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Loksabha Elections 2024: लखनऊ में मुस्लिम आबादी ज्यादा, फिर भी प्रत्याशी की जीत में भागीदारी नाम मात्र
Loksabha Elections 2024: जानकारी के मुताबिक मुस्लिम वोटर 23 प्रतिशत, दलित 17, ब्राह्मण 14.3, वैश्य 11.6, राजपूत 7.3, कायस्थ 6.7, यादव 4.1, सिख 2.8 फीसदी व अन्य जातियों के करीब 11 प्रतिशत मतदाता हैं।
Loksabha Elections 2024: लखनऊ लोकसभा सीट पर सबसे अधिक मुस्लिम मतदाता हैं। इसके बाद भी चुनाव में मुस्लिम वोटर अधिक प्रभावी नहीं दिखते हैं। आंकड़ों के अनुसार लखनऊ में करीब 23 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम समुदाय के मतदाता हैं। बता दें कि भाजपा ने पिछले 9 में से 8 चुनाव जीते हैं। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार कई बार दूसरे स्थान पर रहे हैं।
जातीय समीकरण नकारते रहे नतीजे
लोकसभा चुनावों में लखनऊ से भाजपा के प्रत्याशी काफी समय से जीतते रहे हैं। क्षेत्र के कुल मतदाताओं में मुस्लिमों की हिस्सेदारी 23.2 प्रतिशत है। इसके बावजूद कई चुनावों में भाजपा ने बड़े अंतर से जीत हासिल की है। भाजपा की लगातार जीत यह दिखाती है कि यहां के नतीजे जातीय समीकरण को नकारते रहे हैं। पिछले नौ चुनाव में से आठ बार भाजपा जीती है। कभी समाजवादी पार्टी तो कभी कांग्रेस दूसरे नंबर पर रही है।
मुस्लिम समुदाय के वोटर सबसे अधिक
जातीय समीकरण के आंकड़ों के अनुसार लखनऊ लोकसभा क्षेत्र में मुस्लिम समुदाय के वोटर सर्वाधिक हैं। सबसे अधिक संख्या के बाद भी यहां के मुस्लिम वोटर निर्णायक नहीं साबित होते हैं। पिछले 9 चुनाव में कांग्रेस पांच बार और सपा चार बार दूसरे नंबर पर रही है। जानकारी के मुताबिक मुस्लिम वोटर 23 प्रतिशत, दलित 17, ब्राह्मण 14.3, वैश्य 11.6, राजपूत 7.3, कायस्थ 6.7, यादव 4.1, सिख 2.8 फीसदी व अन्य जातियों के करीब 11 प्रतिशत मतदाता हैं।
सिर्फ एएन मुल्ला ने दर्ज के जीत
लोकसभा सीट पर अब तक 17 आम चुनाव और एक बार उपचुनाव हुए हैं। एएन मुल्ला को छोड़ दें तो कोई मुस्लिम प्रत्याशी यहां से नहीं जीत सका। आनंद नारायण मुल्ला ने 1967 में जीत दर्ज की थी। उन्हें लेकर भी कई मतभेद रहे हैं। कुछ का मानना था कि वह मुस्लिम हैं लेकिन कुछ का कहना था कि वह कश्मीरी पंडित थे। लखनऊ में मुस्लिम समुदाय के वोटर अधिक होने के बावजूद मुस्लिम सांसद नहीं चुना गया।