाएं दी हैं। वह कैम्ब्रिज स्कॉलर्स प्रेस, यूके की संपादकीय सलाहकार बोर्ड की सदस्य भी हैं। और उनके शोध क्षेत्रों में विकास, सामाजिक असमानता और ग्रामीण समस्याएं शामिल हैं।