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Lucknow Murder Mystery: केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर हाउस हत्याकांड, उलझी है हत्या की गुत्थी, दिल्ली के फ़ुटेज का इंतज़ार

Lucknow Murder Case: Newstrack से बातचीत करते हुए मृतक के बड़े भाई विकास श्रीवास्तव ने बताया कि पुलिस पर हमें पूरा भरोसा है। मैं सिर्फ इतना चाहता हूं कि मामले की गहनता से से जांच हो, जिससे हमारे भाई को न्याय मिल सके।

Anant Shukla
Published on: 3 Sept 2023 8:15 PM IST (Updated on: 4 Sept 2023 8:01 AM IST)
Lucknow Murder Mystery: केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर हाउस हत्याकांड, उलझी है हत्या की गुत्थी, दिल्ली के फ़ुटेज का इंतज़ार
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Lucknow Kaushal Kishor House Murder Case (Photo-Social Media)

Lucknow Kaushal Kishor House Murder Case: तीन दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस या पीड़ित ही नहीं आरोपी माने जा रहे मंत्री के परिजनों तक को विनय श्रीवास्तव की हत्या का मोटिव बताना या पता चलना मुश्किल हो रहा है। हालाँकि पीड़ित परिवार के यहाँ मातम छाया हुआ है। विनय के भाई व माँ का रो रो कर बुरा हाल है। जबकि मंत्री के आवास पर सब कुछ सामान्य चल रहा है, जैसे कुछ हुआ ही न हो। मंत्री बीमार चल रहे हैं, लोग मिज़ाज पुर्सी के लिए आ जा रहे हैं। पीड़ित परिवार की कोई भी शिकायत मंत्री व जाँच के तौर तरीक़े से नहीं है। पर मीडिया को लेकर बहुत नाराज़गी पीड़ित के परिजनों से साफ़ झलकती है। उनका कहना है कि विकास न तो शराब पीता था, न जुआ खेलता था फिर भी मीडिया यह सब ऊटपटाँग लिख रहा है। हमसे मीडिया के लोग पूछ कर कुछ और जाते हैं, लिख कुछ और देते हैं।

हालाँकि मंत्री के बेटे के खिलाफ आर्म्स एक्ट की धारा -30 को तहत मुक़दमा लिख दिया गया है। इसमें छह माह का कारावास और दो हज़ार रुपये का जुर्माना हो सकता है। क्योंकि विनय श्रीवास्तव की हत्या में प्रयुक्त पिस्टल केंद्रीय आवासन और शहरी राज्य मंत्री कौशल किशोर के बेटे विकास किशोर की थी। पुलिस ने जिस तरह हत्यारोपियों-अजय रावत, अंकित वर्मा और शमीम उर्फ़ बाबा को रिमांड पर लेने की जगह जेल जाने दिया, इसने भी शक की सुई को गहराया है। वह भी तब जब डीसीपी राहुल राज यह कह रहे हों कि इस मामले में विकास किशोर से कई मामलों में पूछताछ की जायेगी। विनय के भाई विभू का कहना है कि उनके भाई की हत्या का मुख्य सूत्रधार अरुण प्रताप सिंह उर्फ़ बंटी घटना स्थल पर था पर पुलिस ने उसे गिरफ़्तार करने की जगह छोड़ दिया। पुलिस की जाँच में जो भी कहानी सामने आ रही है पीड़ित के परिजन इसे बेबुनियाद बताकर मुख्य साज़िशकर्ता को बचाने की कहानी बता कर ख़ारिज कर रहे है।

गहनता से हो जांच-विकास श्रीवास्तव

Newstrack से बातचीत करते हुए मृतक के बड़े भाई विकास श्रीवास्तव ने बताया कि पुलिस पर हमें पूरा भरोसा है। मैं सिर्फ इतना चाहता हूं कि मामले की गहनता से से जांच हो, जिससे हमारे भाई को न्याय मिल सके। हमें बस इतना जानना है कि हमारे भाई को किसने और क्यों मारा है?

नियोजित तरीके से हुई हत्या

पुलिस द्वारा बताए गए दारू पार्टी के बाद जुआ खेलने की बात को विकास ने सिरे नकार दिया। उन्होंने कहा कि मेरा भाई न तो दारु पीता था। न ही जुआ खेलता था। सीसीटीवी कैमरे के मुताबिक़ जैसे ही मेरा भाई घर आने के लिए निकला, उसी समय किसी ने पीछे से बुलाया। इसके बाद वहां पर कुछ तो बड़ा हुआ। क्योंकि सीसीटीवी में दिख रहा है कि वहां पर लेटा हुआ अजय रावत अचानक उठकर तेजी से अंदर भागता है। इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि यह घटना अचानक नहीं हुई । इसके पीछे काफी प्लान बनाया गया था। ठीक से जांच हो जाए तो मुख्य आरोपी पकड़ें आ जायेगा। हत्या का मोटिव भी खुल जायेगा।

