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Lucknow News: बाघों की बढ़ी संख्या और एक पेड़ मां के नाम योजना को किया साकार, अब मिला बड़ा उपहार!

Lucknow News: सुनील चौधरी ने प्रभागीय वनाधिकारी, पौड़ी गढ़वाल के रूप में दो वर्ष के कार्यकाल मे कई मानव भक्षी तेंदुओं के आंतक निवारण की योजना व रणनीति तैयार कर शीघ्रता व सफलतापूर्वक समस्या का समाधान किया।

Abhinendra Srivastava
Published on: 1 Dec 2024 12:58 PM IST
Kakori Tiger News
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 भागो भागो बाघ आया, और मच गई भगदड़, दहशत में ग्रामीण, हर तरफ सुन रहे बाघ की आहट (social media)

Lucknow News: वन की सुरक्षा, जानवरों की रक्षा और वृक्षारोपण से पर्यावरण को स्वच्छ बनाने की योजनाओं को धरातल पर मजबूती से लागू करने वाले भारतीय वन सेवा के अधिकारी सुनील चौधरी को उ०प्र० शासन द्वारा प्रधान मुख्य वन संरक्षक और विभागाध्यक्ष के पद की नियुक्ति प्रदान की गयी है। 1 दिसंबर 2024 को उन्होंने प्रधान मुख्य वन संरक्षक और विभागाध्यक्ष, उत्तर प्रदेश का पदभार ग्रहण किया। सुनील चौधरी ने 35 वर्षों के कार्यकाल में प्रभागीय वनाधिकारी, पौढ़ी गढ़वाल, सहारनपुर व शिवालिक, वन संरक्षक, बरेली, फील्ड डायरेक्टर, दुधवा टाइगर रिजर्व, मुख्य वन संरक्षक, वन्यजीव पश्चिमी क्षेत्र, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक, आगरा, प्रोजेक्ट टाइगर, योजना एवं कृषि वानिकी एवं प्रधान मुख्य वन संरक्षक, अनुश्रवण एवं कार्ययोजना तथा प्रबन्ध निदेशक, उत्तर प्रदेश वन निगम के रूप में कार्यों का कुशलतापूर्वक सम्पादन किया।सुनील चौधरी के महत्वपूर्ण कार्यों में पीलीभीत टाइगर रिजर्व व शिवालिक हाथी रिजर्व की स्थापना, मस्त हाथी मानव भक्षी बाघ व तेन्दुओं को नियंत्रित कर मानव वन्यजीव संघर्ष न्यून करने, विशेष बाघ संरक्षण बल व टाइगर फाउन्डेशन के गठन में विशेष भूमिका व योगदान शामिल है।

कौन हैं सुनील चौधरी?

सुनील चौधरी भारतीय वन सेवा में उत्तर प्रदेश सम्वर्ग के 1989 बैच के अधिकारी हैं। यूपी शासन द्वारा प्रधान मुख्य वन संरक्षक और विभागाध्यक्ष के पद की नियुक्ति प्रदान की गयी है। उनका जन्म 06-04-1967 को हिमाचल प्रदेश के शिमला जनपद में हुआ। उन्होंने जीव विज्ञान में परास्नातक (M.Sc. Zoology) की डिग्री प्राप्त की है।

वो कार्य जिसने वन क्षेत्र की बदल दी तस्वीर

सुनील चौधरी ने प्रभागीय वनाधिकारी, पौड़ी गढ़वाल के रूप में दो वर्ष के कार्यकाल मे कई मानव भक्षी तेंदुओं के आंतक निवारण की योजना व रणनीति तैयार कर शीघ्रता व सफलतापूर्वक समस्या का समाधान किया। प्रभागीय वनाधिकारी, सहारनपुर और शिवालिक के रूप में 6 वर्षों के कार्यकाल में शहर में मस्त हाथी संकट का सफलतापूर्वक समाधान, हाथी गलियारे की पहचान करने और शिवालिक हाथी रिजर्व बनाने तथा वास स्थल में सुधार और अवैध शिकार एवं अवैध कटान पर रोक लगाकर वन क्षेत्रों में तेंदुए की संख्या में वृद्धि करने में सफलता प्राप्त की। उन्होंने 3.5 वर्षों तक वन संरक्षक बरेली के पद पर रहे। इस अवधि में उनकी सफलताओं में पीलीभीत टाइगर रिजर्व के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका व भविष्य के संरक्षण प्रयासों के लिए एक प्रभावी नींव रखना तथा एक के बाद एक लगातार दो अवैध शिकार करने वाले अभियुक्तों करे गिरफ्तार करने और प्रसिद्ध खट्टर आदमखोर को पकड़ना शामिल है।

