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Lucknow Suicide Case: लखनऊ सुसाइड केस में जिम्मेदार पुलिसकर्मियों पर एक्शन, आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज
Lucknow Suicide Case: मृतक युवक सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी कर रहा था। मामला सामने आने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है।
Lucknow Suicide Case: उत्तर प्रदेश पुलिस एकबार फिर सवालों के घेरे में है। राजधानी लखनऊ में भ्रष्ट पुलिसकर्मियों के प्रताड़ना से तंग आकर 22 साल के एक नौजवान ने मौत को गले लगा लिया। मृतक ने मरने से पहले दो पन्ने का एक सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसने वर्दी के अंदर छिपे आपराधिक मानसिकता वाले लोगों को बेनकाब किया है। मृतक युवक सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी कर रहा था। मामला सामने आने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है।
राजधानी में हुई इस घटना ने पुलिस को शर्मसार कर दिया है। जिसके बाद अब पुलिस विभाग एक्शन में है। मामले में 3 पुलिसकर्मियों समेत 7 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इसके अलावा मृतक युवक ने सुसाइड नोट में जिन तीन पुलिसकर्मियों पर गंभीर आरोप लगाया है, उसे लाइन हाजिर कर दिया गया है।
सुसाइड नोट में क्या लिख युवक ने की आत्महत्या ?
मृतक आशीष कुमार ने दो पन्नों के सुसाइड नोट में लिखा है, नंदू विश्वकर्मा, अरविंद और श्याम किशोर ने षड्यंत्र रच कर हम दोनों भाईयों आशीष कुमार और मनीष उर्फ मयंक पर झूठा केस दर्ज कराया। रहीमाबाद थाने में तैनात दारोगा राजमणि पाल, लल्लन प्रसाद पाल और मोहित शर्मा साहब ने फर्जी एफआईआर दर्ज की।
नोट में आगे लिखा है, हमने इनसे कहा कि हमारे घर के सामने सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। उसको चेक कर लो। धोखे से हम सब भाईयों को थाने में बुलाकर सादे आधार कार्ड पर साइन करा लिया गया। इसके बाद वे मामले को हल्का करने के लिए 50 हजार रूपया घूस मांगने लगे। मैं खुदखुशी करने जा रहा हूं। रहिमाबाद थाना पूरा भ्रष्ट है।
आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज
डीसीपी राहुल राज ने कहा कि मृतक युवक से सुसाइड नोट के आधार पर 3 पुलिसकर्मियों समेत 7 लोगों पर आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच एसीपी मलिहाबाद वीरेंद्र विक्रम सिंह को सौंपी गई है।