मंत्री जी का सहयोग मिल रहा, लेकिन बेटे पर शक-विकास श्रीवास्तव

विकास ने बताया कि मंत्री जी पूरा सहयोग कर रहे हैं। उनके विरुद्ध मैंने जो भी बोला है, उसके लिए मैं क्षमा प्रार्थी हूं। कौशल किशोर के लड़के विकास किशोर पर तब तक शक है, जब तक उनका दिल्ली पहुंचने का सीसीटीवी फुटेज सामने नहीं आ जाता है। इसके लिए दरोगा जी दिल्ली के लिए रवाना हो चुके हैं। दिल्ली के फ़ुटेज कब मिलेंगे यह नहीं कहा जा सकता। पर तब तक विकास श्रीवास्तव मंत्री के बेटे को क्लीन चिट मिलने या देने को लेकर नाराज़गी जताते हैं। वह कहते हैं कि हो सकता है कि उन्होंने ही घटना को अंजाम दिया हो, या फिर साजिश में शामिल हों। दोनों आशंकाओं से इंकार नहीं किया जा सकता है।

सिक्रेट छुपाने के लिए हत्या की आशंका

विकास ने Newstrack से बताया कि विनय श्रीवास्तव का मंत्री जी के लड़के विकास के साथ काफी दिनों से अच्छा संबंध था। लेकिन यह भी हो सकता है कि मेरे भाई को उन लोगों के बारे में सब कुछ पता था। सारी गुप्त सूचनाएं उसके पास थीं। कोई ऐसी घटना देख लिया हो, जिसे मंत्री परिवार छुपाना चाहता हो और उसकी हत्या करवा दी।

उस दिन सीर्फ दो सीसीटीवी चल रहा था

विकास श्रीवास्तव नें बताया कि सामान्य दिनों में मंत्री के आवास में लगे सभी सीसीटीवी चलते थे। लेकिन उस दिन सीर्फ दो सीसीटीवी ही चल रहा था। बाकि सब बंद थे। उन्होंने बताया कि यह काम नहीं कर रहा। इससे शक और गहरा होता जा रहा है।

सही चल रही जाँच

उन्होंने कहा कि अभी तो लग रहा है की जांच अच्छे से हो रही है। आज यानी रविवार को मंत्री जी ने भी सुबह बुलाया था। उन्होंने आश्वासन दिया है की जांच अच्छे से करवाया जाएगा। हर संभव मदद करने के लिए तैयार है।

दारू पार्टी पुलिस की मनगढ़ंत कहानी

विकास श्रीवास्तव ने कहा कि पुलिस द्वारा दारू पीकर जुआ खेलने की घटना मनगढ़ंत है। क्योंकि मेरा भाई न तो जुआ खेलता था और न ही दारू पीता था। अगर दारू पार्टी हुई भी थी। तो दारू लाते हुए सीसीटीवी में दिखना चाहिए था । या घटना वाले स्थल पर दारू की बोतल या गिलास भी दिखना चाहिए था। लेकिन कुछ नहीं दिखा। यदि दारू को किसी गुप्त दरवाजे से लाया गया था ।तो उसको भी स्पष्ट करना चाहिए जांच में।

पकड़े गए तीनों मोहरे, साजिशकर्ता कोई और

मृतक के भाई ने कहा कि पकड़े गए तीनों लोगों से कड़ाई से पूछताछ होनी चाहिए। जिससे खुद-ब-खुद वास्तविकता सामने आ जाएगी। क्योंकि हमें नहीं लगता कि यह कार्य उन लोगों ने अपने मन से किया होगा। इसके पीछे मुख्य साजिशकर्ता कोई और हो सकता है।

जुआ में हारने की वजह से हत्या मनगढंत

मृतक के भाई ने बताया कि पुलिस द्वारा सुनाई गई कहानी सही नहीं है। यदि ऐसा हुआ था तो तीन अन्य लोग भी थे । वह पिस्तौल मारने वाले को पकड़ लेते, तो ऐसी घटना तो नहीं होती। लेकिन यह घटना पूर्व नियोजित है। तभी ऐसा हुआ। सीसीटीवी के अनुसार सुबह चार बजे के करीब जब विनय घर आने के लिए निकला उसी समय पीछे से किसी ने बुलाया। इसके तुरंत बाद गोली चली या ऐसी कोई घटना हुई, जिससे लेटा अजय तेजी से उठकर अंदर भागा और उसके बाद उसकी हत्या हो गई।

हर संभव मदद के लिए तैयार

Newstrack से बात करते हुए केन्द्रीय मंत्री कौशल किशोर ने कहा कि हमारा एक कार्यकर्ता मर गया। यह मेरी हानि है। मैं पीड़ित परिवार के साथ खड़ा हूं। दोषियों को जल्द-से-जल्द सख्त सजा मिले, इसके लिए पूरा सहयेग किया जा रहा है। उन्होंने कहा शुक्रवार को मैं मृतक की मां से मिलकर आ रहा हूं। परिवार काफी दुखी है। दुख तो हमें भी है। हमारा सहयोगी हमारे बीच नहीं रहा। हर कार्य में हमारे साथ लगा रहता था। हालांकि उन्होंने इस मुद्दे पर इससे अधिक बोलने से इनकार कर दिया। उनका कहना था कि इस मुद्दे पर कम ही बोलें तो ठीक है। नहीं तो बात का बतंगड़ बनना शुरू हो जाएगा।



Anant Shukla

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