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Lucknow Akbarnagar Alert: लखनऊ के इन इलाकों में भी चलेगा बुलडोज़र, देख लीजिये कहीं आपका मकान भी तो नहीं है इस लिस्ट में
Lucknow Akbarnagar Update: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कुकरैल नदी के किनारे अवैध निर्माण हटा दिया गया है इसके साथ ही कुछ और मोहल्ले में करीब 1000 मकान पर भी बुलडोज़र चल सकता है।
Lucknow Akbarnagar Update: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कुकरैल नदी को पुनर्जीवित करके इसके किनारे रिवर फ्रंट बनने का काम तेज़ी से शुरू हो चुका है। वहीँ पिछले दिनों यहाँ बने अवैध निर्माण पर सीएम योगी का बुलडोज़र चला था। दरअसल सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ये एक्शन लिया गया है क्योंकि ये ज़मीन सरकारी थी और इसपर लोग अवैध रूप से कई सालों से रह रहे थे। फिलहाल अकबरनगर में अब ये प्रक्रिया पूरी हो चुकी है वहीँ अब एलडीए और सिंचाई विभाग की ओर से पांच मुहल्लों में सर्वे का काम पूरा कर लिया गया है। ऐसे में अब लखनऊ में कौन से मकान अवैध निर्माण की लिस्ट में आते हैं आइये जानते हैं।
नवाबों के शहर लखनऊ में सरकार तेज़ी से अवैध निर्माण पर बुलडोज़र चला रही है ऐसे में एक तरफ कुकरैल नदी को नया जीवन देने की योजना पर भी तेज़ी से काम होता नज़र आ रहा है वहीँ कुकरैल सुंदरीकरण योजना के चलते अब भीकमपुर और अकबरनगर के बाद पांच अन्य मुहल्लों के अवैध निर्माण पर भी बुलडोजर चल सकता है। जिसके लिए एलडीए और सिंचाई विभाग के अफसरों ने भारी पुलिस बल के साथ अबरारनगर, खुर्रमनगर, रहीमनगर, पंतनगर और जसवंतनगर में सर्वे का काम लगभग पूरा कर लिया है। गौरतलब है कि मिली जानकारी के मुताबिक इन मोहल्ले में करीब 1000 मकान कुकरैल नदी के दायरे में आ सकते हैं। जिनपर बुलडोज़र चल सकता है।
अधिकारीयों से मिली जानकारी के अनुसार कुकरैल नदी के उद्गम स्थल अस्ती गांव से लेकर गोमती नदी तक सुंदरीकरण कराने का फैसला किया गया है। तय योजना के मुताबिक, कुकरैल नदी को प्रदूषणमुक्त करने के साथ ही सुंदरीकरण करने के लिए इस पूरे रूट पर अवैध निर्माण चिन्हित कर उसे तोड़ने का निर्णय लिया गया है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने कुकरैल नदी के दोनों किनारों पर 50-50 मीटर तक के क्षेत्र को ‘बाढ़ क्षेत्र’ घोषित किया है। जिसके चलते नदी के दोनों किनारों पर 50 मीटर के दायरे में किसी तरह का कोई निर्माण कार्य या वाणिज्यिक गतिविधियां संचालित नहीं हो सकतीं हैं। वहीँ नदी के किनारे भी किसी भी तरह का अतिक्रमण नहीं हो सकेगा। वहीँ अगर कोई भी यहाँ किसी तरह का निर्माण करेगा तो इसे अवैध माना जायेगा। कोई भी गतिविधि दिखती है तो प्रशासन और सिंचाई विभाग को इन्हे चिन्हित कर तोड़ने का अधिकार है।