फील्ड डायरेक्टर, दुधवा टाइगर रिजर्व के रूप में 2.5 वर्षों के कार्यकाल में उन्होंने राष्ट्रीय उद्यान के प्रबन्धन तथा इसे अन्तर्राष्ट्रीय मानचित्र में स्थान दिलाने में सफलता प्राप्त की। दुधवा में प्राप्त सफलताओं में व्याप्त हड़ताल खत्म कराकर स्थानीय कर्मचारियों को वापस काम पर शामिल कर उन्हें विश्वास में लेना, दूसरे एन्क्लोजर में गैंडों का पुनर्वास कराया गया जिसमे ये परियोजना 15/20 वर्षों से धूल फांक रही थी, उन्होंने विशेष बाघ संरक्षण बल का गठन किया तथा प्रभावी गश्त और वाल स्थल में सुधार किया जिसके फलस्वरूप बाघों की संख्या वृद्धि हुई और उनकी संख्या 114 से बढ़कर 173 हो गयी,उन्होंने गौरीफंटा में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटवाया और स्थानीय सांठगांठ को नष्ट करवाया साथी डॉग स्क्वायड को भी शामिल करवाया। उन्होंने अपने कार्यकाल में टाइगर फाउंडेशन की स्वीकृति एवं कर्नाटक से 11 हाथी लाकर गश्त तंत्र को अधिक सुढण करवाया इसके साथ ही वर्ष 2017 में उनके कार्यकाल में "अन्तर्राष्ट्रीय पक्षी महोत्सव" का सफल आयोजन किया गया तथा 06 व्यक्तियों को मारने वाले चेद्दीपुर के प्रसिद्धा मानव भक्षी को पकड़ा गया। उनके ही कार्यकाल में समय समय पर घटित मानव वन्यजीव संघर्ष की विपरीत स्थितियों को नियंत्रित करने में सफलता प्राप्त की गयी।

मुख्य वन संरक्षक, वन्यजीव, पश्चिमी के बाद उन्होंने अपने कर्तव्यों का निर्वाहन करते हुए 2.5 वर्ष की अवधि में 12 पक्षी अभ्यारण्यों का प्रबंधन किया, इसी दौरान तीन अभ्यारण्यों को रामसर स्थल घोषित किया गया। सूरसरोवर अभ्यारण्य, आगरा में राष्ट्रीय स्तर के पक्षी महोत्सव का आयोजन किया गया तथा रानीपुर टाइगर रिजर्व से संबंधित सभी प्रकरणों की स्वीकृति दी गयी इसके साथ ही महावीर स्वामी ललितपुर में गिद्ध संरक्षण, राजदरी वाटर फॉल तथा देवदरी वाटर फॉल में इकोटूरिज्म गतिविधियों का विकास किया गया। सुनील चौधरी के नेतृत्व में ही चंदौली में तेंदुए का सफल रेस्क्यू ऑपरेशनकिया गया। कानपुर प्राणि उद्यान के निदेशक रहते हुए भी उन्होंने बर्ड फ्लू चुनौतियों का सफलता पूर्वक समाधान किया साथ ही उनके हे निर्देशन में राइनो को गुजरात भेजते हुए हिप्पो को गोरखपुर चिड़ियाघर पहुँचाया गया। ज्वाइनिंग से उनके द्वारा पहले मौजूद रेस्टलेस की स्थिति एवं हड़ताल की स्थितियों पर नियंत्रण किया तथा बचाए गए 12 चीतल और एक बाघ की सफल चिकित्सा एवं WII के साथ डॉल्फिन और प्रकृति व्याख्या केंद्र का उद्घाटन कराया गया।

अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक, आगरा जोन में उनका कार्यकाल 1.5 वर्ष का रहा। इस दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा हरी झंडी दिखाकर इकोटूरिज्म के लिए ड्राई रन प्रारम्भ किया। उनके नेतृत्व में अलीगढ़ में बाघ व तेंदुए का सफल ऑपरेशन किया गया तथा मुख्य सचिव द्वारा ताज लॉन और मियावाकी वृक्षारोपण का नवीनीकरण हुआ और मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव को कुकरैल नाइट सफारी का रफ ड्राफ्ट भेंट किया गया।

सुनील चौधरी 7 सितम्बर 2022 से 1 जुलाई 2024 तक अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक रहे और 30 जनवरी 2023 से जून 2023 तक वह मुख्य वन्यजीव अभिरक्षक के रूप में कार्यरत रहे।उनके इस कार्यकाल में उनके द्वारा चार टाइगर रिजर्व का प्रबंधन किया गया, वहीँ रानीपुर टाइगर रिजर्व को अंतिम रूप दिया गया, उन्होंने गोरखपुर में मस्त हाथी को सफलतापूर्वक संभाला और महोबा में 'नेचर एण्ड बर्ड फेस्टिवल' का सफल आयोजन किया गया। उनके कार्यकाल में इकोटूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए भारत के उच्च स्तरीय टूर ऑपरेटरों को शामिल किया गया जो अपनी तरह का पहला प्रयास था। उनके कार्यकाल में कई मानव वन्यजीव संघर्ष की विपरीत परिस्थितियों को सफलतापूर्वक नियन्त्रित किया गया और विशेषज्ञ समिति और तकनीकी समिति से सफलतापूर्वक कुकरैल नाइट सफारी की सैद्धान्तिक सहमति प्राप्त की गयी है, इसी दौरान मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में स्टेट बोर्ड ऑफ वाइल्डलाइफ की सम्पादित बैठक में वन्यजीव क्लीयरेंस हेतु परियोजनाएं एजेण्डा के रूप में पेश भी किया गया। इसके अतिरिक्त उनके द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में 6 अक्टूबर 2023 को पीलीभीत टाइगर रिजर्व में "वन्य प्राणि सप्ताह-2023" के राज्य स्तरीय समारोह का आयोजन किया गया और 2 फरवरी 2024 को सूरजपुर वेटलैण्ड तथा गौतमबुद्धनगर में उत्तर प्रदेश नेचर एवं बर्ड फेस्टिवल-2024 के राज्य स्तरीय समारोह का सफल आयोजन किया गया।

वृक्षारोपण में बनाया रिकॉर्ड

सुनील चौधरी 4 अप्रैल 2024 से अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक, योजना एवं कृषि वानिकी, उ०प्र० के रूप में कार्यरत है. इस दौरान वर्ष 2024 में 36.90 करोड़ पौधों का वृक्षारोपण कराकर उन्होंने विश्व रिकार्ड बनाया, वहीँ पवित्र धारा वृक्षारोपण, मित्र वन, एक पेड़ माँ के नाम जैसी योजनाओं को साकार रूप प्रदान किया तथा टिकाऊ कृषि पद्धतियों को अपनाने हेतु तथा कार्बन क्रेडिट में सहयोग करने हेतु किसानों को प्रेरित कर प्रदेश के हरित आवरण में वृद्धि तथा प्राकृतवास में सुधार में भी योगदान दिया। अब भारतीय वन सेवा के अधिकारी सुनील चौधरी को उ०प्र० शासन द्वारा प्रधान मुख्य वन संरक्षक और विभागाध्यक्ष के पद की नियुक्ति प्रदान की गयी है। 1 दिसम्बर 2024 को उन्होंने प्रधान मुख्य वन संरक्षक और विभागाध्यक्ष, उत्तर प्रदेश का पदभार ग्रहण किया है।



Ragini Sinha

Ragini Sinha

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