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World Book and Copyright Day: LU के छात्र ने कम उम्र में लिखी तीन किताबें, युवाओं को दी सलाह
Lucknow University: वरुण ने कॉपीराइट के विषय में बात करते हुए कहा कि जो कंटेट किसी व्यक्ति के नाम से प्रकाशित किया जा चुका हो। उसे कोई दूसरा व्यक्ति नहीं लिख सकता है। यदि वह ऐसा करता है तो यह गैर कानूनी है। कॉपीराइट के लिए पहला व्यक्ति क्लेम कर सकता है। जिसमें कानून के तहत दूसरे व्यक्ति को दंड दिया जा सकता है।
World Book and Copyright Day: लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र वरुण शुक्ला ने कम उम्र में कई किताबें लिखी हैं। एलयू के राजनीति शास्त्र विभाग से बीए की पढ़ाई कर रहे छात्र से विश्व किताब और कॉपीराइट दिवस पर न्यूज़ट्रैक ने खास बातचीत की। वरुण एक्ट्रोडरमल डिस्प्लेसिया नामक बीमारी से जूझ रहे हैं।
हाल में हुआ तीसरी किताब का विमोचन
एलयू के छात्र वरुण शुक्ला मूल रुप से आजमगढ़ के रहने वाले हैं। वह राजनीति शास्त्र विभाग से स्नातक की पढ़ाई कर रहे हैं। वरुण ने अब तक कुल तीन किताबें लिखी हैं। वरुण ने बताया कि शुरु से ही उनका रुझान साहित्य की ओर रहा है। बता दें कि उनकी एक किताब बदसूरत फूल का विमोचन कुछ दिनों पहले ही हुआ है। उन्होंने बताया कि बदसूरत फूल किताब को लिखने में आठ महीने का समय लगा। वरुण ने इस किताब को पिछले साल जुलाई में लिखना शुरु किया था। आठ महीने में किताब पूरी कर दी। शुरु से किताबें पढ़ने का फायदा मिला।
अब तक लिखीं तीन किताबें
बीए के छात्र वरुण शुक्ला ने पहली किताब 16 वर्ष की आयु में लिखी थी। तब वह 11वीं कक्षा में थे। वरुण ने बताया कि उन्हें रामधारी सिंह दिनकर को पढ़ना काफी पसंद था। वह ‘परम शिवभक्त रावण’, ‘सब्र’, ‘बदसूरत फूल’ नामक तीन किताबें लिख चुके हैं। तीनों का कॉपीराइट भी करवाया है। वरुण ने कॉपीराइट के विषय में बात करते हुए कहा कि जो कंटेट किसी व्यक्ति के नाम से प्रकाशित किया जा चुका हो। उसे कोई दूसरा व्यक्ति नहीं लिख सकता है। यदि वह ऐसा करता है तो यह गैर कानूनी है। कॉपीराइट के लिए पहला व्यक्ति क्लेम कर सकता है। जिसमें कानून के तहत दूसरे व्यक्ति को दंड दिया जा सकता है।
युवा लेखकों के लिए सलाह
वरुण ने युवा लेखकों को सलाह देते हुए कहा कि लेखकों को ज्यादा से ज्यादा किताबें पढ़नी चाहिए। जिससे उनके साहित्य की समझ में सुधार होगा। वह अधिक शब्दों को अपने शब्द कोष में शामिल कर सकेंगे।