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Lucknow News: जमीनों पर अवैध कब्जा करने वाले वकीलों की अब खैर नहीं, तैयार हो रही सूची
Lucknow News: जमीन पर अवैध कब्जा करने और प्रापर्टी डीलिंग करने वाले वकीलों पर अब गैंगस्टर की कार्रवाई की जाएगी। अब ऐसे वकीलों की सूची तैयार की जा रही है।
Lucknow News: जमीन पर अवैध कब्जा करने और प्रापर्टी डीलिंग करने वाले वकीलों पर अब गैंगस्टर की कार्रवाई की जाएगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ की टिप्पणी के बाद अब ऐसे वकीलों की सूची तैयार की जा रही है। जिन पर जमीनों पर अवैध कब्जा करने का मुकदमा दर्ज है। लखनऊ पुलिस कमिश्नर एसबी शिरोडकर ने सभी डीसीपी को पत्र भेज वकीलों पर दर्ज मुकदमों का ब्यौरा मांगा है। पुलिस कमिश्नर ने सभी डीसीपी को वकीलों पर दर्ज मुकदमों का ब्यौरा सात दिन में जेसीपी कानून व्यवस्था को देने का आदेश दिया है।
उल्लेखनीय है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने इस मामले पर सख्त एतराज जताया है। कोर्ट ने सरकार को ऐसे कार्यो में संलिप्त वकीलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कुछ वकीलों के खिलाफ याचिकाओं का हवाला देते हुए यह निर्देश दिया है। साथ ही न्यायालय ने आयकर विभाग को भी आदेश दिया है कि ऐसे भ्रष्ट वकीलों के संबंध में रिपोर्ट पेश करें। हाईकोर्ट ने इस मामले में बार काउंसिल ऑफ इंडिया को भी पक्षकार बनाने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने इस मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि प्रापर्टी डीलिंग ही समस्या की जड़ है। जिसके चलते आम जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के दौरान यह भी पाया है कि जमीन कब्जाने के कुछ मामलों में कई वकीलों के खिलाफ सीबीआई, सीबीसीआईडी और एसटीएफ को भी जांच सौंपी गयी थी। कोर्ट ने इस जांच एजेंसियों, जनपद न्यायाधीश, लखनऊ और संयुक्त पुलिस कमिश्नर से भी इन मामलों के संबंध में रिपोर्ट तलब की है। इस मामले में कोर्ट की अगली सुनवाई दो जनवरी 2024 को होगी।
पुलिस कमिश्नर ने दी यह जानकारी
इस मामले की सुनवाई के दौरान पुलिस कमिश्नर लखनऊ एसबी शिरोडकर हाईकोर्ट के आदेश पर हाजिर हुए। उन्होंने कोर्ट को बताया कि जमीनों पर अवैध कब्जा करने वाले कथित वकीलों पर कार्रवाई के लिए स्पेशल से बनाया गया है। संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) इस सेल के इंचार्ज हैं। वहीं बार काउंसिल ऑफ यूपी ने कोर्ट को जानकारी दी कि इस तरह के मामलों में साल 2011 से लेकर 2021 के बीच 29 वकीलों पर कार्रवाई करते हुए उनके लाइसेंस निलंबित किया गया है। हालांकि ऐसे निर्णय में बार काउंसिल ऑफ इंडिया के समक्ष अपील के अधीन होते हैं। इस पर कोर्ट ने कहा कि इन याचिकाओं में बार काउंसिल ऑफ इंडिया को भी पक्षकार बनाना चाहिए।