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Lucknow News: साजिश या हादसा! निर्वाण आश्रय केंद्र में 4 बच्चों की मौत, अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहे 20 बच्चे, आखिर दो दिनों तक क्यों 'छिपाई गई मौत की बात'

Lucknow News: आश्रय केंद्र में रह रहे 35 बच्चों को उल्टी-दस्त होने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस मामले का खुलासा बच्चों की मौत की खबर लीक होने से हुआ। बताया जाता है कि अस्पताल में भर्ती 4 बच्चों की मौत हो चुकी है।

Hemendra Tripathi
Published on: 27 March 2025 1:51 PM IST (Updated on: 27 March 2025 5:36 PM IST)
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Lucknow News: लखनऊ के निर्वाण आश्रय केंद्र में रह रहे 35 बच्चों को उल्टी-दस्त होने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस मामले का खुलासा बच्चों की मौत की खबर लीक होने से हुआ। बताया जाता है कि अस्पताल में भर्ती 4 बच्चों की मौत हो चुकी है। वहीं, 20 बच्चे अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं, उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है। इस हादसे के बाद लखनऊ के प्रशासनिक अफसरों में हड़कंप मच गया। लिहाजा, अब इस मामले में कोई साजिश है या फ़ूड पॉइजनिंग की वजह से ऐसा हादसा हुआ, इसकी जांच शुरू हो गयी है।

आश्रय केंद्र ने फूड पॉइजनिंग बताई वजह, DM व कमिश्नर ने दिए जांच के निर्देश

आश्रय केंद्र के 4 बच्चों की मौत से मचे हड़कंप के बीच लखनऊ जिलाधिकारी विशाख जी. बीते बुधवार देर रात करीब 8 बजे बच्चों की हालत जानने के लिए लोकबंधु हास्पिटल पहुंचे थे। उन्होंने मौके पर मौनूड अफसरों को इस पूरे मामले की कड़ाई से जांच के आदेश दिए हैं। इसके बाद गुरुवार सुबह मंडलायुक्त रोशन जैकब प्रमुख सचिव लीना जौहरी और लखनऊ जिलाधिकारी विशाख जी. को साथ लेकर लोकबंधु हॉस्पिटल पहुंचीं। इस दौरान उन्होंने बच्चों से बातचीत की। आश्रय केंद्र की ओर से कहा गया है कि फ़ूड पॉइजनिंग की वजह से ऐसा हादसा हुआ है लेकिन मंडलायुक्त ने इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए आश्रय केंद्र की अन्य व्यवस्थाओं के साथ साथ केंद्र पानी की जांच कराने के निर्देश दिए हैं।

आश्रय केंद्र ने 2 दिनों तक दबाए रखा बच्चों की मौत का मामला

पारा इलाके के बुद्धेश्वर में स्थित निर्वाण आश्रय के कर्मचारियों का इस मामले पर कहना है कि बीते 23 मार्च की देर रात दिन की बची हुई खिचड़ी बच्चों को दही के साथ खाने के लिए दी गई थी, जिसके बाद से ही उनकी तबियत बिगड़ने लगी। जानकारी के अनुसार, 23 मार्च से लेकर 26 मार्च के बीच 35 बच्चों को लखनऊ के अलग-अलग अस्पताल भर्ती कराया गया। घटना की रात 23 मार्च के अगले दिन यानी 24 मार्च को लोकबंधु अस्पताल में 15 वर्षीय दीपा, बलरामपुर अस्पताल में 12 वर्षीय सूरज और ठाकुरगंज अस्पताल में 15 वर्षीय शिवांक की मौत हुई। हैरान करने वाली बात ये है आश्रय केंद्र की ओर से 24 मार्च तक 3 बच्चों की मौत के बाद भी प्रशासन से इस पूरी घटना को छिपाया गया। बीते 26 मार्च की सुबह 13 वर्षीय रेनू की लोकबंधु अस्पताल में मौत हुई। इसी दौरान गोपाल और लकी नाम के दो बच्चों को गंभीर हालत में KGMU यानी मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। इसके बाद ही आश्रय केंद्र में हुई बच्चों की मौत का मामला खुलकर सामने आया।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट से बच्चों की मौत की वजह होगी साफ

बताया जाता है कि इस घटना में मरने वाले बच्चों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। साथ ही 2 दिनों तक मामला छिपाकर रखने की वजह से आश्रय केंद्र संदेह के घेरे में आ गया है। जानकारी के मुताबिक, स्वास्थ्य विभाग एवं खाद्य सुरक्षा विभाग की एक टीम ने रिहैब सेंटर पहुंच कर वहां के खाने का सैंपल लिया है। इसके साथ ही नगर निगम, FSDA के साथ साथ कई अन्य विभागों की टीम को आश्रय केंद्र भेजा गया है। आश्रय केंद्र जाने वालीं टीमें वहां सभी इंतजाम और व्यवस्थाओं की जांच करेंगी।

Shalini Rai

Shalini Rai

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