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Lucknow Crime: 'अपनी जान के बिना जीना नहीं चाहता' लिखकर छात्र ने किया सुसाइड का प्रयास, लखनऊ पुलिस ने 5 मिनट में बचाया
Lucknow Crime: पुलिस मुख्यालय की ओर से दी गई जानकारी में यह बताया गया कि छात्र अपनी गर्लफ्रेंड से बात कर रहा था इसी बीच उसकी आपस में कुछ बहस हो गई।
Lucknow Crime: मेटा से मिले इनपुट पर लखनऊ पुलिस ने महज 5 मिनट में 5 किलोमीटर की दूरी तय कर के सुसाइड करने जा रहे 12वीं के छात्र की जान बचाई है। यह इनपुट मेटा के हेडक्वार्टर से डीजीपी मुख्यालय को भेजा गया था जिसके बाद डीजीपी मुख्यालय की ओर से लखनऊ पुलिस को आदेश जारी किए गए। इसके बाद लखनऊ कमिश्नरेट की ओर से सैरपुर थाने को लोकेशन के साथ ही उक्त इंस्टा आईडी दी गई। सैरपुर पुलिस ने महज चंद मिनट के अंदर छात्र के घर पहुंचकर उसकी काउंसिलिंग की और उसकी जान बचा ली।
लिखा- 'अपनी जान के बिना जीना नहीं चाहता'
छात्र ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर 20 सेकंड का एक वीडियो पोस्ट किया जो उसके ही घर का था। इसमें छात्र अपने हाथ में कई टेबलेट लिए दिख रहा है। थोड़ी देर बाद उसने एक साथ सभी टेबलेट खा ली और लोटे से पानी पी लिया। वीडियो में उसने गाना भी लगाया जिसके बोल थे की 'तुझको तरस न आया न देखी मेरी मजबूरियां' साथ ही वीडियो में उसने टेक्स्ट भी लिखा था। छात्र ने वीडियो पर लिखा 'अलविदा माई ऑल फ्रेंड्स, शायद अब हम आप लोगों से कभी न मिल पाएं, मैं अपनी जान के बिना जीना नहीं चाहता' इसी के बाद मेटा ने इसे सेल्फ हार्म और सुसाइडल माना और फिर इसका अलर्ट भेजा गया।
खा ली थी घर में रखी 10 पुरानी टेबलेट
पुलिस मुख्यालय की ओर से दी गई जानकारी में यह बताया गया कि छात्र अपनी गर्लफ्रेंड से बात कर रहा था इसी बीच उसकी आपस में कुछ बहस हो गई। इसी से नाराज होकर उसने अपने घर में रखी 10 पुरानी दवाएं खा ली। इसके बाद इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट भी कर दिया। इंस्टाग्राम ने पोस्ट को सेल्फ हार्म और सुसाइडल मानते हुए तुरंत इसका अलर्ट उत्तर प्रदेश के डीजीपी मुख्यालय की सोशल मीडिया सेल पर भेजा। सोशल मीडिया सेल ने बिना देर किए लखनऊ कमिश्नरेट को पूरे मामले से अवगत कराया। इसके बाद कमिश्नरेट की ओर से तत्काल सैरपुर थानाध्यक्ष जितेंद्र गुप्ता को इनपुट भेज कर अलर्ट किया गया।
थानाध्यक्ष ने दिखाई तेजी तो बची जान
थानाध्यक्ष सैरपुर जितेंद्र गुप्ता ने न्यूज़ट्रैक से बातचीत में बताया कि 24 सितंबर को मेटा की ओर से आए अलर्ट को डीजीपी ऑफिस से लखनऊ कमिश्नरेट की सेल को भेजा गया था। इसके बाद वहाँ से थाने को निर्देशित किया गया। थानाध्यक्ष ने बताया कि अलर्ट मिलने के महज 5 से 6 मिनट के भीतर ही पुलिस की टीम थाने से करीब 5 किलोमीटर दूर पलहरी गांव पहुँच गई। इसी गाँव में छात्र अपने परिवार के साथ रहता है। उसके परिजन मजदूरी आदि का काम करते हैं। पीड़ित के घर पहुँचने के बाद पुलिस टीम ने तत्काल उससे मुलाकात की और प्राथमिक स्तर पर अपने ही प्रयासों से बच्चे की जान बचा ली।