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Dr. Jagdish Gandhi: कौन थे CMS के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी, क्यों बदला था अपना नाम

Dr. Jagdish Gandhi: डॉ. जगदीश गांधी का जन्म 10 नवम्बर 1936 को अलीगढ़ के ग्राम बरसौली में हुआ था। डॉ. जगदीश गांधी ने सिटी मोंटेसरी स्कूल की स्थापना साल 1959 में की थी।

Shishumanjali kharwar
Published on: 22 Jan 2024 10:18 AM IST (Updated on: 22 Jan 2024 11:43 AM IST)
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जानें कौन थे सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी (न्यूजट्रैक)

Dr. Jagdish Gandhi: सिटी मांटेसरी स्कूल के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी का सोमवार को निधन हो गया। वह काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे। डॉ. जगदीश गांधी पिछले लगभग एक माह से मेदांता अस्पताल में भर्ती थे। जहां 87 वर्षीय जगदीश गांधी ने सोमवार को अंतिम सांस ली। गांधी परिवार की ओर से यह जानकारी दी गयी। बताया गया कि गांधी परिवार टूटे मन से घोषणा करते हैं कि अस्पताल में 25 दिनों के संघर्ष के बाद 22 जनवरी की सुबह 87 वर्ष की आयु में डॉ. जगदीश गांधी का निधन हो गया है। जगदीश गांधी के पार्थिक शरीर को अंतिम दर्शन के लिए 23 जनवरी को दोपहर 2 से शाम 5 बजे तक सीएमएस गोमतीनगर एक्सटेंशन परिसर के ऑडिटोरियम हॉल में रखा जायेगा। डॉ. जगदीश गांधी प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ और शिक्षाविद थे। वह महात्मा गांधी से काफी प्रेरित थे और उन्हीं के आदर्शों का पालन करते थे। आइए जानते हैं कौन थे डॉ. जगदीश गांधी-

उधार लेकर शुरू किया था स्कूल

डॉ. जगदीश गांधी का जन्म 10 नवम्बर 1936 को अलीगढ़ के ग्राम बरसौली में हुआ था। डॉ. जगदीश गांधी ने सिटी मोंटेसरी स्कूल की स्थापना साल 1959 में की थी। उस समय मात्र पांच बच्चों के साथ उन्होंने यह सफर की शुरूआत की थी। जब डॉ. गांधी ने 5 बच्चों के साथ सिटी मोंटेसरी स्कूल (सीएमएस) की शुरुआत की। तब बच्चों ने अपनी स्लेट पर सबसे पहले जो शब्द लिखे, वह थेः “जय जगत!“ ‘जय जगत’ शब्द सीएमएस का ध्येय वाक्य है। इस हैरान करने वाली बात ये है कि डॉ. जगदीश गांधी और डॉ. भारती गांधी ने इस स्कूल को 300 रुपये उधार लेकर शुरु किया था। आज यह स्कूल विश्व विख्यात है और करोड़ों बच्चों इस स्कूल में शिक्षा ग्रहण कर विदेशों तक जाते हैं। इस स्कूल में सीआईएससीई (सीआईएसई) बोर्ड से पढ़ाई होती है।

11 साल की उम्र में जगदीश गांधी ने बदल लिया नाम

यह बात काफी कम लोगों को ही पता है कि डॉ. जगदीश गांधी का असली नाम जगदीश अग्रवाल था। बचपन से ही जगदीश गांधी महात्मा गांधी की सत्य और अहिंसा की शिक्षाओं से काफी प्रेरित थे। जब वह ग्यारह वर्ष के थे। उस समय महात्मा गांधी की मृत्यु का दुखद समाचार सुन वह व्याकुल हो गये। उसी क्षण डॉ. जगदीश गांधी ने जीवन भर महात्मा गांधी की शिक्षाओं का दृढ़ता से पालन करने का फैसला किया। इसकी शुरूआत उन्होंने अपना नाम बदल कर किया। उन्होंने अपना नाम ’जगदीश अग्रवाल’ से बदलकर ’जगदीश गांधी’ कर लिया। तभी से उनका पूरा परिवार उनकी पत्नी, उनके बच्चे और सभी पोते-पोतियां ’गांधी’ उपनाम का इस्तेमाल करते हैं।

सिकंदराराऊ से लड़ा था विधानसभा चुनाव

डा. जगदीश गांधी ने शिक्षा के साथ राजनीतिक पारी भी खेली। उन्होंने साल 1969 में अलीगढ़ जनपद की सिकंदराराऊ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था और जीत भी हासिल की थी। उन्होंने लंदन जाकर ब्रिटेन की जनतांत्रिक शासन व्यवस्था का भी अध्ययन किया। इसके बाद साल 1974 में उन्होंने राजनीति छोड़ खुद को शिक्षा के प्रति समर्पित कर दिया। डा. जगदीश गांधी हर साल विश्व के मुख्य न्यायाधीशों को आमंत्रित कर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन भी कराते रहे हैं। इसके माध्यम से वह विश्व शांति और बच्चों के लिए सुरक्षित भविष्य का संदेश भी देते रहे हैं।



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Shishumanjali kharwar

Shishumanjali kharwar

कंटेंट राइटर

मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

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