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Lucknow University: 103 वर्ष बाद बदला एलयू का मुख्य द्वार, राज्यपाल ने किया विवेकानंद द्वार का उद्घाटन
Lucknow University: कई सालों से भाऊराव देवरस द्वार एलयू का मुख्य द्वार था। नवनिर्मित विवेकानंद द्वार आज से सभी के लिए खुल जाएगा।
Lucknow University: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (UP Governor Anandiben Patel) ने एलयू के मुख्य द्वार का उद्घाटन किया। अब विवेकानंद द्वार (LU Vivekananda Gate) ही लखनऊ विश्वविद्यालय का मुख्य द्वार होगा। बीते कई सालों से भाऊराव देवरस द्वार एलयू का मुख्य द्वार था। नवनिर्मित विवेकानंद द्वार आज से सभी के लिए खुल जाएगा।
राज्यपाल ने किया मुख्य द्वार का उद्घाटन
लखनऊ विश्वविद्यालय के कला प्रांगण में उद्घाटन समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (UP Governor Anandiben Patel) ने विवेकानंद द्वार (Vivekananda Gate) का उद्घाटन किया।103 वर्ष बाद एलयू का मुख्य द्वार बदला गया है। अब एलयू के शिक्षक और विद्यार्थी नवनिर्मित मुख्य द्वार से प्रवेश कर सकेंगे। समारोह में राज्यपाल ने एलयू के तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के लिए बनाए गए गोमती और सरयू अपार्टमेंट का भी लोकार्पण किया। अब कर्मचारियों के लिए इन अपार्टमेंट्स में फ्लैट्स के आवंटन की प्रक्रिया शुरू होगी।
आईडी बिना नहीं मिलेगा प्रवेश
एलयू का मुख्य द्वार गेट नंबर एक यानी भाऊराव देवरस द्वार था। लेकिन अब विवेकानंद द्वार मुख्य द्वार होगा। बता दें कि गेट नंबर तीन को अब मुख्य द्वार में तब्दील कर दिया गया है। विवेकानंद द्वार से प्रवेश करने के लिए विद्यार्थियों को अपना पहचान पत्र दिखाना होगा। बिना आईडी दिखाए एलयू में किसी भी छात्र या छात्रा का प्रवेश नहीं हो सकेगा। साथ ही कर्मचारियों के लिए बनाए गए अपार्टमेंट का भी निर्माण हाल में पूरा हुआ था। आज नवनिर्मित अपार्टमेंट्स का भी लोकार्पण हुआ। एलयू के प्रवक्ता प्रो. दुर्गेश श्रीवास्तव के मुताबिक नौ मंजिला गोमती अपार्टमेंट में 36 फ्लैट और चार मंजिला सरयू अपार्टमेंट में 14 फ्लैट हैं।
मुख्य द्वार के पास पार्किंग सुविधा
विवेकानंद द्वार के पास शिक्षकों और छात्र-छात्राओं के लिए पार्किंग की सुविधा दी गई है। जहां वह सभी अपनी गाड़ी खड़ी कर सकेंगे। वहीं गेट नंबर दो का प्रयोग वीआईपी एंट्री के लिए होगा। क्योंकि मालवीय सभागार और एपी सेन सभागार में ज्यादातर वीआईपी आते हैं।प्रशासनिक भवन में जाने के लिए मुख्य रूप गेट नंबर एक यानी भाऊराव देवरस द्वार का इस्तेमाल होगा। प्रशासनिक भवन में काम करने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों का आवागमन इस गेट से होगा।