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Lucknow University: ‘लखनऊ घोषणा पत्र’ तैयार, 200 विश्वविद्यालयों में लागू होंगी नीतियां
Lucknow University: कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने कहा कि ‘लखनऊ घोषणा पत्र’ को समाज, सहयोग, सुधार, सततता और संस्कार जैसे ‘पंचसूत्र’ से तैयार किया गया है। इसमें एनएसआईएल 2024 के सत्रों का निष्कर्ष है। जिसे देश के विश्वविद्यालयों में लागू किया जाएगा। समापन समारोह में मुख्य अतिथि ने कहा कि एनईपी 2020 के साथ पुराने भारत का पुनरुत्थान होगा।
Lucknow University: लखनऊ विश्वविद्यालय और विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान की ओर से आयोजित अखिल भारतीय संस्थागत नेतृत्व समागम-2024 का समापन हुआ। यहां बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर मुख्य अतिथि रहे। इस तीन दिवसीय समागम में 200 विश्वविद्यालयों के लिए नीतियां बनाई गई हैं। देशभर के संस्थानों में लागू होने वाले लखनऊ घोषणा पत्र को ‘पंचसूत्र’ नाम दिया गया है।
एनएसआईएल का निष्कर्ष है ‘लखनऊ घोषणा’
लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने कहा कि ‘लखनऊ घोषणा पत्र’ को समाज, सहयोग, सुधार, सततता और संस्कार जैसे ‘पंचसूत्र’ से तैयार किया गया है। इसमें एनएसआईएल 2024 के सत्रों का निष्कर्ष है। जिसे देश के विश्वविद्यालयों में लागू किया जाएगा। समापन समारोह में मुख्य अतिथि ने कहा कि एनईपी 2020 के साथ पुराने भारत का पुनरुत्थान होगा। बिहार के राज्यपाल ने कहा कि उच्च शिक्षा के विकास में ऐसा शिक्षा समागम एक मील का पत्थर साबित होगा। शिक्षा में विकास पूरे देश के युवाओं और संस्थान के समग्र विकास में योगदान देगा। ताकि हमारा देश पूरी दुनिया का विश्वगुरु बन उनका नेतृत्व करे।
पांच संस्थानों को दिए गए ‘पंचसूत्र’
समापन समारोह में विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रोफेसर कैलाश चंद्र शर्मा ने कहा कि एनएसआईएल से भारत को विश्वगुरु बनने के लिए एक नया रास्ता मिलेगा। प्रो. शर्मा ने बताया कि इस समागम का परिणाम ‘लखनऊ घोषणा’ के रूप में सामने आया है। उन्होंने कहा कि यह घोषणापत्र कई विश्वविद्यालयों के चार कुलपतियों और एक स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य को दिया गया। संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि हमें विश्वास है कि पंचसूत्र को केवल इन पांच संस्थानों में ही नहीं, बल्कि देश के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में लागू किया जाएगा।
विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान के महासचिव प्रोफेसर नरेंद्र कुमार तनेजा ने छात्रों के आध्यात्मिक विकास के महत्व के बारे में बताया। प्रोफेसर तनेजा ने समागम में 55 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की सफल भागीदारी की भी सराहना की। इस मौके पर आयोजन सचिव प्रो. राकेश द्विवेदी समेत कई अन्य उपस्थित रहे।