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Navyug Kanya Mahavidyalay: शोध परियोजना पर हुआ व्याख्यान, वक्ता ने छात्राओं संग किया संवाद
मुख्य वक्ता डॉ. किरण डंगवाल ने व्याख्यान में महाविद्यालय की छात्राओं को बताया कि शोध परियोजना की सफलता शोध लक्ष्यों तथा संभाव्यता विश्लेषण पर निर्भर करती है। इसलिए शोध परियोजना को चयन बहुत ही सावधानी पूर्वक करना चाहिए।
Navyug Kanya Mahavidyalay: नवयुग कन्या महाविद्यालय में सोमवार को एक विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस व्याख्यान का विषय ‘परियोजना निर्माण तथा शोधप्रविधि तकनीकी’ रखा गया था। जिसमें लखनऊ विश्वविद्यालय के शिक्षा शास्त्र विभाग की डॉ. किरण डंगवाल मुख्य वक्ता रहीं।
सावधानी से करें शोध परियोजना का चयन
नवयुग कन्या महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. मंजुला उपाध्याय ने बताया कि रिसर्च एवं डेवलपमेंट सेल की ओर से विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत स्नातक चतुर्थ सेमेस्टर के सभी विद्यार्थियों के लिए शोध परियोजना करना जरुरी है। मुख्य वक्ता डॉ. किरण डंगवाल ने छात्राओं से संवाद कर उनके प्रश्नों का भी उत्तर दिया। मुख्य वक्ता डॉ. किरण डंगवाल ने व्याख्यान में महाविद्यालय की छात्राओं को बताया कि शोध परियोजना की सफलता शोध लक्ष्यों तथा संभाव्यता विश्लेषण पर निर्भर करती है। इसलिए शोध परियोजना को चयन बहुत ही सावधानी पूर्वक करना चाहिए। डॉ. डंगवाल ने शोध की गुणात्मक एवं संख्यात्मक विधियों समेत विभिन्न प्रविधियों पर प्रकाश डाला। इसके साथ छात्राओं को प्रभावशाली प्रयोग के लिए भी निर्देश दिए।
एनईपी 2020 में हुए मौलिक और सार्थक बदलाव
डॉ. डंगवाल नें परियोजना के कार्य में आने वाली व्यावहारिक चुनौतियों से भी छात्राओं को भली भांति अवगत कराया। इस व्याख्यान में उन्होंने परियोजना के संदर्भ में छात्राओं को नैतिक प्रतिबद्धता के प्रति आगाह किया। उन्होंने पर्यवेक्षक द्वारा पालन किए जाने वाले नैतिक सिद्धांतों तथा दिशा निर्देशों का भी उल्लेख किया। नवयुग कन्या महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. मंजुला उपाध्याय ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में अनेक मौलिक और सार्थक परिवर्तन किए गए हैं। जिसमें से एक स्नातक स्तर से छात्रों को शोध से परिचित कराना है। जिसके अध्ययन से विद्यार्थी नवाचार व रचनात्मकता के लिए प्रेरित हो सकेंगे।
छात्राओं से किया संवाद
विशिष्ट व्याख्यान के बाद मुख्य वक्ता डॉ. डंगवाल ने छात्राओं के साथ संवाद किया। उन्होंने छात्राओं के सभी प्रश्नों और जिज्ञासाओं का भी उत्तर दिया। इस मौके पर कार्यक्रम की आयोजक और शोध व विकास समिति की सदस्य प्रो. अर्चना सिन्हा, प्रो. रशीदा खातून, प्रो. सुषमा त्रिवेदी, डॉ. श्वेता उपाध्याय, डॉ. अपर्णा राय समेत महाविद्यालय की अन्य प्रवक्ता मौजूद रहीं। व्याख्यान में बी.ए, बी.एस.सी, बी.कॉम छाठवें सेमेस्टर और बी.एड द्वितीय सेमेस्टर की छात्राओं ने हिस्सा लिया।